रेवती इस बात से बेहद खुश हैं कि उन्हें अब भी बेहतरीन किरदार निभाने के मौके मिल रहे हैं. फिल्म मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ में वे एक सेलेब्रल पालसी से ग्रसित लड़की की मां की भूमिका निभा रही हैं.
रेवती, आप हिंदी में काफी कम फिल्में करती हैं. इसकी कोई खास वजह?
नहीं, इसकी वजह बस यही है कि मेरी अपनी च्वाइसेस हैं. मैं हर तरह की फिल्में नहीं कर सकती और मैं इसके लिए किसी को दोष मढ़ना नहीं चाहती. मुझे चूनिंदा और अलग मिजाज की फिल्में करना पसंद है. कई बार लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं सलमान की को स्टार रह चुकी हूं और आज मां के किरदार निभा रही हूं, जब कि सलमान अब भी स्टार हैं और लीड भूमिकाएं करते हैं तो मेरा मानना है इस बारे में कि यह सलमान की च्वाइस थी कि वे वैसे किरदार अब भी निभायें. मेरा करियर जब बिल्कुल उफान पर था. तब भी मुझे अधिक लत नहीं थी, मेरे पास उस वक्त एक ही तरह की कई फिल्में आती रहती थीं. लेकिन मैंने न कहना शुरू किया और मैं सुकून से हूं. मैं खुश हूं जो भी काम कर रही. रही बात सलमान की तो उनको तो मैंने निर्देशित भी किया है. सो, कहीं भी मन में ऐसा कोई अफसोस नहीं कि आज वो कहां हैं मैं कहा हूं.
इस फिल्म में आपके किरदार के बारे में बताएं?
मैं इस फिल्म में लैला( जो कि सेलेबल पैरेसी ) से ग्रसित हैं. उसकी मां का किरदार निभा रही हूं. मैं जिस तरह से मुंबई में अडेप्ट संस्थान हैं, चेन्नई में भी इसके ब्रांच हैं और मैं उस संस्थान की मेंबर हूं और कई सालों से जुड़ी हूं. तो मैं अपने सामने ऐसी कई कहानियां देखती रही हूं और यही वजह है कि मेरा इस कहानी में विश्वास है. इस कहानी में मुझे दिल दिखता है तो मैं इस कहानी के साथ हूं. इसकी बस यही वजह है कि मैं इस फिल्म का हिस्सा हूं. फिल्म की निर्देशिका मुझे इसी संस्थान की वजह से जानती हैं और उन्होंने जब मुझे यह आॅफर की तो मैंने हां कह दिया.
इस फिल्म से किस तरह के आॅडियंस की जुड़ने की संभावना है?
मुझे लगता है कि इसे अरबन आॅडियहस पसंद करेंगी. इसकी वजह यह है कि हर जगह तो यह फिल्म पहुंच ही नहीं पायेगी. चूंकि फिल्म के कर्मशियल एक्सपेक्ट से भी कई फिल्में दर्शकों तक तो पहुंच ही नहीं पाती .लेकिन मुझे लगता है कि यह बहुत गर्व की बात है कि हिंदी फिल्मे भी अब ऐसे कांसेप्ट को लेकर आगे बढ़ रही है. अच्छी फिल्में बन रही हैं. इसे इंटरनेशनल स्तर पर काफी सराहा गया है तो उम्मीद करती हूं कि यहां भी अच्छे दर्शक मिले.
आपकी फिल्म अंजलि 21 भी कहीं न कहीं से इस फिल्म से मेल खाती है?
हां, मगर पूरी तरह से नहीं. फिल्म में अंजलि जिसने मेरी बेटी का किरदार निभाया है. वह डिस्बेल है. और कैसे उसके लिए रास्ते बनते जाते हैं. इस पर वह कहानी थी और मणि रत् नम ने उसे निर्देशित किया था. तो मैंने उस वक्त भी काफी रिसर्च किया था. वह मेरे लिए इस फिल्म को करते हुए भी काफी फायदेमंद हुई. साथ ही चूंकि मैं संस्थान में वॉलेनटियर हूं तो काफी कुछ पर्सनली मैंने देखा है और समझा है.सो, यह मेरे लिए नयी कहानी नहीं थी. मैंने जब कहानी सुनी तभी लगा कि मैं इस विषय पर पूरी पकड़ रखती हूं.इसलिए मुझे यह फिल्म करनी चाहिए,
रेवती, आपकी नजर में ऐसी कौन सी खास वजह है जो हिंदी सिनेमा में इन दिनों 10 में से 7 फिल्में साउथ की रीमेक बन रही हैं?
मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे पाऊंगी. चूंकि मैं बहुत ज्यादा हिंदी फिल्में नहीं देखती. हां, वीमेन ओरियेंटेड फिल्में मुझे अधिक पसंद हैं.
सेंसर जिस तरह से इन दिनों सिनेमा पर नकेल कस रहा है. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
मुझे लगता है कि सिनेमा को सॉफ्ट टारगेट किया जाता है. सेंसर किस बात की, क्या सेंसर यूटयूब, इंटरनेट व बाकी चीजों पर सेंसर कर सकता. सेंसर तो वो चीज होती है जो छुपी हुई है. अब तो सबके सामने सबकुछ है तो आप दो दृश्य कांट कर ही क्या कर लेंगे. जिसे जो देखना है. वह देख रहा है और उसे सेंसर नहीं किया जा सकता.मुझे लगता है कि सेंसर वैसे संवाद व बातों पर होनी चाहिए जो भड़काऊ हो जिसकी वजह से देश की एकता को चोट पहुंच रही हो. ऐसी चीजों पर सेंसर करें. न कि जो हकीकत है. उस पर आप रोक लगा कर कुछ साबित नहीं कर सकते.
इन दिनों कौन सी फिल्में निर्देशित कर रही हैं.
जल्द ही घोषणा करूंगी. फिलहाल ट्रैवलिंग में और पढ़ने लिखने में ज्यादा वक्त दे रही हूं. एक निर्देशक के रूप में भी और एक्टर के रूप में भी पढ़ना लिखना जरूरी है.
आप अभिनय को अधिक एंजॉय करती हैं या फिर निर्देशन को?
एक्टिंग को...पहले मैं एक्टर हूं.
No comments:
Post a Comment