दीपिका पादुकोण का मानना है कि इम्तियाज अली उन्हें उनसे भी बेहतर तरीके से जानते हैं. वे इम्तियाज पर पूरा विश्वास करती हैं. और उनकी वजह से ही वह फिर से रणबीर कपूर के साथ फिल्म करने के लिए तैयार हुई हैं. इम्तियाज ने ही दीपिका को फिल्म कॉकटेल में वेरोनिका का किरदार निभाने के लिए प्रेरित किया था. परिणीति चोपड़ा मानती हैं कि उन्हें हबीब फैजल जितनी बखूबी जानते हैं. उतना कोई नहीं. हबीब फैजल की फिल्म इशकजादे से ही उन्होंने मुख्यधारा की फिल्मों में प्रवेश किया. फिल्म लूटेरा की कामयाबी का पूरा श्रेय निर्देशक विक्रामादित्य मोटवाणे को मिला. सबने इस बात पर हामी भरी कि विक्रमादित्य ने ही सोनाक्षी से इतना बेहतरीन अभिनय कराया. सोनाक्षी की छवि इस फिल्म ने पूरी तरह से बदल कर रख दी थी. आशा पारेख ने हमेशा अपनी सफलता का श्रेय नासीर हुसैन को दिया. वहीदा रहमान गुरुदत्त के फिल्म मेकिंग की फैन थीं. दरअसल, हकीकत यही है कि फिल्में केवल अच्छी कहानियों से ही नहीं बनती. एक कलाकार को एक निर्देशक का वीजन समझना भी उतना ही अनिवार्य है. जितना कि फिल्म की कहानी को समझना. शाहरुख खान ने हाल ही में एक चैट शो में बताया कि किस तरह हेमा मालिनी ने उन्हें सिर्फ उनकी नाक की वजह से नायक बना दिया. दरअसल, जब निर्देशक के माध्यम से फिल्में दर्शकों तक पहुंचती हैं तो दर्शक भी कहीं न कहीं उससे मोहित होता ही है. निर्देशन का यही सममोहन होता है. विद्या बालन मानती हैं कि फिल्म कहानी में उन्हें भी पूरी कहानी मालूम नहीं थी. लेकिन जिस तरह सुजोय ने कहानी को रचा. विद्या बालन विद्या बागची बनीं. यह पूरी परिकल्पना सुजोय की थी. कभी कभी किसी निर्देशक की अति दर्शकों को चुभती जरूर है. लेकिन यह बेहद जरूरी है कि एक कलाकार और निर्देशक के बीच ऐसा रिश्ता कायम हो.
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