कुछ दिनों पहले शाहरुख खान ने अपने पिता के जन्मदिन पर उनकी एक तसवीर टिष्ट्वटर पर अपलोड की थी. और साथ ही लिखा था. कि जन्नत में आप जहां भी हैं. खुश रहें. सलामत रहें. शाहरुख भी अपने पिता के काफी करीबी थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें अपने पिता का साथ लंबी उम्र तक नहीं मिला था. जब वे 14 साल के थे. तभी उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. शाहरुख की अपलोड की गयी उस तसवीर और उसमें लिखे शब्द ही बयां करते हैं कि शाहरुख आज अपने पिता को कितना मिस करते होंगे. इस बार जन्मदिन पर जब उनसे उनके घर मन्नत में मुलाकात हुई तो उनसे मैंने यह सवाल पूछा कि क्या उनके पिता ने उन्हें कभी किसी जन्मदिन पर ऐसी कोई चिट्ठी तोहफे के रूप में दी थी. जो उनके लिए काफी इमोशनल रही हो. यह प्रश्न सुन कर शाहरुख भावुक हो उठे थे. उन्होंने बताया कि उस दौर में वे या उनके पिता कभी इस तरह की चीजों पर ध्यान नहीं देते थे. खुद उनके पास केवल अपने पिता की दो तसवीरें हैं और कुछेक तो उन्होंने खुद इंटरनेट से इकट्ठी की है. साथ ही शाहरुख ने ये बताया कि जब उनके पिता कैंसर से पीड़ित थे. वे बात नहीं कर पाते थे. तो वे एक डायरी रखते थे और उसमें सारी बातें लिखते थे. जैसे कैसे हो...शाहरुख और उनकी बहन शहनाज दोनों को ही. वे दो किताबें आज भी शाहरुख के पास हैं. शाहरुख के चेहरे पर स्पष्ट रूप से यह बात झलक रही थी कि उन्हें कितना अफसोस है कि वे अपने पिता की किसी चीज को धरोहर के रूप में सहेज नहीं पाये हैं. यहां तक कि तसवीरें भी नहीं. दरअसल, हकीकत यही है कि जिस वक्त शाहरुख से उनके पिता का साथ छीना वे शायद ही इस बात से वाकिफ होंगे कि वे खुद इतने बड़े सुपरस्टार बनेंगे और दुनिया उनकी चीजें सहेजेगीं. खुद शाहरुख आम परिवार से थे और प्राय: हम आम मध्यवर्गीय परिवार में ऐसी चीजों को खास तवज्जो नहीं दी जाती है. हम रुटीन वर्क में ही खुद को इतने व्यस्त रखते हैं कि बाकी चीजों का ख्याल नहीं कर पाते. हमारा ध्यान कभी इस ओर नहीं जाता कि हमारे परिवार के सदस्य बड़े बुुजुर्ग भी दरअसल, हमारे धरोहर हैं और उनसे जुड़ी चीजें हमें सहेज कर रखने के लिए उनका डॉक्यूमेंटेशन करना ही चाहिए. फिर चाहे वह वीडियो के रूप में या तसवीरों के रूप में. जरूरी नहीं कि केवल खास शख्सियतों को ही यह हक है. अमिताभ बच्चन ने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की किताबों और उनसे जुड़ी तसवीरों को यादों में संजों रखा है.
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20121106
एक सुपरस्टार बेटे के मन की टिस
कुछ दिनों पहले शाहरुख खान ने अपने पिता के जन्मदिन पर उनकी एक तसवीर टिष्ट्वटर पर अपलोड की थी. और साथ ही लिखा था. कि जन्नत में आप जहां भी हैं. खुश रहें. सलामत रहें. शाहरुख भी अपने पिता के काफी करीबी थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें अपने पिता का साथ लंबी उम्र तक नहीं मिला था. जब वे 14 साल के थे. तभी उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. शाहरुख की अपलोड की गयी उस तसवीर और उसमें लिखे शब्द ही बयां करते हैं कि शाहरुख आज अपने पिता को कितना मिस करते होंगे. इस बार जन्मदिन पर जब उनसे उनके घर मन्नत में मुलाकात हुई तो उनसे मैंने यह सवाल पूछा कि क्या उनके पिता ने उन्हें कभी किसी जन्मदिन पर ऐसी कोई चिट्ठी तोहफे के रूप में दी थी. जो उनके लिए काफी इमोशनल रही हो. यह प्रश्न सुन कर शाहरुख भावुक हो उठे थे. उन्होंने बताया कि उस दौर में वे या उनके पिता कभी इस तरह की चीजों पर ध्यान नहीं देते थे. खुद उनके पास केवल अपने पिता की दो तसवीरें हैं और कुछेक तो उन्होंने खुद इंटरनेट से इकट्ठी की है. साथ ही शाहरुख ने ये बताया कि जब उनके पिता कैंसर से पीड़ित थे. वे बात नहीं कर पाते थे. तो वे एक डायरी रखते थे और उसमें सारी बातें लिखते थे. जैसे कैसे हो...शाहरुख और उनकी बहन शहनाज दोनों को ही. वे दो किताबें आज भी शाहरुख के पास हैं. शाहरुख के चेहरे पर स्पष्ट रूप से यह बात झलक रही थी कि उन्हें कितना अफसोस है कि वे अपने पिता की किसी चीज को धरोहर के रूप में सहेज नहीं पाये हैं. यहां तक कि तसवीरें भी नहीं. दरअसल, हकीकत यही है कि जिस वक्त शाहरुख से उनके पिता का साथ छीना वे शायद ही इस बात से वाकिफ होंगे कि वे खुद इतने बड़े सुपरस्टार बनेंगे और दुनिया उनकी चीजें सहेजेगीं. खुद शाहरुख आम परिवार से थे और प्राय: हम आम मध्यवर्गीय परिवार में ऐसी चीजों को खास तवज्जो नहीं दी जाती है. हम रुटीन वर्क में ही खुद को इतने व्यस्त रखते हैं कि बाकी चीजों का ख्याल नहीं कर पाते. हमारा ध्यान कभी इस ओर नहीं जाता कि हमारे परिवार के सदस्य बड़े बुुजुर्ग भी दरअसल, हमारे धरोहर हैं और उनसे जुड़ी चीजें हमें सहेज कर रखने के लिए उनका डॉक्यूमेंटेशन करना ही चाहिए. फिर चाहे वह वीडियो के रूप में या तसवीरों के रूप में. जरूरी नहीं कि केवल खास शख्सियतों को ही यह हक है. अमिताभ बच्चन ने अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की किताबों और उनसे जुड़ी तसवीरों को यादों में संजों रखा है.
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