My Blog List
20120114
रिश्तों में ओम शांति ओम
जल्द ही निर्देशक संजय लीला भंसाली फराह खान को लेकर फिल्म शिरीन-फरहाद का निर्माण करने जा रहे हैं. फिल्म का निर्देशन संजय लीला की बहन बेला करेंगी. फरहा-संजय फिल्म १९४२ लव स्टोरी के दौरान से एक दूसरे के अजीज दोस्त बन गय्ो थे. लेकिन वर्ष २॰॰७ में दोनों की दोस्ती में गहरी दरार तब आयी जब दोनों की फिल्में एक ही दिन रिलीज हुई. उस दौरान अपनी दोस्ती भूला कर वे अपनी फिल्मों की तारीफ में एक दूसरे की फिल्मों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे.फिल्म थीं ओम शांति ओम व सांवरिया . ओम शांति ओम हिट रही और सांवरिया फ्लॉप . फरहा ने अपनी जीत में अतिउत्साही व संजय ने अपने हार के तनाव में अपनी दोस्ती को दांव पर लगा दिया था. इसके बाद भी वे दोनों हमेशा दूर ही रहे. लेकिम ४ सालों बाद सबकुछ भूला कर जब फरहा ने दोस्ती का हाथ बढाया , तो संजय पीछे नहीं हटे. चूंकि वे भी फरहा जैसी दोस्त खोना नहीं चाहते थे और अब दोनों साथ फिल्म भी बनाने जा रहे हैं. दूसरी तरफ किसी जमाने में जिगरी यार रह चुके अनुराग कश्यप अभिनेता मनोज बाजपाई में भी कई सालों तक बातचीत थी. वजह थी कि मनोज ने दोस्त होने के बावजूद फिल्म पांच में काम करने से इंकार कर दिया था. लेकिन दोनों फिर से एक साथ फिल्म गैंग आफ वसीपुर लेकर आ रहे हैं. साथ ही अनुराग ने मनोज अभिनीत फिल्म चिट्टागांग की रिलीज में भी सहयोग कर रहे हैं. कुछ इसी तरह कभी अजीज दोस्त व प्रेम में रह चुके रनबीर कपूर व दीपिका पादुकोण में भी तकरार रहा. दोनों ने एक दूसरे के बारे में कई बातें कहीं. लेकिन वे दोनों फिर से अच्छे दोस्त बन कर अयान मुखर्जी की फिल्म में काम करने जा रहे हैं. सलमान व कट्रीना में आयी दूरी भी अब फिल्म एक था टाइगर से दूर हो जाएँगी . दरअसल, फिल्म इंडस्ट्री में रिश्तों को बनने में जितना वक्त लगता है, बिगड़ते देर नहीं लगती. और फिर बिगडे रिश्तों को सुधारना बेहद कठिन हो जाता है. इसकी सबसे बडी वजह यह है कि पैसे, शोहरत के साथ साथ इंडस्ट्री व्यक्ति को अहंकार भी देता है, जिसकी वजह से रिश्ते दावं पर लग जाते हैं. इंसान कई बार चाह कर भी दोस्ती नहीं कर पाता. चूंकि उसे इस बात का डर लग रहता है कि मीडिया में जगजाहिरी होने से उसकी छवि बिगड जाएगी . इस वजह से वह कभी पहल नहीं करता. खुद फरहा मानती हैं कि संजय से लडाई के बाद वे कभी खुश नहीं रहीं. संजय भी नहीं रहे. लेकिन वे य्ाह भी जानती थीं संजय पहल नहीं करेंगे. सो, उन्होंने की. दोस्ती दरअसल होनी भी ऐसी ही चाहिए. बिना किसी स्वार्थ या अहं के पहल करने में कोई बुराई नहीं है. वरना, अगर इन्हें कुरदेते रहे तो हाल शाहरुख खान व सलमान खान के रिश्तों की तरह ही हो जायेगा . इन दोनों के रिश्तों में जितनी खटास शायद इन दोनों ने व्यक्तिगत रूप से न लायी ho. उतनी जमाने की वजह से आयी. क्यूंकि जमाना दोनों के रिश्तों में नारद की भूमिका अदा कर रहा है. और अब शायद ही मुमकिन है कि जिस तरह बाकी लोगों ने पुरानी बातों को भूल कर नए साल में नयी शुरुआत की है. शाहरुख व सलमान भी साथ हो लें. चूंकि अब इनकी दिलचस्पी अपनी दोस्ती के रिश्ते को बनाने की बजाय इस बात में अधिक हो चुकी है कि दोनों में कौन एक दूसरे की छींटाकशी करने में कामयाबी हासिल करता है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment