20120816

किरदार अच्छा हो तो 200 किरदारोंवाली फिल्में भी करूंगी : कट्रीना




 कट्रीना कैफ लगातार बॉलीवुड में अपनी धाक जमा रही हैं. जो लोग उन्हें सिर्फ बार्बी डॉल या ग्लैमर की गुड़िया कह कर चिढ़ाते थे. कट्रीना उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे रही है. वे लगातार अलग तरह की फिल्में कर रही हैं और अब तो वह एक् शन दृश्यों से भी गुरेज नहीं कर रहीं. यशराज की पसंदीदा अभिनेत्रियों में से एक कट्रीना एक हैं. एक था टाइगर उनके लिए विशेष फिल्म है.ऐसा वे खुद मानती हैं.

निर्धारित समय के अनुसार हम रात के 7.20 में यशराज स्टूडियो के कॉरपोरेट ऑफिस के पहले माले पर पहुंचते हैं. कट्रीना अभी दूसरे इंटरव्यू में व्यस्त थीं. हमने सोचा, प्राय: फिल्मी सितारें वक्त पर इंटरव्यू शुरू नहीं करते. तो, इस बार भी कुछ ऐसा ही होगा. लेकिन कट्रीना वक्त की बेहद पाबंद हैं. उन्होंने ठीक 7.20 में हमसे बातचीत शुरू की. कट्रीना जानती थीं कि हमें बातचीत का वक्त बेहद कम मिला है सो, वह अपनी भूख की बात जाहिर नहीं कर रही थीं. लेकिन जब उनके सामने सैंडविच आये और कॉफी का जग रखा गया है. तो वह भूख को रोक नहीं पायीं. बेहद शालीनता के साथ उन्होंने हमसे अनुमति ली और हमें भी कॉफी ऑफर किया. उन्होंने बताया कि वे लगातार इंटरव्यू दे रही हैं और उन्हें खाने का वक्त नहीं मिल रहा. सैंडविच हाथों में लेकर वे रिकॉर्डिग ऑन करने को कहती हैं और सॉरी फोर द डिले..लेकिन मैं बहुत भूखी थी. कह कर बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाती हैं. फिल्म की बातचीत से परे इस मुलाकात से कट्रीना की व्यक्तित्व की यह खासियत तो पता चली कि वे ईमानदारी से प्रश्नों का जवाब देती हैं और वे सुपरसितारों की तरह दिखावटीपन की शिकार बिल्कुल नहीं. साथ ही कट्रीना अब हिंदी में बातचीत करने में बहुत सहज हो चुकी हैं.
फिलहाल बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाता है.
कट्रीना लंबी सांस लेती हैं ओह नॉउ आइ एम रेडी
कट्रीना, एक था टाइगर के लिए हां कहने की वजह सलमान थे, यशराज बैनर था या फिर कोई और वजह?किस तरह की तैयारी की आपने.
सिर्फ और सिर्फ कबीर खान फिल्म के निर्देशक़. कबीर मेरे अच्छे दोस्त भी हैं और वे जानते हैं कि वह मुझमें से कौन सा किरदार निकाल कर सामने ला सकते हैं. वे जानते हैं कि मुझ पर क्या सूट करता है. जब मैंने न्यूयॉर्क साइन की तो फ्रैंकली स्पिकिंग मैंने यशराज बैनर की वजह से फिल्म साइन की थी. लेकिन जब मैंने कबीर के साथ काम किया तो मैंने महसूस किया कि वह जीनियस हैं. वे अपने किरदारों पर अपनी पटकथा पर विशेष रूप से काम करते हैं. बहुत नॉलेज हैं उनके पास. बाप रे. मैं तो उनकी जानकारी, फैक्ट्स का ए भी नहीं जानती. कबीर अब मेरे खास दोस्तों में एक बन चुके हैं. तो मैं उन पर विश्वास करती हूं. वह जो बनायेंगे. मेरे लिए बेस्ट ही होगा.जहां तक बात तैयारी की है तो अगर निर्देशक का होमवर्क पूरा हो तो फिर आपको बहुत कुछ सोचने की जरूरत नहीं पड़ती. ऐसा नहीं था कि एक था टाइगर में जो मेरा किरदार है उसके लिए मैं वेट पुटऑन किया या कम किया. हां, बस कबीर ने एक बात कही थी कि फिल्म में संवेदना को बरकरार रखना है. और मैंने कोशिश की है कि वह कायम रहे.
