20120206

भ्रष्ट सिस्टम के चेहरे पर आम आदमी का तमाचा


फिल्म : गली गली चोर है
कलाकार : अक्षय खन्ना, सतीश कौशिक, मुग्धा गोड्से, अनु कपूर,श्रिया शरण
निदेशक : रूमी जाफरी
संगीत : अनु मलिक
गीत : राहत इंदौरी, स्वानंद किरकिरे
रेटिंग : 3 स्टार
अक्षय खन्ना ने लंबे अंतराल के बाद फिल्म गली गली चोर है से वापसी की है. वे ऐसे अभिनेता हैं जो किरदारों को जीवंत करने में माहिर हैं. इस बात का प्रमाण वह अपनी पिछली फिल्मों में दे चुके हैं. इस फिल्म से उनकी अदाकारी में और निखार आया है. फिल्म गली गली चोर है एक आम आदमी की कहानी है. फिल्म के निदेशक रूमी जाफरी की इस बात के लिए तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने बिना भाषणबाजी किये ही फिल्म में भ्रष्टाचार के मुद्दे को खूबसूरती से दर्शाया है .
यह फिल्म दर्शाती है कि कैसे कोइ आम आदमी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाता. आम आदमी निहत्था है, कमजोर है तो सिस्टम उसका गलत फायदा उठा सकता है. सिस्टम में आने वाले हर व्यक्ति, हर विभाग के सच को दशाती है. यह फिल्म इस फिल्म के जरिये रूमी जाफरी आम जनता की बात और उसकी ताकत को आम जनता तक पहुंचाने में कामयाब रहे हैं.
वे भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मसले पर हवा में बात करने से बचते हुए बेहद ही खूबसूरती से अपनी बातों को दशकों तक पहुंचाने में कामयाब साबित हुए हैं. फिल्म में मुख्य किरदार का नाम भारत रखने के पीछे भी निदेशक का उद्देश्य साफ झलकता है.
अक्षय खन्ना व सतीश कौशिक के रूप में निश्चित रूप से निदेशक ने किरदारों को जीवंत करने के लिए एक अच्छा चुनाव किया है. इमानदार व मासूम पिता के रूप सतीश खूब जंच रहे हैं. इस फिल्म का विषय बेहद उम्दा होने के बावजूद निदेशक से सिफ इस बात की शिकायत है कि क्या वीना मलिक के आयटम डांस के बिना फिल्म कमजोर पड़ जाती अगर यह आयटम सांग नहीं होता तो भी यह फिल्म एक अच्छी फिल्म साबित होती .
मुग्धा गोड्से ने क्यों यह फिल्म स्वीकारी, यह तो वही बता सकती हैं, क्योंकि फिल्म में उनके लिए कोइ खास जगह नजर ही नहीं आती. श्रिया शरण ने अपने लिहाज से अच्छा अभिनय किया है फिल्म गली गली चोर है, दरअसल भ्रष्ट सिस्टम के मुंह पर एक आम आदमी का तमाचा है. निदेशक की इमानदार कोशिश है, इसलिए यह फिल्म सराहना के काबिल है हर भारतीय को यह फिल्म एक बार जरूर देखनी चाहिए

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