बॉलीवुड में अनुष्का शर्मा एकमात्र ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्हें यश चोपड़ा व उनके बेटे आदित्य चोपड़ा दोनों के साथ फिल्में करने का मौका मिला. अनुष्का यशराज की ही खोज हैं और इसी बैनर की फिल्म जब तक है जान में वे एक नये अवतार में नजर आ रही हैं. जब तक हैं जान में उनके उम्दा अभिनय की काफी तारीफ हो रही है है. महज 24 साल की उम्र में वे बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशकों के साथ काम कर रही हैं.
बकौल अनुष्का मैं खुशनसीब हूं कि मुझे यशजी जैसे निर्देशक के साथ काम करने का मौका मिला. मुझे पहले ब्रेक भी इसी बैनर ने दिया. तब नहीं सोचा था कि आदित्य के साथ काम करने के बाद यशजी के साथ काम करने का मौका मिलेगा. जिस दिन मुझे यशराज से इस फिल्म के लिए कॉल आया था. मैं नर्वस थी. मैं खुद पर यकीन नहीं कर पा रही थी कि क्या वाकई मैं यशजी की हीरोइन बनूंगी. हां, यह मेरे लिए सपने के पूरे होने जैसा ही है. क्योंकि मैं जानती हूं और अब तो काम करने के बाद यह मानती भी हूं कि यशजी की हीरोइनें ओरनामेंटल या बनावटी नहीं होतीं. वे उनके शारीरिक सौंदर्य को नहीं, बल्कि उन्हें अंदर से फील कराते थे कि वे स्पेशल हैं फिल्म के लिए.
अकिरा की सराहना
फिल्म की रिलीज के बाद काफी लोगों ने मुझे फोन किया. लगातार बधाईयां मिल रही हैं कि मेरे किरदार को दर्शकों ने पसंद किया. फिल्म की रिलीज से पहले मेरे सामने कई बार यह सवाल खड़े किये गये थे कि मुझे दो अभिनेत्रियोंवाली फिल्म नहीं करनी चाहिए थी. लेकिन मैं अब भी ये मानती हूं कि फिल्म हीरो हीरोइन से नहीं, उनके किरदार से चलता है. और वही हुआ भी
दिग्गजों की पसंद
हां,यह सच है कि मैं राजकुमार हिरानी, अनुराग कश्यप, की फिल्में करने जा रही हूं. विशाल की फिल्म मटरू...में तो आप मुझे देख ही रहे हैं. काफी लोग मुझसे यह सवाल पूछते हैं कि आखिर वह कौन सी खूबी है कि बेहतरीन ंिनर्देशक मुझे अपनी फिल्म में ले रहे हैं. मुझे लगता है कि उन सभी ने मेरा पहले का काम देखा है. मैं अपनी हर फिल्म में उस किरदार के मुताबिक ढलने की कोशिश करती हूं. मुझे होमवर्क करना अच्छा लगता है. और मैं हर किरदार को वर्सेटाइल तरीके से निभाना चाहती हूं. मैं किरदार मिलने के बाद खुद से प्रीपरेशन करती हूं कि मुझे क्या क्या इनपुट्स अपने तरीके से देने हैं. उस किरदार के बोलने, उठने बैठने के सारे ढंग सबकुछ को मद्देनजर रखते हुए. मुझे खुशी है कि कम समय में मेरी ये मेहनत निर्देशकों को नजर आने लगी है.
