20120817

बॉलीवुड का शेरा


 बेशक सलमान बॉलीवुड के टाइगर हैं और बॉक्स ऑफिस के भी.  वजह सिर्फ लगातार सुपरहिट हो रही फिल्में नहीं, बल्कि अपनी शर्तो पर जीनेवाले वे एकमात्र सुपरसितारा हैं. जंगल के राजा की तरह ही उनके रुल व उनका मूड किसी के लिए नहीं बदलते. शायद यही वजह रही कि एक था टाइगर के इंटरव्यूज के सारे समाचार चैनल के सेट भी बकायदा यशराज स्टूडियो में ही बनाये गये. यह उनकी लोकप्रियता का ही जलवा है कि लगभग सारे मीडिया हाउस घंटों इंतजार के बावजूद डटे रहे. चूंकि सलमान अन्य सितारों की तरह बड़े मीडिया या छोटे मीडिया हाउस में भेदभाव नहीं करते. सो, लगभग सभी मीडियाकर्मी की हालत समान ही थी. इंटरव्यू का दिन तय हो रहा था. टाल दिया जा रहा है. आखिर कार तीन दिनों के लंबे इंतजार के बाद गुरुवार को  रात 11 बजे अंतत: सलमान से मुलाकात हुई. अपने मस्तमौले अंदाज में सलमान खान ने बातचीत की. 