यशराज बैनर के साथ यह आपकी तीसरी फिल्म है. तो कैसा रहा है अब तक अनुभव?
बेहतरीन. मुङो लगता है कि मेरी जो शुरुआत हुई है यशराज के साथ वह सबसे बेहतरीन शुरुआत थी फिल्म न्यूयॉर्क की. मेरे लिए जिंदगी में मेरी सबसे स्पेशल फिल्म रहेगी न्यूयॉर्क. क्योंकि इसी फिल्म से दर्शकों ने मुङो गंभीरता से लेना शुरू किया था. उससे पहले मैं केवल कॉमेडी, मसाला फिल्में करती आ रही थी. शुरू में जब मैं यशराज से जुड़ रही थी तो मैं बहुत नर्वस थी. सलमान ने उस वक्त मुङो बहुत सपोर्ट किया था. दूसरी बात सलमान ने बताया था कि कबीर बेहतरीन फिल्म की सोच रखते हैं. और हुआ भी वही न्यूयॉर्क से मुझमें निखार आया और यशराज के साथ रिश्ता गहरा हुआ. मैं मानती हूं कि मेरी मेहनत रंग ला रही है तभी तो यशराज जैसे बैनर ने मुझ पर भरोसा किया है. एक था टाइगर के बाद धूम 3और शाहरुख के साथ काम करने का मौका भी मुङो यशराज बैनर ही दे रहा है.
यशराज लगातार आपको मौके दे रहा है. क्या आपको लगता है कि यह आपकी लोकप्रियता की वजह से है. आपका ग्लैमर है. यह वजह या फिर?
आपको लगता है कि केवल ग्लैमर के आधार पर कोई इतना बड़ा प्रोडक् शन हाउस पैसे लगा देगा. नहीं मैं नहीं मानती. मैंने यशराज की तीनों फिल्मों में खुद को प्रूफ किया है. आप देखें मेरी फिल्में. फिल्मों में मेरे किरदार को अहमियत ली है. लोगों ने उन किरदारों को याद रखा है. मेरे ब्रदर की चुलबुली डिंपल की शरारत अभी भी लोगों को याद है.
एक था टाइगर की शूटिंग का अनुभव कैसा रहा. लोगों को बहुत उम्मीद है फिल्म से. लेकिन सलमान खान की चर्चा ज्यादा हो रही है. तो ऐसे में आपके लिए फिल्म में अभिनय का स्कोप कितना रह जाता है.
निस्संदेह फिल्म का शीर्षक सलमान के किरदार पर है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मेरा किरदार खास नहीं है. मैं फिल्म में कलाकारों की संख्या पर ध्यान नहीं देती. अगर मेरा किरदार खास रहा और फिल्म में 200 किरदार भी होंगे तो मैं करूंगी. एक था टाइगर की स्क्रिप्ट इस तरह लिखी गयी है कि फिल्म में नायिका का किरदार भी खास हो जाता है. आखिर पूरी कहानी और टाइगर नायिका के इर्द-गिर्द ही घूमते हैं.
आपको लगता है कि अब हिंदी फिल्मों में महिला प्रधान फिल्मों की संख्या बढ़ने लगी है. अच्छे किरदार मिल रहे हैं. एक्सपेरिमेंटल फिल्में करना चाहेंगी आप भविष्य में?