यशजी से जुड़ी यादें
यश जी मेरे लिए किसी फादर फिगर से कम नहीं थे. लेकिन इससे कहीं अधिक वह दोस्त थे. मैंने जब फिल्म नहीं की थी उनके साथ. तो मैं सोचती थी. काफी गंभीर व्यक्ति हैं वो. लेकिन एक दिन सेट पर कुछ उन्होंने ऐसी बच्चों जैसी शरारतें की, कि मैं दंग रह गयीं. उस दिन शूटिंग हो रही थी. और मैं एक सीन को लेकर परेशान थी. तभी बार बार कोई मुझे पीछे से कंधे पर पोक कर रहा था. मैं पीछे देखती तो वह व्यक्ति छूप जाता. बाद में मैंने देखा कि ये तो यशजी हैं. यशजी आज भी बच्चों की तरह ही मुस्कारते थे. और मस्ती करते थे. मैं तो जब मां बनूंगी तो यशजी वह व्यक्ति होंगे जिनके बारे में मैं बच्चों को जरूर बताना चाहंूगी कि कितने हैप्नींग व्यक्ति थे वे. आप अगर कभी उन्हें उनकी पत् नी पामेला से भी बातें करते सुनते तो आप मंत्रमुग्ध हो जाते. वे इतने प्यार से और इस तरह से बात करते थे जैसे कोई नयी उम्र का कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका से बात करता है. वे कभी भी बहुत सीरियस होकर कोई सीन शूट नहीं करते. साथ ही इस बात का भी ख्याल रखते थे कि आपकी हर जरूरत पूरी हो. वे औरतों की न सिर्फ फिल्म में बल्कि असल में भी बहुत इज्जत करते थे. मैं आती तो सीनियर होने के बावजूद वे खड़े होकर मुझे कुर्सी देते कि बैठो. इस फिल्म में दर्शकों को मेरा काम पसंद आया. मेरी तरफ से यही मेरी तरफ से यशजी को ट्रीब्यूट है.
जब यशजी ने रोक दी थी शूटिंग
एक दिन मैं कश्मीर में शूट कर रही थी. उस दिन मेरी तबियत ठीक नहीं थी. वे आये मेरे पास. पूछा ठीक तो हो. मैंने कहां हां सर. उन्होंने कहा देखो काम हो न हो लेकिन स्वस्थ रहना चाहिए. बाद में उन्हें पता चला कि मेरी तबियत ठीक नहीं है. तो उन्होंने कहा नहीं करते हैं आज शूटिंग़ . फिर एक दिन मुझे फूड प्वाइजनिंग हो गयी थी. उस दिन भी उन्होंने चार बार आकर मुझसे होटल में मुलाकात की. शूटिंग रोक दी थी उन्होंने. फिर एक सीन में आपने देखा होगा कि मैं फ्रीजिंग वाटर लेक में नजर आयी हूं फिल्म में. उस सीन के वक्त भी मैं बीमार थी. उस दिन भी उन्होंने शूटिंग की परवाह न करके मेरी तबियत की परवाह की थी.
शाहरुख के साथ फिर से जोड़ी
शाहरुख के साथ मैंने अपने करियर की शुरुआत की थी. रब ने बना दी जोड़ी से. ऐसे में फिर से उनके साथ इस फिल्म में काम करने का मौका मिला. मैं कहूंगी कि सीखने का मौका मिला. पहली फिल्म में भी वे मेरी बहुत मदद करते थे. हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने जब कहा कि उन्हें मेरा अभिनय अच्छा लगता है और यह भी अच्छा लगता है कि मैं बहुत जल्द किरदार को इंटरपरेट कर लेती हूं तो मुझे लगा कि उनका यह कांप्लीमेंट मेरे लिए किसी टीचर के कांप्लीमेंट से कम नहीं था. शाहरुख के साथ काम करके मैं खुद को समृद्ध मानती हूं. मुझे लगता है कि कोई भी अगर शाहरुख के साथ अभिनय करेगा तो उसे अभिनय और हार्ड वर्क से प्यार हो जायेगा. मैं तो वाकई शॉक्ड रहती हूं कि जिस तरह वे आज से चार साल पहले एनर्जेटिक थे. आज भी उसी तरह फुर्तीले हैं.
नये घर की खुशी
आजमेरे लिए यह दोहरी खुशी है कि जब तक है जान के मेरे अभिनय को लोगों ने पसंद किया है और साथ ही मैं फरवरी में वर्सोवा में अपने नये घर में शिफ्ट हो रही हूं. अब बहुत जल्द मेरे परिवार के सदस्य भी मेरे साथ यहां मेरे साथ रहेंगे.
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