20120730

और भूत बंगला बना काका का आशीर्वाद


राजेश खन्ना की मृत्यु के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि उनकी बेटियां उनके बंगले आशीर्वाद को राजेश खन्ना म्यूजियम में बदल देंगी. फिलवक्त कुछ तय नहीं है.  कुछ दिनों पहले राजेश ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरी बेटियां सुखी संपन्न हैं. उन्हें मेरे बंगले या प्रॉपर्टी की जरूरत नहीं. लेकिन यह उन पर निर्भर करता है कि वे इसका क्या करती हैं. लेकिन मेरे लिए आशीर्वाद धरोहर है और रहेगा. शायद राजेश की बेटियां अपने पिता की इस धरोहर को सहेज कर रखें. चूंकि पिता की धरोहर को सहेज कर रखना उनके औलाद की ही जिम्मेदारी है. आशीर्वाद हमेशा ही हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार के महल के रूप में याद किया जायेगा. फिल्म हाथी मेरे साथी की साइंिनंग अमाउंट से ही राजेश खन्ना ने यह बंगला खरीदा था. जिस वक्त फिल्म रिलीज हुई थी. उस वक्त  काका चेन्नई में थे. काका ने फोन पर अपने साथी अभिनेता रुपेश कुमार से पूछा कि फिल्म कैसी चल रही है. रुपेश ने उन्हें बताया कि काका धमाल हो रहा है. समझ लीजिए ऊपर आका नीचे काका. उस वक्त से इस खुशखबरी के बाद काका ने रुपेश कुमार को कार गिफ्ट कर दी थी.यह बंगला कभी भूत बंगला माना जाता था. इस बंगले के कोई खरीददार नहीं मिल रहे थे. उस वक्त जुबली कुमार राजेंद्र कुमार ने इस घर को खरीदने की हिम्मत जुटायी.डिंपल नाम रखा बंगले का.इस बंगले में रहते हुए ही राजेंद्र जुबली स्टार बनें. लेकिन भूत बंगले की बात उनके जेहन में भी थी. सो, उन्होंने पाली हिल में घर खरीदते ही इसे राजेश को बेंच दिया. राजेश मानते थे कि जिस तरह राजेंद्र को इस बंगले से कामयाबी मिली. उन्हें भी मिलेगी और ऐसा हुआ भी. पहले सुपरस्टार का जन्म हुआ काका के आशीर्वाद थे. अंतिम दिनों में भी आशीर्वाद की छत पर ही आकर काका ने अपने प्रशंसकों का अभिवादन किया था.

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