रणबीर कपूर ने कहा है कि वे यह नहीं जानते कि वाकई वह कभी अपने शरीर पर टैटू बनवायेंगे या नहीं. लेकिन अगर भविष्य में उन्होंने कभी बनवाया तो उनकी इच्छा होगी कि वह चार्ली चैपलीन का टैटू बनवायें. चूंकि वे चार्ली चैपलीन से हमेशा ही प्रभावित रहे हैं. उनका मानना है कि चार्ली संसार के बेहतरीन कलाकारों में से एक थे. गौरतलब है कि उनके दादाजी राज कपूर साहब भी चार्ली चैपलीन से बहुत अधिक प्रभावित थे. उन्होंने अपनी फिल्मों में कई बार चार्ली से प्रभावित किरदार और वेशभूषा धारण किये हैं. कई लोग तो उन्हें हिंदुस्तानी चार्ली कह कर भी संबोधित करते थे. सो, रणबीर उस लिहाज से भी चैपलीन की जिंदगी से काफी प्रभावित रहे हैं. उन्होंने भी अपनी दो फिल्में अजब प्रेम की गजब कहानी और बर्फी में चार्ली से प्रभावित किरदार किये हैं. दरअसल, रणबीर कपूर के कई अंदाज उनके दादाजी से मेल खाते हैं. शायद यही वजह है कि आनेवाले दौर का उन्हें सुपरस्टार तो माना ही जा रहा है. लोग यह भी मानते हैं कि राज कपूर साहब की लीगेसी को रणबीर कपूर ही भलिभांति लेकर आगे बढ़ेंगे. रणबीर की इच्छा पूछने पर वे हमेशा अपनी बात जाहिर करते हैं कि उनकी चाहत है कि उन्हें वह स्टारडम मिले जो किसी दौर में राज कपूर साहब को मिली थी कि लोग उनके कार के चक्के उठा कर चले थे. इससे भी स्पष्ट है कि रणबीर अपने दादाजी से किस हद तक प्रभावित हैं.फिल्म तमाशा के शुरुआती दृश्य में भी वह अपने दादा राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर की याद दिलाते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि उन्होंने कभी भी खुद को उनकी परछाई बनने नहीं दिया है. आमतौर पर कलाकार अपने परिवार के सदस्य और प्रेमी के नाम गुदवाते हैं. लेकिन रणबीर चैपलीन के नाम का टैटू बनवाना चाहते हैं, इससे यह जाहिर होता है कि वे अपनी कला का कितना सम्मान करते हैं और उसे ही लेकर गंभीर हैं. उनके लिए टैटू बनवाना फैशन ट्रेंड भर नहीं है.
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20160118
रणबीर व चार्ली टैटू
रणबीर कपूर ने कहा है कि वे यह नहीं जानते कि वाकई वह कभी अपने शरीर पर टैटू बनवायेंगे या नहीं. लेकिन अगर भविष्य में उन्होंने कभी बनवाया तो उनकी इच्छा होगी कि वह चार्ली चैपलीन का टैटू बनवायें. चूंकि वे चार्ली चैपलीन से हमेशा ही प्रभावित रहे हैं. उनका मानना है कि चार्ली संसार के बेहतरीन कलाकारों में से एक थे. गौरतलब है कि उनके दादाजी राज कपूर साहब भी चार्ली चैपलीन से बहुत अधिक प्रभावित थे. उन्होंने अपनी फिल्मों में कई बार चार्ली से प्रभावित किरदार और वेशभूषा धारण किये हैं. कई लोग तो उन्हें हिंदुस्तानी चार्ली कह कर भी संबोधित करते थे. सो, रणबीर उस लिहाज से भी चैपलीन की जिंदगी से काफी प्रभावित रहे हैं. उन्होंने भी अपनी दो फिल्में अजब प्रेम की गजब कहानी और बर्फी में चार्ली से प्रभावित किरदार किये हैं. दरअसल, रणबीर कपूर के कई अंदाज उनके दादाजी से मेल खाते हैं. शायद यही वजह है कि आनेवाले दौर का उन्हें सुपरस्टार तो माना ही जा रहा है. लोग यह भी मानते हैं कि राज कपूर साहब की लीगेसी को रणबीर कपूर ही भलिभांति लेकर आगे बढ़ेंगे. रणबीर की इच्छा पूछने पर वे हमेशा अपनी बात जाहिर करते हैं कि उनकी चाहत है कि उन्हें वह स्टारडम मिले जो किसी दौर में राज कपूर साहब को मिली थी कि लोग उनके कार के चक्के उठा कर चले थे. इससे भी स्पष्ट है कि रणबीर अपने दादाजी से किस हद तक प्रभावित हैं.फिल्म तमाशा के शुरुआती दृश्य में भी वह अपने दादा राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर की याद दिलाते हैं. लेकिन बड़ी बात यह है कि उन्होंने कभी भी खुद को उनकी परछाई बनने नहीं दिया है. आमतौर पर कलाकार अपने परिवार के सदस्य और प्रेमी के नाम गुदवाते हैं. लेकिन रणबीर चैपलीन के नाम का टैटू बनवाना चाहते हैं, इससे यह जाहिर होता है कि वे अपनी कला का कितना सम्मान करते हैं और उसे ही लेकर गंभीर हैं. उनके लिए टैटू बनवाना फैशन ट्रेंड भर नहीं है.
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