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20120213
प्यार को शर्त नहीं, सम्मान चाहिए
Orginally published in prabhat khabar.
Date : 14feb2012
आज प्रेम दिवस है. प्राय: प्रेम का संदर्भ आते ही, सबसे पहले जेहन में सवाल उठता है कि ये प्रेम है क्या? जितने लोग, उतनी प्रेम की परिभाषा. जैसा नजरिया, वैसी है ये प्यार की डगरिया. प्रेम जज्बा भी है. जूनून भी.
अपने प्रियवर या प्रेयसी पर विश्वास भी प्रेम का ही एक नाम है. दरअसल, सच्चाई है कि प्रेम को किसी भी परिभाषा में सीमित नहीं किया जा सकता. न ही इसका कोई ठोस आकार या प्रकार है. शायद यही वजह है कि सम्मान का आकार लेकर ही प्रेम की गहराई और निखर आती है. वह भी बिना किसी शर्त व बिना किसी उम्मीद के अगर आप किसी रिश्ते को सम्मान देते हैं, तो उससे अटूट प्रेम और कुछ हो ही नहीं सकता.
हिंदी सिनेमा जगत में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां कई लोगों ने निसंकोच होकर बिना किसी शर्त के अपने प्रेम का सम्मान किया. इस संदर्भ में सबसे पहला नाम शम्मी कपूर की दूसरी पत्नी नीला देवी गोहिल का आता है.
जिन्होंने यह जानते हुए भी शम्मी से शादी की कि आज भी शम्मी अपनी पहली पत्नी गीता से ही प्यार करते हैं. नीला राजसी ठाठ बाठ छोड़ कर मरते दम तक शम्मी का सहारा बनीं. शम्मी जी ने खुद इस बात को स्वीकारा कि नीला ने कभी अपने बच्चे को जन्म इसलिए नहीं दिया, ताकि वह गीता के बच्चों पर निष्पक्ष प्यार न्योछावर कर पायें. शम्मी के खराब स्वास्थ्य में भी उन्होंने एक प्रेयसी की तरह उनका साथ निभाया.
कुछ इसी तरह सलमान की मां सलमा खान ने अपने पति सलीम खान की दूसरी पत्नी हेलन को अपनी जिंदगी में सहजता से स्वीकारा, जबकि सलमा- सलीम ने प्रेम विवाह किया था. राजकपूर की पत्नी कृष्णा राज कपूर व नरगिस की नजदीकियों के बारे में हमेशा से वाकिफ़ रहीं. लेकिन इस बात से उन्होंने कभी राज से दूरियां नहीं बनायी. सायरा व दिलीप आज भी युवा प्रेमी युगल नजर आते हैं.
सायरा ने उस वक्त भी दिलीप का साथ दिया, जब एक महिला ने दावा किया कि वह दिलीप की पहली पत्नी है. सायरा आज भी दिलीप से बेइतहां प्यार करती हैं और उनका पूरा ख्याल रखती है. यह प्रेम कहानियां दौलत शोहरत की चाहत रखनेवाली प्रेम कहानियां नहीं हैं, बल्कि इस प्रेम की मजबूत नींव सम्मान पर पूरी मजबूती से टिकी है
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