20150420

पुराने से प्यार


 महेश भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म डैडी का ही धारावाहिक रूपांतर इन दिनों सोनी टीवी पर प्रसारित हो रहा है. इस धारावाहिक की कहानी भी डैडी की कहानी से ही प्रेरित है, जिसमें राम कपूर और गुरदीप कोहली मुख्य किरदार निभा रही हैं. इस बारे में जब महेश भट्ट से बात हुई तो उन्होंने कहा कि हां, यह सच है कि डैडी फिल्म मेरे दिल के बेहद करीब है और यही वजह है कि उन्होंने इसे धारावाहिक का भी रूप दिया है. दरअसल, सिर्फ महेश भट्ट ही नहीं, बल्कि कई फिल्मकार अपनी कुछ चीजों से इस कदर लगाव कर बैठते हैं कि उसका कोई न कोई अंश आपको शेष बची उनकी सारी कल्पना में या रचना में नजर आयेगा. हाल ही में कुणाल कोहली की पहली फिल्म फिर से का ट्रेलर लांच हुआ है. इस फिल्म के एक गीत में बैकग्राउंड में हम तुम का ही संगीत है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि कुणाल की सुपरहिट फिल्मों में से हम तुम एक रही है और इसलिए भी वे इसका इस्तेमाल कर रहे ताकि दर्शक उससे जुड़ पायें. करन जौहर ने धर्मा प्रोडक् शन के लोगो के साथ अपना सिग्नेचर टयून भी अपनी फिल्म कुछ कुछ होता है का ही रखा है. इसकी बड़ी वजह यह हो सकती है कि उनके करियर की पहली फिल्म ही  कुछ कुछ होता है थी. यशराज बैनर ने भी फिल्म वीर जारा के संगीत का इस्तेमाल यशराज के सिग्नेचर टयून के रूप में किया है. फरहान अख्तर ने फिल्म लक्ष्य के संगीत को सिग्चेनर टयून बनाया है. लक्ष्य हालांकि बहुत कामयाब फिल्म नहीं थी. लेकिन निश्चित तौर पर वह फरहान के दिल के बेहद करीब होगी. कुछ इसी तरह अब तक शत्रुघ्न सिन्हा अपने खामोश वाले संवाद से बाहर नहीं निकल पायेंगे. हालांकि कई बार किसी चीज से बेहद लगाव होना उचित भी है. और कई बार इसकी वजह से आपकी नयी रचनाशीलता भी बासी ही नजर आने लगती है. 

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