सलमान खान सुबह से लगातार इंटरव्यू दे रहे थे. लेकिन इसके बावजूद वे फ्रेश नजर आ रहे थे. आदतन उन्होंने स्टूडियो के कमरे में प्रवेश करने के साथ ही मुस्कुरा कर अभिवादन किया. और फिर अपने स्टाइल में सोफे पर बैठ गये.  हमारे पहले सवाल का जवाब उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में दिया. यह टाइगर क्या क्या कर सकता है? सलमान ने मजाक करते हुए और हाथों से मच्छर मारते हुए कहा कि लो मार दिया मच्छर. की न आपकी सुरक्षा. बचाया न आपको डेंगू से. मलेरिया से. यह टाइगर देश की सुरक्षा करता है..अपने इसी जवाब में उन्होंने दर्शा दिया कि एक था टाइगर में टाइगर की मौजूदगी क्या मायने रखती है. सलमान की इस मुलाकात में उनका एक और व्यक्तित्व निखर कर सामने आया वह यह कि भले ही वह हल्की फुल्की फिल्में करते हों. लेकिन उन्हें देश दुनिया की समझ है और देश में हो रहे संवेदनशीलमुद्दों पर न सिर्फ वह सुझाव रखते हैं. बल्कि वे रियेक्ट भी करते हैं. फिर चाहे वह असम का मुद्दा हो या फिर सरबजीत का मुद्दा.
बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ता है..
सलमान, विस्तार से बताएं. फिल्म एक था टाइगर का टाइगर क्या क्या करतब दिखाता है. क्यों वह औरों से अलग है. क्या वह सुपरहीरो की तरह है?
नहीं, मैं यह तो नहीं कहूंगा कि टाइगर सुपरहीरो की तरह है कोई. वह कोई सुपरमैन की तरह करतब नहीं दिखाता. लेकिन हां, वह जो भी एक् शन करता है. जिस तरह लोगों को मारता है. वह अलग है. वह बनावटी नहीं लगेगा आपको. चूंकि फिल्म को जिस तरह से शूट किया गया है. और फिर जिस तरह से इसकी एडिटिंग की गयी है. बड़े परदे पर बिल्कुल अलग नजर आयेगा वह.इस फिल्म का टाइगर एकसाथ कई लोगों से जूझता है. टाइगर प्यार भी करता है. लेकिन उसमें गुस्सा भी है. लेकिन उसका मुख्य मकसद अपने देश की सुरक्षा है.
निर्देशक कबीर का मानना है कि अगर आप न कहते तो यह फिल्म नहीं बन पाती. चूंकि आप ही वर्तमान में एकमात्र टाइगर यानी लाजर्र देन लाइफ अभिनेता हैं?
 वह निर्देशक हैं. अगर वह सोचते हैं तो यह उनका नजरिया होगा ही. जहां तक बात मेरी समझ की है. मैं मानता हूं कि हां टाइगर का किरदार ऐसा ही है, जो वाकई टाइगर सा दिखे. लाजर्र देन लाइफ दिखे. वह जब एक साथ कई लोगों की धुनाई करे तो लोगों को अटपटा न लगे. टाइगर फिट बॉडी रखता हो. उसके चेहरे पर वह गुस्सा हो. वह प्रेजेंस हो. क्योंकि जब ऐसी फिल्में बनती हैं तो स्क्रीन प्रेजेंस बहुत मायने रखती है. आप यहां सिर्फ हंसा कर या सिर्फ रोमांटिक एक्सप्रेशन देकर नहीं बच सकते. लेकिन साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मैं लगातार ऐसी फिल्में कर रहा हूं जिसमें लाजर्र देन लाइफ किरदार हैं. हालांकि सब एक दूसरे से अलग हैं. लेकिन कभी कभी मैं सोचता हूं कि लगातार ऐसे किरदार करता रहा तो फिर इससे आगे करूंगा( हंसते हुए) .
इन दिनों आपकी हर फिल्म सुपरहिट हो रही है तो आप क्या मानते हैं फिल्म एक था टाइगर अगर सफल हो जाती है तो वजह सलमान खान होंगे, या फिल्म की कहानी या फिर फिल्म का बैनर.
देखिए इस पर अपनी बात बिल्कुल स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा कि यह सच है कि फिल्मों में सितारें भी मायने रखते हैं. लेकिन मेरी सारी फिल्में हिट हो रही हैं क्योंकि उनमें कहानी भी है. एक था टाइगर में भी अच्छा काम किया है कबीर ने. वह कम फिल्में बनाते हैं. लेकिन अच्छी फिल्में बना रहे हैं. अगर केवल सितारों से हिट होती फिल्में तो कोई सुपरसितारा फिल्म फ्लॉप नहीं होती. हां, यह सच है कि मैं वैसी फिल्में करता हूं जो मेरी पर्सनैलिटी और मेरी सोच से मेल खाती है. इसलिए दर्शकों को मैं पसंद हूं. दूसरी बात यह भी है कि मैं लकी हूं कि मुङो अच्छी फिल्में मिल रही हैं.
24 साल के बाद आप यशराज के साथ आ रहे हैं? कोई खास वजह?
कोई खास वजह नहीं थी. बस हर काम का अपना समय होता है. मुङो लगा कि अब मुङो यह िफल्म करनी चाहिए तो मैंने की. वैसे फिल्म यशराज की नहीं होती तब भी करता. क्योंकि फिल्म की कहानी अच्छी है.
फिल्म में कई अलग तरह के एक् शन दृश्य हैं और आप इन दिनों पूरी तरह स्वस्थ नहीं तो कुछ परेशानी हुई. साथ ही क्या फिल्म में संदर्भ के तौर पर कहीं से कुछ मदद ली या किसी रॉ एजेंट से मिले.
हंसते हुए आपको लगता है कि कोई रॉ एजेंट जिसके पास पूरे देश की जिम्मेदारी है उसके पास इतना वक्त होगा कि वह हमसे मिलेंगे. लेकिन हां यह जरूर है कि कबीर का होमवर्क बहुत है. मैं उन्हें बहुत पहले से जानता हूं. उनकी कुछ डॉक्यूमेंट्री वर्क देखी थी. अच्छी समझ है. वह पॉलिटिकली भी चीजों को रखना जानते हैं. जहां तक बात है एक् शन दृश्य के तो मुङो खास परेशानी नहीं हुई. जो एक् शन मास्टर थे. उन्होंने बहुत मदद की और पूरी फिल्म में सिर्फ एक् शन सीन ही थोड़ी फिल्माना था. मेरी रजामंदी के बाद ही दृश्य लिखे गये थे. वैसे अब मैं ठीक हूं. फैन्स की दुआ से कोई खास परेशानी नहीं. और मैं मानता हूं कि फिल्म अच्छी हो तो उसे तो प्रोमोशन की भी जरूरत नहीं. अगर मैं बात न भी करूं अभी तो लोग जायेंगे ही फिल्म देखने न.
कट्रीना के साथ लंबे अंतराल के बाद आप परदे पर आ रहे हैं तो तालमेल बिठाने में किसी तरह की कोई परेशानी हुई?
बिल्कुल नहीं. कट्रीना दोस्त थीं. रहेंगी. कोई लड़ाई झगड़ा या तनाव नहीं. वह मेहनती हैं और मैं देख रहा हूं वे लगातार ग्रो कर रही हैं. मुङो खुशी है. उनकी भाषा में भी अब काफी सुधार आया है. वे अपने अभिनय पर भी काम कर रही हैं. खुश हूं उनकी तरक्की देख कर.
आप फिल्में हल्की फुल्की  करते हैं. लेकिन सामाजिक व संवेदनशील मुद्दों पर आप हमेशा आगे आते हैं. जैसे आपने सरबजीत के मुद्दें पर उनके परिवार का साथ दिया. कोई खास वजह?
देखिए यह जरूरी नहीं कि हम जो अभिनय कर रहे हैं वही रियल लाइफ में हमारी सोच है. इसलिए तो वह एक्टिंग है. हम एक्ट कर रहे होते हैं. मैं फिल्में हल्की फुल्की करता हूं क्योंकि मेरे फैन्स को वह पसंद है. वे हॉल में रो कर या सिर खपा कर फिल्म देखने नहीं जाते. लेकिन जब बात वास्तविक जिंदगी की आती है तो सबसे पहले मैं एक rाुमन बिइंग हूं. मेरी कुछ अपनी सोच है. मुङो बुरा लगता है जब असम में ऐसे लड़की का रेप हो जाता है और मीडिया वहां तमाशा देखती है. अरे जाओ कुछ करो. नहीं कर सकते तो जाकर कम से कम पुलिस को फोन करो. सरबजीत के मुद्दे में मैं आया परिवार के साथ क्योंकि मुङो लगता है कि सरबजीत के साथ गलत हुआ है. जहां तक मैंने इस विषय को समझा है. तो मैंने साथ दिया. रही बात फिल्मों की तो मैं अपनी फिल्मों से भाषणबाजी नहीं कर सकता. पाठ नहीं पढ़ा सकता. हां, लेकिन मैं गालियोंवाली फिल्म नहीं बना सकता. क्योंकि मैं परिवार के साथ फिल्म देखता हूं और वैसी ही फिल्में देखना भी पसंद करता हूं.
रियल लाइफ में आपकी नजर में टाइगर कौन है?
जो अपने बड़ों का सम्मान करे. जरूरत पड़ने पर कायर न बने. छोटे छोटे काम भी करे तो वह भी हीरो है. अपने परिवार का साथ दे.
आपके लिए जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण
मेरे लिए मेरा परिवार, मेरे दोस्त और मेरे प्रशंसक जिंदगी में सबसे अधिक मायने रखते हैं.

1 comment:

  1. मेरे लिए मेरा परिवार, मेरे दोस्त और मेरे प्रशंसक जिंदगी में सबसे अधिक मायने रखते हैं

    आप जब कभी इंटरव्यू की बातें लिखें सेलिब्रिटी की ही भाषा का प्रयोग करें

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