20120511

हुआ छोकरा जवां रे

फिल्म ‘इशकजादे’ आज रिलीज हो रही है. बोनी कपूर के बेटे अर्जुन कपूर अपने फिल्मी कैरियर की शुरुआत कर रहे हैं. इस कपूर खानदान (सुरविंदर कपूर-बोनी कपूर के पिता) की यह तीसरी पीढ.ी है. तीसरी पीढ.ी में अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर के बाद अर्जुन दूसरे सदस्य होंगे, जो फिल्मी कैरियर की शुरुआत कर रहे हैं. यह सच है कि जो सुपरसितारा हैसियत कपूर खानदान (पृथ्वराज कपूर खानदान) की चौथी पीढ.ी व भाई बहन करीना कपूर व रनबीर कपूर को प्राप्त है, वह इस कपूर खानदान की तीसरी पीढ.ी को प्राप्त नहीं था. इसके बावजूद इस कपूर (अर्जुन) में कुछ खास बात नजर आ रही है. अर्जुन की परवरिश शानौ शौकत और ऐशो आराम से हुई है. चूंकि वह ब.डे निर्माता बोनी कपूर के परिवार से हैं, फिर भी बोनी कपूर के प्रोडक् शन हाउस से वह लांच नहीं हो रहे. उन्होंने आम प्रतिभागियों की तरह कई दफे ऑडिशन दिया. इसकी सबसे बड़ी वजह यह रही कि फिलवक्त बोनी इस आर्थिक स्थिति में नहीं कि वह किसी बड़ी फिल्म का निर्माण अकेले अपने कंधे पर करें. उनकी खस्ताहाल आर्थिक स्थिति का अनुमान इंडस्ट्री व उनके करीबियों को बखूबी मालूम है. ऐसे में अर्जुन का यह निर्णय कि वह किसी दूसरे प्रोडक्शन हाउस के साथ अपने कैरियर की शुरुआत करेंगे, बेहद उचित था. उनके कैरियर की शुरुआत के लिए भी. दरअसल, अपने जंगल में तो सभी राजा होते हैं. असली कमाल तो जब दिखता है, जब वह शेर दूसरे जंगल में जंग जीत आये. उस लिहाज से अर्जुन को भी ‘इशकजादे’ के रूप में शुरुआती दौर से ही एक बड़ा इंस्टीटयूशन मिला. वे स्वयं बताते हैं कि किस तरह निर्देशक हबीब फैजल के साथ उन्होंने लगातार ट्रेनिंग ली. शायद अपने होम प्रोडक्शन में वे इतनी मेहनत व शिद्दत से काम नहीं कर पाते. अपनी अभिनय क्षमता पर उतनी बारीकियों से ध्यान नहीं दे पाते. क्योंकि कहीं न कहीं उन पर अपने जंगल के राजा वाले ख्याल मंडराते रहते. केवल अर्जुन ही नहीं, बल्कि वे सभी सुपरसितारों के बेटे बेटियां जिनका अपना प्रोडक्शन हाउस है, उन्हें शुरुआत हमेशा दूसरे मंझे निर्देशकों के साथ ही करना चाहिए

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