कार्टर रोड पर स्थित सुपरस्टार राजेश खन्ना का घर आशीर्वाद हाल ही में एक बिलिनयरी ने खरीदा है. 95 करोड़ में. शशि शेट्ठी नामक व्यवसायी ने बहुत शान से राजेश खन्ना का आशीर्वाद खरीद लिया है. उन्होंने वह बंगला खरीदने के बाद राजेश खन्ना के परिवार को यह छूट दे रखी थी कि वे राजेश खन्ना से संबंधित जो भी चीजें ले जाना चाहते हैं, ले जा सकते हैं. बस उन्होंने एक तसवीर जो कि शशि को भी पसंद आयी. उसे अपने पास रख लिया है. सभी जानते हैं कि जब राजेश खन्ना ने कामयाबी का दौर देखा तो उसी आशीर्वाद में ट्रक भर भर कर फूल आते थे. राजेश को अपने घर से बहुत लगाव था. उन्होंने यह घर राजेंद्र कुमार से खरीदा था. राजेंद्र कुमार को किसी ने कह दिया था कि यह हांटेड घर है. इसलिए उन्होंने इसे राजेश खन्ना को बेंच दिया था. लेकिन राजेश के लिए यह घर लकी साबित हुआ. राजेश खन्ना की इच्छा थी कि उनकी बेटियां इस घर को म्यूजियम के रूप में तब्दील करें. लेकिन उनके परिवार ने इसे बेंच दिया. गौरी खान जिन्होंने अपने घर को हमेशा प्राइवेट रखा. अब वह भी अपने घर की तसवीरें अखबारों को बेंच रही हैं. दरअसल, बदलते दौर के साथ अपने घरों और उनसे जुड़े सरोकार भी बदल रहे हैं. अक्षय कुमार व राजेश की बेटियां चाहतीं तो वाकई इसे म्यूजियम बना सकती थी. उनके लिए पैसे मायने नहीं थे. ऐसे में अपर्णा सेन व उनका परिवार एक मिसाल है. अपने मरते दम तक अपर्णा ने अपने घर की चहारदीवारी में किसी अनजान को कदम नहीं रखने दिया. उनकी बेटियों व नवासियों ने भी कभी उनके नाम का इस्तेमाल नहीं किया. उनकी निजता को मरते दम तक बरकरार रखा. ऐसे में बॉलीवुड में इन दिनों अब अपने घर को भी ब्रांड के रूप में प्रस्तुत करना. ओंछा लगता है. लेकिन हकीकत यही है कि घर एक सपना है, और इन दिनों सपने भी बिकते हैं.
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20140910
घर के बदलते सरोकार
कार्टर रोड पर स्थित सुपरस्टार राजेश खन्ना का घर आशीर्वाद हाल ही में एक बिलिनयरी ने खरीदा है. 95 करोड़ में. शशि शेट्ठी नामक व्यवसायी ने बहुत शान से राजेश खन्ना का आशीर्वाद खरीद लिया है. उन्होंने वह बंगला खरीदने के बाद राजेश खन्ना के परिवार को यह छूट दे रखी थी कि वे राजेश खन्ना से संबंधित जो भी चीजें ले जाना चाहते हैं, ले जा सकते हैं. बस उन्होंने एक तसवीर जो कि शशि को भी पसंद आयी. उसे अपने पास रख लिया है. सभी जानते हैं कि जब राजेश खन्ना ने कामयाबी का दौर देखा तो उसी आशीर्वाद में ट्रक भर भर कर फूल आते थे. राजेश को अपने घर से बहुत लगाव था. उन्होंने यह घर राजेंद्र कुमार से खरीदा था. राजेंद्र कुमार को किसी ने कह दिया था कि यह हांटेड घर है. इसलिए उन्होंने इसे राजेश खन्ना को बेंच दिया था. लेकिन राजेश के लिए यह घर लकी साबित हुआ. राजेश खन्ना की इच्छा थी कि उनकी बेटियां इस घर को म्यूजियम के रूप में तब्दील करें. लेकिन उनके परिवार ने इसे बेंच दिया. गौरी खान जिन्होंने अपने घर को हमेशा प्राइवेट रखा. अब वह भी अपने घर की तसवीरें अखबारों को बेंच रही हैं. दरअसल, बदलते दौर के साथ अपने घरों और उनसे जुड़े सरोकार भी बदल रहे हैं. अक्षय कुमार व राजेश की बेटियां चाहतीं तो वाकई इसे म्यूजियम बना सकती थी. उनके लिए पैसे मायने नहीं थे. ऐसे में अपर्णा सेन व उनका परिवार एक मिसाल है. अपने मरते दम तक अपर्णा ने अपने घर की चहारदीवारी में किसी अनजान को कदम नहीं रखने दिया. उनकी बेटियों व नवासियों ने भी कभी उनके नाम का इस्तेमाल नहीं किया. उनकी निजता को मरते दम तक बरकरार रखा. ऐसे में बॉलीवुड में इन दिनों अब अपने घर को भी ब्रांड के रूप में प्रस्तुत करना. ओंछा लगता है. लेकिन हकीकत यही है कि घर एक सपना है, और इन दिनों सपने भी बिकते हैं.
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