20120704

गुर न सिखाते हुए भी गुरु




फिल्म विकी डोनर ने बेहतरीन सफलता हासिल की है. हाल ही में फिल्म के निर्देशक शूजित सिरकार व फिल्म की लेखिका जूही चतुव्रेदी को प्रबुद्ध व मशहूर लेखक सलीम खान ने अपनी फिल्मफेयर ट्रॉफी दी है. इससे पहले भी सलीम खान ने फिल्म चिल्लर पार्टी के लेखक नीतेश तिवारी और विकास बहल को अपनी ट्रॉफियां दी थी.सलीम खान पिछले कई सालों से भले ही फिल्म लेखन नहीं कर रहे. लेकिन वे वर्तमान के बननेवाली फिल्मों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. सलमान खान तो इन दिनों बॉलीवुड के सबसे बड़े सुपरसितारा हैं. लेकिन इसके बावजूद सलीम खान ने अपने बेटों को उनकी फिल्मों से खुश होकर अब तक ऐसा कोई सम्मान नहीं दिया है. हाल ही में सलमान से यह प्रश्न पूछा गया था कि उनके पिताजी की लिखी गयी स्क्रिप्ट से कई सुपरसितारों का जन्म हुआ. लेकिन उनके पिताजी ने उनके लिए कोई स्क्रिप्ट नहीं लिखी. फिर भी वह सुपरसितारा हैं? इस पर सलमान ने बेहतरीन जवाब दिया था कि चूंकि मैं उनका बेटा हूं तो मैं तो उनका सबसे पहला प्रोडक् शन हूं. इससे साफ जाहिर होता है कि वे अपने पिता का कितना सम्मान करते हैं. दरअसल, सलीम खान द्वारा शुरू किया गया यह प्रचलन वाकई सराहनीय है. लेकिन कम शख्सियत यह दमखम रख पाते हैं कि जिंदगी भर अपनी अलमारी में पुरस्कारों को एकत्रित कर उसकी शोभा बढ़ानेवाले कभी इसे आनेवाली पीढ़ी को सौंपें. नये लेखकों को प्रेरित करने का सलीम खान का यह अंदाज वाकई अनोखा है.अलग है. यह दर्शाता है कि वे किसी तरह कुंठित न होकर कैसे नये पीढ़ी का स्वागत कर रहे हैं. दरअसल, बतौर लेखक नयी पीढ़ी को लेखन के कोई गुर न सिखाते हुए भी सलीम एक गुरु का फर्ज निभा रहे हैं. वे नये लोगों का उत्साह बढ़ा रहे हैं.किसी लीजेंडरी लेखक की यह छोटी सी पहल दूर तक फैलनेवाली आशा की किरण है

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