एक बार फिर सलमान खान और शाहरुख खान बाबा सिद्दिकी की इफ्तार पार्टी में गले मिले. और फिर से चारों तरफ यही चर्चा हो रही है. पिछली बार जब सलमान और शाहरुख आमने सामने आये थे तो खास बात यह थी कि दोनों की लड़ाई के बाद पहली बार दोनों आमने सामने खड़े हुए थे. सो, लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिये थे कि अब दोनों दोबारा दोस्त बन जायेंगे. लेकिन पिछले एक साल के दरमियां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. फिर से दोनों का आमना सामना इसी इफ्तार पार्टी में हुआ. जिंदगी चैनल के धारावाहिक में अपने पिता से नाराज बेटी कहती है कि दुश्मनी वह नहीं होती, जो वक्त के साथ खत्म हो जाये या बदल जाये. दरअसल, दुश्मनी के भी अपने रंग रूप होते हैं. यह निर्भर करता है, कि निभाने वाले इसे किस तरह निभा रहे. सलमान और शाहरुख का दोबारा इफ्तार पार्टी में मिलना इस बार महज एक इत्तेफाक नहीं हो सकता. इफ्तार के बहाने ही सही अगर दोनों कम से कम साल में एक बार ही सही इस पाक महीने में एक दूसरे को गले लगाते हैं तो कम से कम थोड़ी सकारात्मकता तो दोनों आपस में बांटते ही हैं. यह बात जगजाहिर है कि कभी भी सलमान खान या शाहरुख खान ने मीडिया में सार्वजनिक रूप से एक दूसरे के लिए आग नहीं उगला. आज भी सलमान को जब भी मौका मिलता है. वह शाहरुख की तारीफ करते नहीं थकते. इससे यह तो स्पष्ट है कि कम से कम अब दोनों के मन में एक दूसरे के लिए कड़वी बातें नहीं. भले ही दोनों के संबंध एक से न हों. लेकिन दोनों दुश्मनी भी बखूबी निभा रहे हैं. दोनों पर कटाक्ष करने की बजाय एक दूसरे को अपने काम से हरा जीता रहे हैं. खान बंधू के इन चाहनेवालों के लिए और मीडिया के लिए अब सलमान खान की फिल्मों के इंतजार के साथ ही हर साल बाबा सिद्दिकी की इफ्तार पार्टी का इंतजार जरूर रहेगा.
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20140802
इफ्तार मिलन
एक बार फिर सलमान खान और शाहरुख खान बाबा सिद्दिकी की इफ्तार पार्टी में गले मिले. और फिर से चारों तरफ यही चर्चा हो रही है. पिछली बार जब सलमान और शाहरुख आमने सामने आये थे तो खास बात यह थी कि दोनों की लड़ाई के बाद पहली बार दोनों आमने सामने खड़े हुए थे. सो, लोगों ने कयास लगाने शुरू कर दिये थे कि अब दोनों दोबारा दोस्त बन जायेंगे. लेकिन पिछले एक साल के दरमियां ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. फिर से दोनों का आमना सामना इसी इफ्तार पार्टी में हुआ. जिंदगी चैनल के धारावाहिक में अपने पिता से नाराज बेटी कहती है कि दुश्मनी वह नहीं होती, जो वक्त के साथ खत्म हो जाये या बदल जाये. दरअसल, दुश्मनी के भी अपने रंग रूप होते हैं. यह निर्भर करता है, कि निभाने वाले इसे किस तरह निभा रहे. सलमान और शाहरुख का दोबारा इफ्तार पार्टी में मिलना इस बार महज एक इत्तेफाक नहीं हो सकता. इफ्तार के बहाने ही सही अगर दोनों कम से कम साल में एक बार ही सही इस पाक महीने में एक दूसरे को गले लगाते हैं तो कम से कम थोड़ी सकारात्मकता तो दोनों आपस में बांटते ही हैं. यह बात जगजाहिर है कि कभी भी सलमान खान या शाहरुख खान ने मीडिया में सार्वजनिक रूप से एक दूसरे के लिए आग नहीं उगला. आज भी सलमान को जब भी मौका मिलता है. वह शाहरुख की तारीफ करते नहीं थकते. इससे यह तो स्पष्ट है कि कम से कम अब दोनों के मन में एक दूसरे के लिए कड़वी बातें नहीं. भले ही दोनों के संबंध एक से न हों. लेकिन दोनों दुश्मनी भी बखूबी निभा रहे हैं. दोनों पर कटाक्ष करने की बजाय एक दूसरे को अपने काम से हरा जीता रहे हैं. खान बंधू के इन चाहनेवालों के लिए और मीडिया के लिए अब सलमान खान की फिल्मों के इंतजार के साथ ही हर साल बाबा सिद्दिकी की इफ्तार पार्टी का इंतजार जरूर रहेगा.
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