कृतिका कामरा का मानना है कि अगर आप लगातार शोज करें तो दर्शक आपसे बोर हो जाते हैं और वह दर्शकों को बोर नहीं करना चाहतीं. वे इन दिनों धारावाहिक रिपोटर्स में लीड किरदार निभा रही हैं.
कृतिका, आपने कुछ तो लोग कहेंगे के बाद लंबा ब्रेक लिया. इसकी वजह क्या रही और इस शो को हां कहने की वजह क्या रही?
दरअसल, ऐसा नहीं था कि मुझे आॅफर नहीं मिल रहे थे. लेकिन मैंने एक निर्णय लिया है कि मैं हमेशा परदे पर नजर नहीं आऊंगी. मैं नहीं चाहती कि मेरे दर्शकों को लगे कि मैं बार बार आ जाती हूं और वह मुझसे बोर होने लगे. इसलिए मैंने कई प्रोजेक्ट्स को न कहा है. मैं सिर्फ करने के लिए कोई शो नहीं करूंगी. आप खुद यह शो देखेंगे तो महसूस करेंगे कि कैसे इस शो में मैं कुछ तो लोग कहेंगे के किरदार से अलग हूं. मैं हर बार फ्रेश रूप में आना चाहती हूं और मुझे अपने हर किरदार पसंद हैं. मैं अगर खुद ब्रेक नहीं लूंगी तो मैं खुद बोर हो जाऊंगी. शूट करते करते. फिर मुझे कुछ नया करने या सीखने का मौका ही नहीं मिलेगा.टेलीविजन का कमिटमेंट बहुत बड़ा कमिटमेंट होता है. आप हर दिन सेट ुपर 12 से 14 घंटा देते हैं. ऐसे में बाकी पढ़ने लिखने का समय नहीं मिल पाता है. साथ ही यह किरदार निभाने में मैं थोड़ा नर्वस हूं क्योंकि जर्नलिस्ट सबसे बड़े क्रिटिक होते हैं और उनका ही रोल प्ले करना कठिन है.
आप एक रिपोर्टर की भूमिका निभा रही हैं तो अब क्या आप रिपोर्टर्स के काम को समझ पायी हैं. उनकी मुश्किलों को समझ पायी हैं?
जी हां, अब मैं यह महसूस कर पाती हूं कि आपलोग किस तरह काम करते हो.किस तरह मेहनत करते हो. किस तरह अगर आप एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट हो तो यह आपका काम है कि आप सेलिब्रिटिज से जुड़ी चीजें दें. कई बार नेगेटिव खबरें देना भी आपकी डयूटी होती है. तो यह किरदार निभाते हुए आपलोग की परेशानी समझ सकती हूं कि अगर आप खबरें लेकर न जायें. हेडलाइन्स न मिलें तो किस तरह बॉस से आपको डपट मिल सकती है. कई बार खबरें मिलती नहीं. होती नहीं बनानी भी पड़ती हैं. तो वाकई इस किरदार का शुक्रिया कि मैं आपलोगों के काम को समझ पा रही हूं.
एक सेलिब्रिटिज की जिंदगी में मीडिया कितनी अहम है? आप मीडिया को वास्तविक जिंदगी में कितनी अहमियत देती हैं?
मैं तो काफी अहमियत देती हूं. मुझे लगता है कि मुझे मीडिया ने ही बनाया है, उनसे मेरा रिश्ता कभी खराब नहीं रहा है. हर कलाकार की जिंदगी में मीडिया की अहमियत है. जो हम कर रहे परदे पर दिखता है. लेकिन हम वास्तविक जिंदगी में किस तरह के हैं यह तो आपको मीडिया के माध्यम से ही पता चलता है न. मीडिया ही वह चैनल है जो आपकी बात आपके दर्शक तक पहुंचाता है. मीडिया में कई मेरे दोस्त भी बन चुके हैं. एक अच्छा रिश्ता बन गया है.
राजीव के साथ आपकी केमेस्ट्री कैसी रही?
काफी अच्छी. मैं तो उन्हें परफेक् शनिस्ट मानती ंहूं. अच्छा लगता है मुझे यह देख कर कि जितनी मैं कमिटेड हूं काम को लेकर. वह भी हैं. वह भी सबकुछ नहीं करते. अपने हर सीन को बेस्ट देने की कोशिश करते हैं. साथ ही उन्हें फिल्मों का भी अनुभव है तो वह भी काम आता है. हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी कंर्फटेबल है. शायद इसलिए लोगों को हमारी ये जोड़ी पसंद भी आ रही है.
आपको कई फिल्मों के आॅफर आते रहे हैं. लेकिन आप हां नहीं कहतीं. कोई खास वजह?
ंनहीं ऐसा कुछ नहीं है कि मैंने तय कर रखा है कि मुझे फिल्में करनी ही नहीं हैं.लेकिन मैं बस फिल्में करने के लिए कोई भी किरदार नहीं करूंगी. मैं जब टीवी में कोई किरदार यूं ही आॅप्ट नहीं करती तो वहां तो बात फिल्मों की है. मुझसे लगातार ये सवाल पूछे जाते हैं. लेकिन हकीकत यह है कि कांसेप्ट और कांटेंट मुझे आकर्षित करेगा. तभी मैं उस फिल्म को हां कह सकती हूं. वरना टाटा बाय बाय. हेट स्टोरी 3 मुझे आॅफर हुई थी. लेकिन मैंने हां इसलिए नहीं कहा क्योंकि वहां मेरे लिए करने लायक कुछ नहीं था. और सिर्फ सेंसेशन पैदा करने के लिए मैं कुछ भी नहीं कर सकती. हां, मैं छोटे छोटे शॉर्ट फिल्मों में काम करती हूं और मुझे लगता है कि वह मेरे लिए अभ्यास की तरह है. मुझे नया करने का मौका मिलता है इस माध्यम से. तो मैं बस ये सब करके खुश हूं.
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