आज कृष 3 रिलीज हो रही है. लंबे अरसे से इस फिल्म का इंतजार दर्शकों को भी था. और फिल्म के मेकर्स राकेश रोशन और ऋतिक रोशन ने इस फिल्म को लेकर काफी संभावनाएं जताई हैं. कृष की शुरुआत कोई मिल गया से हुई थी. उस वक्त कोई मिल गया उन फिल्मों में से एक थी, जब उस दौर में ऐसी फिल्में नहीं बन रही थीं. लेकिन आज जब कृष 3 लोगों के सामने होगा. कृष 3 के सामने कई तरह की चुनौतियां हैं. ऋतिक रोशन और उनके पिता राकेश रोशन ने कई बार सोचा कि उन्हें यह फिल्म आगे बढ़ानी चाहिए या नहीं. कई बार राकेश ने ऋतिक से कहा कि नहीं बनाते हैं फिल्म. निश्चित तौर पर राकेश इस बात से वाकिफ हैं कि उनके सामने कितनी चुनौतियां हैं. वे जिस किस्म की फिल्में बना रहे हैं. वैसी फिल्मों को हॉलीवुड की कॉपी न बनने से बचाना कितना कठिन है. ऋतिक ने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की है. उन्होंने स्वस्थ न होते हुए भी फिल्म की शूटिंग पूरी की. कई ऐसे दृश्य फिल्माये, जिन्हें उन्हें डॉक्टर ने फिल्माने से मना किया था. लेकिन ऋतिक की ये सारी मेहनत. उनकी पापा की आशाएं जाहिर है, किसी दर्शक को उससे कोई मतलब भी नहीं होता और न ही उन्हें फर्क पड़ता है. महत्वपूर्ण यही है कि फिल्म दर्शकों को पसंद आयेगी या नहीं आयेगी. अगर कृष 3 को कामयाबी मिलती है तो एक बार फिर से राकेश रोशन खुद को सफल निर्देशक की श्रेणी में शामिल कर लेंगे. ऋतिक ने कृष 3 से पहले अग्निपथ से कामयाबी का स्वाद चखा है. उनके लिए भी यह बड़ी कामयाबी होगी. लेकिन अगर फिल्म को विफलता मिलती है तो राकेश शायद ही फिर से इस जॉनर की फिल्में बनाने के बारे में सोचेंगे. दरअसल हकीकत यह है कि कई बार जब सिंहासन पर आपका एकाधिकार हो जाये, लेकिन उस एकाधिकार की कोई परिभाषा न हो तो सिंहासन छोड़ने में ही भलाई है.
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20131127
कृष 3 से उम्मीद
आज कृष 3 रिलीज हो रही है. लंबे अरसे से इस फिल्म का इंतजार दर्शकों को भी था. और फिल्म के मेकर्स राकेश रोशन और ऋतिक रोशन ने इस फिल्म को लेकर काफी संभावनाएं जताई हैं. कृष की शुरुआत कोई मिल गया से हुई थी. उस वक्त कोई मिल गया उन फिल्मों में से एक थी, जब उस दौर में ऐसी फिल्में नहीं बन रही थीं. लेकिन आज जब कृष 3 लोगों के सामने होगा. कृष 3 के सामने कई तरह की चुनौतियां हैं. ऋतिक रोशन और उनके पिता राकेश रोशन ने कई बार सोचा कि उन्हें यह फिल्म आगे बढ़ानी चाहिए या नहीं. कई बार राकेश ने ऋतिक से कहा कि नहीं बनाते हैं फिल्म. निश्चित तौर पर राकेश इस बात से वाकिफ हैं कि उनके सामने कितनी चुनौतियां हैं. वे जिस किस्म की फिल्में बना रहे हैं. वैसी फिल्मों को हॉलीवुड की कॉपी न बनने से बचाना कितना कठिन है. ऋतिक ने इस फिल्म के लिए बहुत मेहनत की है. उन्होंने स्वस्थ न होते हुए भी फिल्म की शूटिंग पूरी की. कई ऐसे दृश्य फिल्माये, जिन्हें उन्हें डॉक्टर ने फिल्माने से मना किया था. लेकिन ऋतिक की ये सारी मेहनत. उनकी पापा की आशाएं जाहिर है, किसी दर्शक को उससे कोई मतलब भी नहीं होता और न ही उन्हें फर्क पड़ता है. महत्वपूर्ण यही है कि फिल्म दर्शकों को पसंद आयेगी या नहीं आयेगी. अगर कृष 3 को कामयाबी मिलती है तो एक बार फिर से राकेश रोशन खुद को सफल निर्देशक की श्रेणी में शामिल कर लेंगे. ऋतिक ने कृष 3 से पहले अग्निपथ से कामयाबी का स्वाद चखा है. उनके लिए भी यह बड़ी कामयाबी होगी. लेकिन अगर फिल्म को विफलता मिलती है तो राकेश शायद ही फिर से इस जॉनर की फिल्में बनाने के बारे में सोचेंगे. दरअसल हकीकत यह है कि कई बार जब सिंहासन पर आपका एकाधिकार हो जाये, लेकिन उस एकाधिकार की कोई परिभाषा न हो तो सिंहासन छोड़ने में ही भलाई है.
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