20131127

उगते सूरज पर प्रतिक्रिया


 इन दिनों हर मीडिया हाउस में सचिन के रिटायरमेंट को लेकर काफी आलेख, काफी चीजें दिखाई जा रही हैं. खासतौर से बॉलीवुड इसमें खास भूमिका निभा रहा है. बॉलीवुड की लगभग सभी तमाम बड़ी हस्तियां आमिर खान, शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन समेत हर कोई सचिन से जुड़ी अपनी बातें शेयर कर रहे हैं. यह अच्छी बात है कि ये बड़े नाम सचिन के बारे में बातें कर रहे हैं और दर्शकों को इससे रूबरू करा रहे हैं. लेकिन कई बार यही बॉलीवुड कई ऐसी हस्तियों के बारे में बातें करने से कतराते हैं. जिन्हें वे जानते करीब से हैं. लेकिन चूंकि वह ढले हुए सूरज होते हैं. सो, वे उनकी परवाह नहीं करते. हाल ही में मन्ना डे साहब का निधन हुआ. आशा भोंसले और लता जी उन शख्सियत में से एक हैं, जिन्होंने मन्ना डे के साथ काम किया है. जाहिर है, हर मीडिया हाउस चाहता था कि वे मन्ना डे से जुड़ी कुछ यादें शेयर करें. लेकिन अफसोस की बात यह है कि उस दिन आशाजी और लताजी ने अपना फोन स्वीच आॅफ रखा. हां, यह सच है कि कई बार हम शोक की मुद्रा में होते हैं और कुछ भी बातें करने की स्थिति में नहीं होते. लेकिन वही बात जब किसी बड़े स्टार्स या स्पोटर््स पर्सन की आती है तो सभी कैसे अपनी अग्रणीय भूमिका निभाने लगते हैं. प्राण की मौत पर मनोज कुमार शामिल नहीं हो पाये. लोगों ने उनका माखौल बनाया. बाद में जानकारी मिली कि मनोज कुमार प्राण की मौत की खबर सुन कर सदमे में थे और उनकी तबियत खराब थी. लेकिन यह अपवाद है. दरअसल, बॉलीवुड में इन दिनों यह दौर है कि उगते सूरज के बारे में बातें सभी करना चाहते हैं. डूबते सूरज या ढल चुके सूरज के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता. बॉलीवुड की दुनिया की यही असली पहचान है. जो इससे वाकिफ है. उसे संतुष्टि है. जो नहीं है वह बस बॉलीवुड को दोष देता रहेगा.  

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