20120202

कहानियों में अग्निपथ

फिल्म अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म अग्निपथ विजय दीनानाथ चौहान के पिता के मौत के बदले व उन पर लगे कलंक को मिटाने की कहानी है. करन जोहर ने इसी फिल्म का रीमेक निर्मित किया है. हिंदी सिनेमा में ऐसी और भी कई फिल्में बनती रही हैं, जिनमें नायक को बदले की भावना में जलते हुए दिखाया जाता रहा है.

मुंबई से थोड़ी दूरी पर स्थित मांडवा गांव में कांचा राज करना चाहता है. लेकिन मास्टर दीनानाथ चौहान उसके राह में रोड़े बनते हैं. कांचा को यह मंजूर नहीं और वह दीनानाथ चौहान पर गलत इल्जाम लगा कर उन्हें मार डालता है. दीनानाथ का बेटा विजय अपने पिता के इस कलंक व उनकी मौत के दर्द को भूल नहीं पाता और अपने जीवन का एक ही मकसद बना लेता है अपने पिता की मौत का बदला. दरअसल, किसी दौर में हिंदी सिनेमा में ऐसी कहानियों ने राज किया है. हिंदी सिनेमा में ऐसी कई फिल्में बनती रही हैं, जिसमें नायक अपने परिवार के किसी सदस्य की मौत का बदला लेने के लिए ताउम्र जिंदा रहता है. ऐसी लगभग सारी फिल्मों को दर्शकों ने पसंद किया है. मनोचिकित्सक डॉ उषा गावेडकर का मानना है कि दरअसल, हर व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई दर्द रहता ही है. ऐसे में जब उन्हें फिल्मों में ऐसी कहानी देखने को मिलती है तो वह खुद को उस फिल्म से कनेक्ट करने लगते हैं. यही वजह है कि बदले की भावना पर आधारित कहानियां दर्शकों को पसंद आती है.
अग्निपथ
यश जोहर की फिल्म अग्निपथ और करन जोहर निर्मित अग्निपथ विजय दीनानाथ चौहान के पिता के मौत के बदले की भावना में जलते हुए नायक की ही कहानी है.
आज का अर्जून
अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म आज का अर्जून में अर्जून अपने सामने अपनी बहन के हुए बलात्कार के बदले की भावना में जलता रहता है और अंततः वह जमींदार को मार डालता है. तब जाकर उसे सुकून मिलता है.
डिस्को डांसर
फिल्म डिस्को डांसर की कहानी भी अपने मां के हुए अपमान का बदला लेने की कहानी है. फिल्म में मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी अदाकारी से साबित कर दिया था कि वे बेहतरीन अभिनेता हैं.फिल्म को भारत के साथ साथ रूस में भी अपार सफलता मिली थी.
बाजीगर
फिल्म बाजीगर में अजय शर्मा अपने पिता विश्वनाथ शर्मा की मौत का बदला लेने के लिए मदन चोपड़ा की बेटियों के साथ प्यार का नाटक रचता है और फिर वह उनकी बेटियों को मार डालता है.इस फिल्म से शाहरुख खान बतौर अभिनेता इंडस्ट्री में स्थापित हुए और दर्शकों ने उन्हें बेहद पसंद किया. शुरुआती दौर में उनकी लोकप्रिय फिल्मों में से एक थी यह फिल्म
जिद्दी
वर्ष 1990 में बनी फिल्म घायल में भी सनी देओल अपने परिवार के लोगों की मौत के बदले की आग में जलते हैं और अंततः अपने दुश्मनों का खात्मा करने के बाद उन्हें चैन मिलता है.
गजनी
आमिर खान अभिनीत फिल्म गजनी में आमिर अपनी प्रेयसी की मौत का बदला लेने के लिए जिंदा रहते हैं और गजनी को मार कर ही उन्हें चैन मिलता है.
विजयपथ
अजय देवगन व तब्बू अभिनीत फिल्म में करन जब तक दिलावर सिंह को मौत के घाट नहीं उतार देता. वह चैन की सांस नहीं ले पाता.
करन-अर्जून
सलमान खान और शाहरुख अभिनीत फिल्म करन -अर्जून में मां के रूप में राखी अपने दोनों बेटों को खो चुकी होती है. लेकिन उसे फिर भी विश्वास है कि उसके बेटे आयेंगे और फिर से ठाकुर को सबक सिखायेंगे और ऐसा होता भी है.
इनके अलावा गंगा जमुना व प्रतिज्ञा ऐसी ही कहानियों पर आधारित फिल्में हैं.
बॉक्स में
हिंदी सिनेमा में नायिकाओं पर आधारित भी ऐसी कई कहानियां कही गयी हैं, जिनमें नायिकाओं के जीवन का मकसद भी बदला ही होता है.ऐसी फिल्मों में खुदगर्ज, सितापुर की सीता, दुश्मन व शेरनी जैसी फिल्में शामिल हैं

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