आदित्य चोपड़ा और रानी मुखर्जी के व्याह के बाद रानी मुखर्जी द्वारा दिये कई इंटरव्यू में आदित्य चोपड़ा का जिक्र करना नहीं भूल रहीं. रानी के ही बहाने आदित्य चोपड़ा की जिंदगी के कई पहलू सामने आ रहे हैं. यह बात जगजाहिर है कि आदित्य को मीडिया से मिलना पसंद नहीं और वह अपनी तसवीरें भी अखबारों में देखना पसंद नहीं करते. मीडिया वाले आदित्य को कई सालों से इस बात के लिए कोसते आ रहे हैं. लेकिन आदित्य ने इस बात की परवाह नहीं की है. और आदित्य के इस व्यवहार की वजह से मीडिया ने यह गलतफहमी पाल ली है कि आदित्य काफी अकड़ू हैं. चूंकि मीडिया वर्तमान में वह स्थान हासिल कर चुकी है कि वह अपना निर्णय और सोच लोगों पर थोप सकती है. अपनी रिपोर्टिंग से मीडिया से साबित कर सकती है कि किसी व्यक्ति का क्या व्यक्तित्व है. और विडंबना यह है कि मीडिया ने जो आंखें हमें दी हैं. हम उसी को आंखों देखी मानने लगे हैं. लेकिन रानी मुखर्जी के माध्यम से आदित्य के व्यक्तित्व की जो झलकियां जानने को मिल रही हैं. उससे यही प्रतीत होता है कि आदित्य एक आम इंसान की तरह बिल्कुल सामान्य जिंदगी जीना पसंद करते हैं. यशराज के मालिक होने के बावजूद उन्हें शोर शराबे और दिखावे में दिलचस्पी नहीं. लेकिन अपनी जीवनशैली को पूरी जिंदागानी के साथ जीता है. रानी के अनुसार आदित्य बहुत फूडी हैं और वे रानी को दुनिया के हर बेस्ट रेस्टोरेंट का खाना खिलाना चाहते हैं. उनका सेंस आॅफ ह्मुमर अच्छा है. रानी के कहने पर ही उन्होंने बांग्ला अंदाज में व्याह रचाया. वह फैंटेसी दुनिया में विश्वास रखते हैं. एक प्रैक्टिल निर्माता होने के बावजूद निजी जिंदगी में स्वप्नीली जिंदगी में रहना, रिश्तों में विश्वास करना, प्यार में विश्वास करना दर्शाता है कि वाकई एक व्यक्ति चाहे तो दिखावे की बजाय भी खुशी के साथ जिंदगी निर्वाह कर सकता है.
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20140910
आदित्य का रुमानी अंदाज
आदित्य चोपड़ा और रानी मुखर्जी के व्याह के बाद रानी मुखर्जी द्वारा दिये कई इंटरव्यू में आदित्य चोपड़ा का जिक्र करना नहीं भूल रहीं. रानी के ही बहाने आदित्य चोपड़ा की जिंदगी के कई पहलू सामने आ रहे हैं. यह बात जगजाहिर है कि आदित्य को मीडिया से मिलना पसंद नहीं और वह अपनी तसवीरें भी अखबारों में देखना पसंद नहीं करते. मीडिया वाले आदित्य को कई सालों से इस बात के लिए कोसते आ रहे हैं. लेकिन आदित्य ने इस बात की परवाह नहीं की है. और आदित्य के इस व्यवहार की वजह से मीडिया ने यह गलतफहमी पाल ली है कि आदित्य काफी अकड़ू हैं. चूंकि मीडिया वर्तमान में वह स्थान हासिल कर चुकी है कि वह अपना निर्णय और सोच लोगों पर थोप सकती है. अपनी रिपोर्टिंग से मीडिया से साबित कर सकती है कि किसी व्यक्ति का क्या व्यक्तित्व है. और विडंबना यह है कि मीडिया ने जो आंखें हमें दी हैं. हम उसी को आंखों देखी मानने लगे हैं. लेकिन रानी मुखर्जी के माध्यम से आदित्य के व्यक्तित्व की जो झलकियां जानने को मिल रही हैं. उससे यही प्रतीत होता है कि आदित्य एक आम इंसान की तरह बिल्कुल सामान्य जिंदगी जीना पसंद करते हैं. यशराज के मालिक होने के बावजूद उन्हें शोर शराबे और दिखावे में दिलचस्पी नहीं. लेकिन अपनी जीवनशैली को पूरी जिंदागानी के साथ जीता है. रानी के अनुसार आदित्य बहुत फूडी हैं और वे रानी को दुनिया के हर बेस्ट रेस्टोरेंट का खाना खिलाना चाहते हैं. उनका सेंस आॅफ ह्मुमर अच्छा है. रानी के कहने पर ही उन्होंने बांग्ला अंदाज में व्याह रचाया. वह फैंटेसी दुनिया में विश्वास रखते हैं. एक प्रैक्टिल निर्माता होने के बावजूद निजी जिंदगी में स्वप्नीली जिंदगी में रहना, रिश्तों में विश्वास करना, प्यार में विश्वास करना दर्शाता है कि वाकई एक व्यक्ति चाहे तो दिखावे की बजाय भी खुशी के साथ जिंदगी निर्वाह कर सकता है.
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