20140910

आमिर और पीके का पोस्टर


आमिर खान की फिल्म पीके के पहले पोस्टर को देख कर लोग हतप्रभ है. लोग इस बात से दुखी हैं और अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं कि जो आमिर खान नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं और सत्यमेव जयते शो लेकर आते हैं. वह न्यूड कैसे हो सकते हैं. कानपुर में तो मामला हाइ कोर्ट तक तर्ज हो गया है. निश्चित तौर पर जल्द ही न्यूज चैनल पर इस मुद्दे पर पैनल भी बैठेगी. जबकि आमिर के लुक में ऐसी कोई बात नहीं, जिसे लेकर शोर मचे. राजकुमार हिरानी फिल्म के निर्देशक हैं. इससे यह स्पष्ट है कि राजकुमार ने यूं ही यह लुक आमिर को नहीं दिया होगा. चूंकि राजकुमार किसी पब्लिसिटी के मोहताज नहीं हैं. उनकी फिल्ममेकिंग शेष सभी निर्देशकों ने अलग है. वे एक सीन सोचने में छह छह महीने लगा देते हैं. सो, यह आरोप कि महज लोकप्रियता हासिल करने के लिए आमिर को यह लुक दिया गया है तो यह बेहद तर्कहीन बात होगी. दूसरा पहलू यह भी है कि वह आमिर नहीं आमिर के रूप में फिल्म का किरदार है. यह भारतीय दर्शकों की विडंबना रही है कि वे रामायण जैसे शो में राम का पात्र निभा रहे अरुण गोविल को राम मान कर उनकी ही पूजा करने लगते हैं. अरुण ने खुद स्वीकारा है कि सिर्फ इसलिए चूंकि उन्होंने राम की भूमिका निभायी. वे भविष्य को कोई नकारात्मक भूमिका नहीं निभा पाये. चूंकि दर्शकों ने उन्हें स्वीकार ही नहीं किया. नीतिश भारद्वाज को भी लोग ताउम्र श्री कृष्ण ही मान बैठे. अभिनेता मोहित रैणा ने फिल्म क्रीचर 3 डी का आॅफर ठुकरा दिया चूंकि उनका मानना है कि लोग महादेव को एक विलेन के रूप में देखना पसंद नहीं करेंगे. हमें यह समझना होगा कि किरदार और वास्तविक जिंदगी में फर्क है. हर कलाकार को हक है कि वह अपने किरदार को 100 प्रतिशत रूप दे, जो कि निर्देशक की मांग है. सो, आमिर के लुक पर जो हंगामा बरपा है वह बेबुनियाद है.

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