20120719

मन तड़पत मीरा बनने को आज



फिल्म बंदिनी में कल्याणी( नूतन) आखिरकार बंदिनी बन कर उसी पुरुष के कदमों में फिर से गिर जाती है. जिसने उसे धोखा दिया. कुछ सालों बाद फिल्म गाइड की अभिनेत्री अपने प्यार न करनेवाले पति के जूल्मों को सहने की बजाय राजू गाइड से प्यार कर बैठती है. कुछ सालों बाद फिल्म फैशन की अभिनेत्री अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपनी इज्जत को दांव पर लगा देती है. लेकिन फिल्म इश्किया में वही अभिनेत्री क्रूरूर रूप धारण करती है. वह अपने बेवफा पति से बदला लेती है. गोली मारते समय उसके हाथ नहीं कांपते. इश्किया की अभिनेत्री को देख कर लगता है कि फिल्मों की महिलाएं बोल्ड हो रही हैं और अब वे मीरा बन कर रहना नहीं स्वीकारेंगी. लेकिन अगले ही पल फिल्म कॉकटेल की अभिनेत्रियां फिर उस भ्रम को तोड़ देती हैं. फिल्म में दो महिलाएं हैं. वेरोनिका. जो बिंदास कपड़े पहनती है. बार में जाती है. जिसकी जिंदगी में पाबंदी की कोई जगह नहीं. वही दूसरी तरफ मीरा है शुद्ध भारतीय नारी है. वेरोनिका बेपरवाह जिंदगी जीती रहती है. लेकिन मीरा और वेरोनिका की जिंदगी में जब एक दिलफेंक गौतम की एंट्री होती है तो वेरोनिका जैसी बिंदास व आधुनिक लड़की भी गौतम के प्यार में पागल हो जाती है. भले ही गौतम पुरुष होकर दोनों ही अभिनेत्रियों की भावनाओं से खेलता है. लेकिन फिर भी वेरोनिका गौतम के लिए समर्पित हो जाती है. दरअसल, हकीकत यह है कि अभिनेत्री की संरचना करते वक्त अब भी फिल्मकारों के जेहन में यही बात रहती है कि समपर्ण हमेशा अभिनेत्री ही करेगी. भले ही अभिनेता को अपनी गर्लफ्रेंड के रूप में वेरोनिका की तरह पिज्ज बर्गर चाहिए. लेकिन पत् नी के रूप में उसे मीरा जैसी घरेलू लड़की ही चाहिए. सच तो यह है कि अब भी महिलाओं को वेरोनिका जैसी बनने की आजादी नहीं. हकीकत में हमेशा उन्हें मीरा की तरह ही दर्शाया जाता रहेगा.

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