20120113

4084 में हंसाता हुआ नजर आऊंगा




‘दिल्ली-6’, ‘रंग दे बसंती’ जैसी फ़िल्मों में दमदार किरदार निभाने के बाद अब अतुल कुलकर्णी फ़िल्म ‘चालीस चौरासी’ में बिल्कुल नये अवतार में नजर आयेंगे. पहली बार वे हास्य किरदार निभा रहे हैं. अतुल कुलकर्णी से अनुप्रिया की बातचीत.
नटरंग जैसी गंभीर फ़िल्म से सराहना बटोर चुके अतुल के लिए यह पहली बार होगा जब वह परदे पर दर्शकों को हंसाते नजर आयेंगे. इस बार वे नसीरुद्दीन शाह, रवि किशन व केके मेनन के साथ फ़िल्म चालीस चौरासी में कुछ अलग ही अंदाज में दिखायी देंगे.
प्रश्न : आपने अब तक गंभीर भूमिकाएं निभायी हैं. अचानक हास्य भूमिका निभाने का ख्याल कहां से आया ?
उत्तर : मैं एक कलाकार हूं, इस लिहाज से मुझे हर तरह के किरदार निभाना ही चाहिए. इसलिए मैंने यह किरदार निभाया.
प्रश्न : फ़िल्म चालीस चौरासी के बारे में बताएं?
उत्तर : इस फ़िल्म में चार दोस्तों की कहानी है. फ़िल्म में कोई अभिनेत्री नहीं है, लेकिन हम अपनी गाड़ी को ही अपनी अभिनेत्री मानते हैं. नसीरुद्दीन शाह साहब को आप इस फ़िल्म में बिल्कुल अलग ही अंदाज में देखेंगे. फ़िल्म में आपको हास्य के साथ-साथ क्राइम थ्रिलर का भी आनंद मिलेगा.
प्रश्न : फ़िल्म का नाम 4084 क्यों है ?
उत्तर : दरअसल, फ़िल्म में हमारी गाड़ी का नाम 4084 है. यह पुलिस वैन है. इस गाड़ी में कुछ ऐसी अजीब स्थितियां बनती हैं, जिससे हास्य पैदा होता है. उम्मीद है कि इस फ़िल्म दर्शकों को खूब हंसायेगी.
प्रश्न : कोई खास वजह, इस फ़िल्म को साइन करने की ?
उत्तर : इससे पहले मैंने हास्य किरदार नहीं किया था. दूसरी बात यह है कि फ़िल्म की स्क्रिप्ट सुनने के बाद आप देखेंगे कि कास्टिंग अजीबोगरीब है. मतलब, आपको ऐसे कोस्टार मिल रहे हैं, जिनको आपने उस अंदाज में कभी नहीं देखा है. ऐसे में निश्चित तौर पर कुछ अलग बात होगी. इसलिए, मैंने तुरंत हां कह दी. निर्देशक हृदय शेट्ठी अच्छे दोस्त भी हैं, इसलिए पूरा विश्वास था कि वह मुझसे कुछ अलग और नया तो निकलवा ही लेंगे.
प्रश्न : नसीर साहब आपके सीनियर हैं. उनके साथ पहली बार स्क्रीन शेयर करने का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर : हां, ऑफ़ स्क्रीन मेरे और नसीर साहब के बीच बहुत आत्मीय संबंध हैं. उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया है और मुहब्बत से मुझे गाइड भी किया है. मुझे याद है नटरंग देखने के बाद उन्होंने मुझसे कहा था कि अतुल तुमने जो नटरंग में किया है, वह सिर्फ़ तुम ही कर सकते थे, मैं नहीं कर पाता. जब कोई इतना बड़ा कलाकार आपसे यह बात कहे तो वह आपके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होती है. फ़िल्म चालीस चौरासी के दौरान उन्हें और जानने का मौका मिला. उनकी सबसे खास बात, जो मुझे प्रभावित करती है कि वह बहुत इंस्टैंट एक्टर हैं. स्क्रिप्ट के अनुसार अनोखे अंदाज में खुद को ढाल लेते हैं और बहुत कंर्फेटेबल हो जाते हैं. अपने जूनियर्स के साथ भी बिल्कुल दोस्ताना व्यवहार रखते हैं. इसलिए, उनके साथ काम करने में आसानी होती है.
प्रश्न : सुना है आप बांग्ला फ़िल्मों में भी काम कर रहे हैं ?
उत्तर : जी हां, कुछ एक स्क्रिप्ट पढ़ी है मैंने. अभी निर्णय करने में थोड़ा वक्त लगेगा.
प्रश्न : राकेश ओम प्रकाश मेहरा की फ़िल्मों में आप हमेशा नजर आये हैं. भाग मिल्खा में भी दिखेंगे क्या ?
उत्तर : नहीं, अब तक ऐसी कोई योजना नहीं है.
प्रश्न : नटरंग एक बहुत कठिन किरदार था, लेकिन आपने कर दिखाया. फ़िल्म को सराहना मिली. क्या इस फ़िल्म को खुद के लिए टर्निग प्वाइंट मानते हैं ?
उत्तर : जी बिल्कुल, इस फ़िल्म ने मुझमें आत्मविश्वास जगाया. एक कठिन किरदार को निभाने के बाद जब सराहना हो और लोग यह कहें कि आप उस पर बिल्कुल ठीक जंचे हैं, तो सुन कर बहुत प्रसन्नता होती है और आपको लगता है कि आप इसी तरह आगे भी किरदार निभा सकते हैं. नटरंग ने वाकई मेरे जीवन में नया रंग भरा.
प्रश्न : आप थिएटर से जुड़े रहे हैं. फ़िल्मों में काम करने के दौरान थिएटर कितना सहायक होता है ?
उत्तर : नि:संदेह ! थिएटर करने के बाद आप अभिनय के ग्रामर से वाकिफ़ हो जाते हैं. आपको स्क्रिप्ट के साथ-साथ ऐक्टंग के हर पहलू की जानकारी हो जाती है और आप अपनी अदाकारी के लिए अनुशासित हो जाते हैं

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