20121122

सस्पेंस पर सस्पेंस बरकरार


 
आमिर की सस्पेंस थ्रीलर फिल्म तलाश जल्द ही रिलीज होनेवाली है. दर्शकों की उत्सुकता को बरकरार रखने के लिए आमिर खान की टीम व कलाकार फिल्म के न तो किरदार के बारे में बात कर रहे हैं और न ही कहानी के बारे में. यह आमिर खान के प्रमोशन का ही एक हिस्सा है. चूंकि फिल्म सस्पेंस थ्रीलर है तो इस पर सस्पेंस बरकरार रखा जाये. ृफिल्मों की रिलीज के दौरान फिल्म पर लगातार बातें करना फिल्मी प्रमोशन का हिस्सा होता है और आमिर ने तलाश पर अधिक बातचीत न करना. चुप्पी साधे रखना भी प्रमोशन का ही एक माध्यम माना है. यही नहीं आमिर ने यह भी तय किया है कि फिल्म की रिलीज के बाद वे कुछ 11-12 अफवाहें उड़ा देंगे. फिल्म की कहानी को लेकर. ताकि दर्शक कंफ्यूज रहें कि कौन सी बात सच है और वह फिल्म देखने जायें. कुछ इसी तरह शैतान जैसी फिल्म के निर्देशक रह चुके विजय नांबियार डेविड नामक सस्पेंस थ्रीलर फिल्म लेकर आ रहे हैं. वे तो आमिर खान से एक और कदम आगे हैं. उन्होंने तो अपनी फिल्म की पूरी कहानी भी फिल्म के कलाकारों से सांझा नहीं की है. वे टुकड़ों में शूटिंग कर रहे हैं और कलाकारों के केवल उनके अभिनय वाले हिस्से के बारे में ही बता रहे हैं. दरअसल, वर्तमान में थ्रीलर फिल्मों के निर्देशकों के लिए दर्शकों को ओपनिंग के बाद भी फिल्मों से जोड़े रखना और टिकट खिड़की तक लाना एक चुनौती बन चुकी है. चूंकि वर्तमान में सस्पेंस थ्रीलर फिल्में ज्यादातर हॉलीवुड के तर्ज पर बनती हैं और आज के दर्शक वे सारी चीजें हॉलीवुड फिल्मों में देख चुके होते हैं. ऐसे में दर्शकों की रुचि बरकरार रख पाना और उन्हें कम से कम एक हफ्तों तक थियेटर तक खींच के लाना एक चुनौती हो जाती है और शायद यही वजह है कि निर्देशकों न केवल अपनी सोच में बल्कि अपने प्रमोशन में भी कुछ अलग अंदाज इख्तियार करना पड़ता है. किसी दौर में हिंदी फिल्मों में सस्पेंस थ्रीलर फिल्में बनीं, जिन्हें आज भी दर्शक बार बार देखना चाहते हैं. कहानी जानने के बाद भी दर्शक फिल्म बार बार देखते थे.चूंकि रोमांच बरकरार रहता था. लेकिन वर्तमान में दर्शक अधिक समझदार हैं. हालांकि इसके बावजूद सुजोय घोष की कहानी ने कामयाबी हासिल की. फिल्म ने पहले ही अपने टैगलाइन में स्पष्ट कर दिया था कि इट्स अ मदर आॅफ अ स्टोरी. लेकिन दर्शक समझते रहे कि यह एक मां की कहानी है और यही वजह रही कि दर्शक को कुछ अलग मिला. फिल्म कामयाब रही. वर्तमान में कुछ ऐसे ही अंदाज के ट्रीटमेंटवाले थ्रीलर फिल्मों की जरूरत है.

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