20120113

दर्द से गहरा रिश्ता है



ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित संगीतकार एआर रहमान ने वर्ष 2011 में ‘रॉकस्टार’ में बेहतरीन संगीत देकर धमाल मचाया. इन दिनों वे फ़िल्म ‘एक दीवाना था’ में व्यस्त हैं. हाल ही में इस फ़िल्म का म्यूजिक मोहब्बत की मिसाल माने जाने वाले आगरा के ताजमहल में लॉन्च किया गया. खुद एआर रहमान ने कहा है कि यह उनका अब तक का सबसे खूबसूरत रुमानी संगीत है. क्यों मानते हैं वह ऐसा, बता रहे हैं खुद एआर रहमान.
यह आइडिया मेरा ही था कि इस फ़िल्म का म्यूजिक लॉन्च ताजमहल में किया जाये. क्योंकि मैं मानता हूं कि यह पूरी फ़िल्म रोमांटिक है. इस फ़िल्म की कहानी को ही ध्यान में रखते हुए मैंने फ़िल्म के सभी गीत तैयार किये हैं. मैंने कई नये चेहरों के लिए म्यूजिक तैयार किया. लेकिन मुझे एक दीवाना था का म्यूजिक तैयार करने में बहुत मजा आया. शायद इसकी वजह यह थी कि मैंने फ़िल्म की कहानी भी सुन रखी थी.
मैंने अब तक अपने कॅरियर में ऐसा म्यूजिक तैयार नहीं किया था. इस फ़िल्म के सारे गाने बेहतरीन हैं. जिन्हें तैयार करते वक्त खुद मैं सपनों की दुनिया में खो गया था. फ़िल्म में चूंकि दर्द को गहराई से दर्शाया गया है. शायद यही वजह है कि मैं इसे बेहद खास मानता हूं.
आप गौर करें तो मेरे म्यूजिक में वाकई दर्द की बहुत अहमियत है. शायद रॉकस्टार में भी मैंने उसी का इस्तेमाल किया था.
रॉकस्टार में भी जब मैंने गीत सुने और कहानी सुनी तो मुझे इम्तियाज का यह प्वाइंट बेहद अच्छा लगा था कि संगीत से जुड़े व्यक्ति के पास जब तक दर्द नहीं होगा, वह अच्छा संगीतकार या गायक नहीं बन सकता. मैं इस बात से पूरी तरह इत्तेफ़ाक रखता हूं. क्योंकि मैं जब दर्द में होता हूं, तभी संगीत बना पाता हूं. शायद यही वजह है कि एक दीवाना था में भी मैं एक दीवाने की त़ड़प को दिखा पाया हूं.
मुझे लगता है कि संगीत व प्रेम एक जैसे ही हैं. उनकी जितनी साधना करो वे और निखरते जाते हैं. मेरा संगीत के साथ कुछ ऐसा ही रिश्ता है. कोशिश यही है कि अपने जीवन में दर्द जगा कर रखूं ताकि मैं बेहतरीन संगीत पैदा कर पाऊं. एक दीवाना था का संगीत मैंने प्रतीक के किरदार को भी ध्यान में रखते हुए गढ़ा है.
मैंने इस फ़िल्म के लिए सारे गीत तैयार करने के लिए हामी भी इसलिए भरी क्योंकि मुझे दर्द भरे गीत बनाने व धुन बनाने में खुशी मिलती है. कहीं न कहीं मैं खुद अपनी जिंदगी को उससे जुड़ा पाता हूं. कई लोगों के मन में यह बात उठती है कि मैं कैसे कई दिनों तक अपने कमरे में रह कर ही जी लेता हूं. दरअसल, मैं अकेला नहीं होता. वहां मेरा संगीत और दर्द मेरे साथ होता है, जो हमेशा मुझे अलग करने के लिए प्रेरित करता है

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