20140910

बचपन मे मैं भी पायलेट बनना चाहती थी : टयूलिप जोशी


टयूलिप जोशी ने फिल्मों से शुरुआत की थी. लेकिन इन दिनों वह टीवी पर अपने नये शो एयरलाइन्स को लेकर चर्चे में हैं. वे बेहद खुश हैं कि उन्हें टीवी पर अलग तरह के किरदार निभाने का मौका मिला है. 

पायलट ही बनना था
दरअसल, मैं बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी. और इसलिए मेैंने कॉलेज में साइंस विषय का चुनाव किया था. लेकिन वह सपना तो पूरा नहीं हो पाया. हां, मगर खुश हूं कि इसी बहाने मुझे पायलट बनाने का मौका मिला. इस शो के माध्यम से ही सही मैं पायलट की जिंदगी जी रही हूं और पायलट की जिंदगी को करीबी से देख रही हूं.
शो के बारे में
दिल्ली  की पृष्ठभूमि में यह फ्लाइट आॅफिसर अनन्या रावत की कहानी है, जो आधुनिक और ग्लैमरस एवियेशन इंडस्ट्री में लिंगभेद और हतोत्साहित करने वाले माहौल में अपना सफर करती है. अपनी पहचान स्थापित करने की चाहत में अनन्या को पता चलता है कि इस इंडस्ट्री में उसे सिर्फ पुरुष मानसिकता से ही नहीं लड़ना, बल्कि और भी बहुत सी बाधाएं हैं, जो उसे मजबूत बनाती हैं. यह शो भारतीय युवा महिलाओं के सपनों और महत्वकांक्षाओं की कहानी कहती है.
शो में किरदार
इस शो में मेरा किरदार अनन्या रावत का है, जो वीमन पायलट है. इस शो के माध्यम से हम दर्शकों को एक पायलट की जिंदगी के उतार चढ़ाव और उनके जोखिम भरे कामों के बारे में भी दिखाना चाहते हैं. यह लोगों की सोच है कि महिलाएं अच्छी ड्राइवर नहीं होतीं और इसलिए पायलट भी ज्यादा महिलाएं नहीं बन पातीं, हम इस शो के माध्यम से इस सोच को पूरी तरह से बदलना चाहते हैं. और वैसी लड़कियों को प्रेरणा देना चाहते हैं जो इस क्षेत्र में आना चाहती हों.
रिसर्च
इस शो के लिए मैंने सारे रिसर्च किये हैं. हमारी पूरी टीम में एक पायलट को शूटिंग के वक्त साथ रखा गया था. ताकि वह हमें सही तरीका बताएं और ताकि कोई भी टेक्नीकल गलतियां न हो. इंटरनेट पर मैंने काफी रिसर्च किया है और पूरी टीम ने इसमें मेरी मदद की है.
मीडियम से कोई फर्क नहीं पड़ता
अक्सर लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं फिल्मों में काम नहीं कर रही इसलिए छोटे पर आ गयी. लेकिन मैं मानती हूं कि मीडियम कोई खास मायने नहीं रखता. काम मायने रखता है. इस शो में मुझे सास बहू का किरदार निभाने को तो नहीं कहा गया है. शायद मैं बहू न बन पाऊं. लेकिन अन्नया का किरदार बिल्कुल मॉर्डन है और मेरे स्वभाव से भी मेल खाता है और यही वजह है कि मैंने इसे हां कह दिया.
शो में मौका
इस शो का कांसेप्ट लेकर मेरे पास निखिल( स्टार प्लस के हेड) आये थे. और उन्होंने मुझे बताया कि शो केवल 26 एपिसोड में ही खत्म हो जायेगा. इसे जबरदस्ती खींचा नहीं जायेगा. इस बात से मुझे और तसल्ली मिली कि मैं दर्शकों को लुभाने में कामयाब रहूंगी. इस शो से पहले सारा आकाश जैसे शो भी मीडिटेक( इस शो की निर्माता कंपनी) ने ही बनाया था. यह भी वजह थी कि मैं आश्वस्त थी कि यह कंपनी इस विषय के साथ भी पूरी तरह से न्याय करेगी. हमने इस शो में रियल एयरपोर्ट पर जाकर शूटिंग की है. बाकी काम स्पेशल इफेक्ट्स द्वारा किया गया है.
परिवार ज्यादा महत्वपूर्ण
मैं चाहती हूं कि एक साल में मैं एक ही प्रोजेक्ट करती हूं क्योंकि मेरे लिए मेरा परिवार ज्यादा महत्वपूर्ण है. मैं अपनी मां के साथ घर पर रहना ज्यादा पसंद करती हूं. मैं बहुत डिमांडिंग नहीं, सो जिस तरह से मुझे आॅफर मिलते रहेंगे मैं चूज करके ही काम करना पसंद करूंगी.

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