20160125

स्ट्रीट हॉकी की चैंपियन थी मैं : सनी लियोनी


सनी लियोनी एक बार फिर से एक चैनल पर दिये साक्षात्कार को लेकर चर्चे में हैं. खास बात यह रही कि इस बार मीडिया ने पत्रकार का नहीं, सनी का ही साथ दिया है. सनी भी खुश हैं कि लोगों ने धीरे-धीरे ही सही उनके प्रति अपना नजरिया बदला है. वे इन दिनों फिल्म मस्तीजादे की रिलीज को लेकर व्यस्त हैं. 
 सनी, आपको हाल ही में चैनल पर दिखाये गये साक्षात्कार को लेकर काफी लोगों का सपोर्ट मिला है. खासतौर से इंडस्ट्री का. इस बारे में आपको क्या कहना है?
मैं शुक्रगुजार हूं कि धीरे-धीरे ही सही लोगों ने मेरे प्रति अपना नजरिया बदला है. बॉलीवुड मुझे इसलिए पसंद है, क्योंकि लोग यहां आपके पास्ट को नहीं देखते. आपका आज देखते हैं. मैं खुश हूं कि लोगों ने सपोर्ट किया है. यह दर्शाता है कि उन्होंने मुझे इस इंडस्ट्री का हिस्सा मान ही लिया है आखिर. मैं अपने पास्ट से कभी दुखी नहीं होती और मैं यह नहीं जताना चाहती कि लोग समझें कि मैं किसी मजबूरी में काम किया है. मैं भी एक इंसान हूं तो बुरा लगता है. खासतौर  से यह सवाल कि मैंने यब सब क्यों किया तो मुझे गुस्सा आता है. मुझे उसमें बुराई नजर नहीं आती. मैं अपनी बॉडी को सेलिब्रेट करती हूं. किसी मजबूरी की वजह से नहीं किया था वह सब. और लोगों को गलतफहमी है कि मैं बस हर वक्त एक ही काम करती. तो मुझे दुख होता है. मैंने उस जिंदगी को भी एंजॉय किया है और आज की जिंदगी को भी एंजॉय कर रही हूं.
इंडस्ट्री में अपनी सफलता को किस तरह देखती हैं आप?
मैं सफलता को लेकर बहुत ज्यादा कांसस नहीं हूं. बस यह तसल्ली रहती है कि चलो अगर अब तक गलत नहीं हुआ है तो यही मेरी सफलता है. बस मैं यही सोचती हूं कि आज कल से बेहतर हो. यह महीना पिछले महीने से बेहतर हो. मैं प्लानिंग नहीं करती. मैं मानती हूं कि हर वक्त बदलता रहता है, क्योंकि कल क्या होगा, क्या नहीं तय नहीं और जो कल होगा, उससे जिंदगी को फिर नया मोड़ मिल सकता. सो, मैं प्लान नहीं करती. 
मस्तीजादे से कैसे जुड़ीं?
मस्तीजादे एक हास्य फिल्म है. लोग इसे लेकर काफी बातें कह रहे. लेकिन मेरे पास जब मिलाप( फिल्म के निर्देशक) यह फिल्म लेकर आये थे तो मुझे लगा कि मुझे यह फिल्म करनी ही चाहिए. मजेदार फिल्म लगी थी स्क्रिप्ट मुझे. सो, मैंने हां कह दिया. इस तरह की फिल्में मैं वेस्ट में बहुत देखती आयी हूं. जेनिफर वहां इस तरह की काफी फिल्में करती हैं. भारत के दर्शकों को कॉमेडी तो पसंद आती है. ग्रैंड मस्ती को काफी हिट रही थी. 100 करोड़ हुए थे फिल्म के. इसका मतलब है कि ऐसी फिल्में दर्शकों को पसंद आती है. यह एडल्ट कॉमेडी है और इसमें कोई बुराई नहीं है. मुझे नहीं लगता. 
आपकी बातचीत के अंदाज से लगता है कि आप निजी जिंदगी में भी काफी चंचल ह ैं. बचपन में आप शरारती थीं?