हां मैं मानती हूं. मैं इस लिहाज से लकी रही हूं. मुङो अब तक जितनी फिल्में भी मिली हैं. उन सब में मेरे किरदार प्रधान रहे हैं. और बॉलीवुड में अब अभिनेत्रियों को केवल नाच गाने के लिए नहीं रख रहे. जहां तक बात है एक्सपेरिमेंटल फिल्मों की तो अभी से कुछ नहीं कह सकती. अभी तो केवल 9-10 साल ही हुए हैं. अभी लंबा सफर तय करना है. मैं फिलहाल वही फिल्में करूंगी जो मैं खुद भी देखना चाहूं और मुङो एंटरटेनिंग फिल्में पसंद हैं.
आप तीन खानों के साथ काम कर रही हैं. और तीनों ही फिल्में यशराज बैनर की हैं.
हां, यह एक इत्तेफाक मात्र ही है. लेकिन बेहतरीन मौका भी है. इन तीनों में विशेष कर यश अंकल के साथ काम करने का अनुभव बिल्कुल नया रहा. शुरुआती दौर में  मैं यश अंकल से बहुत डरती थी. लेकिन धीरे धीरे उन्हें जब पता चला कि मैं उनसे बेहद डरती हूं तो उन्होंने मुङो सहज करने के लिए कभी कभी हल्का फुल्का मजाक करना शुरू किया. तो मैं भी सहज हुई और एक खास बात यह भी रही कि पता नहीं कैसे और क्यों लेकिन मैं यश अंकल से जब से मिली हूं. तब से लेकर अब तक जब भी मिलती हूं. उनके पैर छूती हूं. मुङो वह फादरली फिगर लगते हैं और मुङो सुकून मिलता है. जहां तक बात है तीनों खान की तो सलमान खान को मैं बेहद सेंसबल और केयरिंग मानती हूं. वे अपने साथ काम कर रहे लोगों का भी बहुत ध्यान रखते हैं. शाहरुख के पास सेंस ऑफ rाुमर अच्छा है और आमिर बहुत व्यवस्थित हैं. आमिर के साथ अभी शूटिंग शुरू नहीं की है. लेकिन कुछ मुलाकातें हुई हैं. उन्हें देखा तो मैंने मन में सोचा अच्छा तो लोग इसलिए उन्हें परफेक्टनिस्ट कहते हैं.
कट्रीना हमेशा अफवाहों में बनी रहती हैं या बनाई जाती हैं या फिर पीआर स्टोरिज की साजिश होती है.
हंसते हुए : सिर्फ साजिश होती है..हाहाहा. वैसे सच बताऊं तो हर दिन जितनी खबरें छपती हैं उनमें 35 प्रतिशत से अधिक किसी बात में सच्चाई नहीं होती. खबर आयी कि सलमान ने कार गिफ्ट की मुङो. गिफ्ट मुङो मिला और मुङो ही पता नहीं. अखबार बता रहे हैं. लेकिन मैं मीडिया में आ रही हर बात की सफाई नहीं दे सकती. मैं कोई बंधक नहीं हूं. दर्शक खुद समझदार हैं. झूठ तो झूठ होता है. जो सच है. वह सामने आ ही जायेगा.
लेकिन दर्शक तो वही इमेज बना लेते हैं जो मीडिया उन्हें दिखाती है?
तो यह आपलोगों की जिम्मेदारी है कि सही चीजें दिखाये उन्हें. हम स्टार्स आकर हर बात की सफाई नहीं दे सकते. यह संभव नहीं है प्रैक्टकली. मुङो लगता है कि अगर बताना ही तो बताओ न कि कौन कौन सी फिल्में कर रही हूं. क्या खाती हूं. क्या पहनती हूं .यह भी बताओ. लेकिन किससे क्या अफेयर चल रहा है. ब्रेकअप की बातें. ये सारी बातें बकवास हैं.



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