हां, बिल्कुल मैं बहुत शरारती रही हूं. बचपन से ही. मैं काफी हंसती थी. बिना मतलब के भी. मेरे दोस्त मुझे क्रेजी कहते थे. तब भी मैं हंसती रहती थी. मुझे न बचपन से ही लोगों की बातों की परवाह नहीं थी. मैंने जिंदगी को कभी सीरियस नहीं लिया. मैं मस्तीखोर हूं और यही रहना पसंद करती हूं. मुझे अपनी जिंदगी पसंद है. काफी कम लोगों को ऐसी जिंदगी जीने का भी मौका मिलता है, जहां जो वह करना चाहते हैं. वह कर पाते हैं. मैं खुश हूं. मेरी जिंदगी से मुझे बेइतहां प्यार है.
बचपन किस तरह बीता?
मुझे सब टॉम ब्वॉय बोलते थे. मैं क्योंकि बहुत अधिक स्पोर्ट्स खेलती थी. हर वक्त कुछ न कुछ गेम खेलती ही रहती थी. बास्केटबॉल में लड़कों की हालत खराब कर देती थी. स्ट्रीट हॉकी खेलती थी.जब भी वक्त मिलता था मैं खेल के मैदान में ही रहती थी और लड़कों के  साथ ही खेला करती थी. लड़कियों वाले कोई गुण नहीं थे मेरे में. मुझे तो 18-19 की उम्र में यह बात समझ आयी कि मैं लड़की हूं. स्ट्रीट हॉकी में तो चैंपियन थी मैं
सेलिब्रिटी होने के बाद उस जिंदगी को मिस करती हैं?
दरअसल, जब मैं लॉस एंजिल्स जाती हूं. वहां मैं बिल्कुल आजाद रहती हूं. वहां मैं अब भी अपने दोस्तों के साथ अब भी सारे गेम खेलती हूं. शॉपिंग करती हूं. खूब घूमती फिरती हूं. काफी मजा आता है मुझे वहां. वहां मुझे कोई भी सेलिब्रिटी जैसा ट्रीट नहीं करता. भारत में स्टारडम अलग होता है. लेकिन यहां के लोग स्टार्स को पलकों पर बिठा कर रखते हैं. मैं काफी खुशी खुशी इसे एंजॉय करती हूं.
आपका हमेशा से सपना था कि एक्ट्रेस बनना है.
नहीं, जब मैं छोटी थी तो उस वक्त मुझे फोटोग्राफी में काफी दिलचस्पी थी. मैं फोटोग्राफी काफी करती थी. फिर मुझे टीचिंग करने का भी काफी शौक हुआ था. 
लेकिन मैंने सोचा था कि फोटोग्राफी को गंभीरता से लूंगी. जब मैंने अपने पेरेंट्स को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि मैं क्रेजी हो गयी हूं.इसके बारे में दोबारा मत सोचना. 
आप कभी दुखी होती हैं, तो उससे खुद को कैसे उबारती हैं?
मैं अधिक दुखी नहीं होती. लेकिन मेरे पति डैनियल को काफी चीजें बुरी लगती हैं. तो मैं उन्हें ही कंसोल करती हूं. उन्हें चियर अप करने की कोशिश करती हूं. मेरी पहली प्राथमिकता मेरे पति की ही खुशी है. 
आपकी बातों से लगता है कि आप पारिवारिक भी हैं?
इसे कैसे बोलूं समझ नहीं आता.लेकिन मुझे अपने परिवार के लोगों और दोस्तों से घिरे रहना पसंद है. मैं घर पर काफी डिनर पार्टी करती हूं और काफी कूकिंग करती हूं. मुझे वेजीटेरियन खाना बनाना बहुत पसंद है. खासतौर से मुझे मेरे भाई को उसका पसंदीदा लजानिया खाना खिलाना पसंद है. अब मेरे पेरेंट्स नहीं हैं और इसलिए मैं अपने भाई को अपने पास बुलाती हूं. भारत में रहते रहते यहां की मेहमाननवाजी सीख ली है और अपने भाई की खूब खातिरदारी करती हूं.
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के अलावा किन चीजों में दिलचस्पी है?
मुझे बिजनेस में काफी दिलचस्पी है. मैं प्रोडक्ट बिजनेस में काफी दिलचस्पी रखती हूं. मैं उनकी बारीकियों के बारे में खूब जानना चाहती हूं. धीरे धीरे मैं अपना ब्रांड का या कुछ तो बिजनेस करूंगी. 

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