विधु विनोद चोपड़ा ने हाल ही में अपने फिल्मी कैरियर के 30 साल पूरे किये. इन 30 सालों में इस प्रोडक्शन कंपनी से न सिर्फ बेहतरीन फिल्में निकली, बल्कि हिंदी सिनेमा जगत को राजकुमार हिरानी, अभिजात जोशी, स्वानंद किरकिरे जैसे कई बेहतरीन लेखक, निर्देशक व गीतकार मिले. इतना ही नहीं, उन्होंने संजय दत्त को मुत्रा भाई सीरिज से उस वक्त चमकाया, जब उनका फिल्मी कैरियर पूरी तरह ढलान पर था. माहिर अभिनेता बोमन ईरानी भी इसी प्रोडक्शन कंपनी की खोज है. सफलता की ऊंचाईयां छू रही विद्या पर पहला विश्वास भी विधु ने ही किया था. जल्द ही उनके प्रोडक्शन की फिल्म ‘फरारी की सवारी’ रिलीज होगी. इस फिल्म से भी उन्होंने राजेश मापुस्कर नामक नये निर्देशक को निंर्देशन की जिम्मेदारी सौंपी है. राजेश मापुस्कर पिछले कई सालों से विधु की फिल्मों में एसोसिएट की भूमिका निप्रभाते आ रहे थे. इस फिल्म में मुख्य किरदार में शरमन जोशी हैं, जिन्होंने इससे पहले एकल भूमिकाएं वाली फिल्म में अब तक काम नहीं किया था. निश्चित तौर पर यह उनके कैरियर की सबसे अहम फिल्म होगी. फिल्म के प्रोमोज व गीत से शरमन की मेहनत झलक रही है. इस फिल्म को लिखने व बनने में कुल चार साल लगे हैं. खुद विधु ने फिल्म के लेखन में मुख्य योगदान दिया है. इससे साफ जाहिर होता है कि यह फिल्म यूं ही हवा में बातें नहीं करेंगी. शरमन ने भले ही ‘3 इडियट्स’ जैसी फिल्मों में अहम भूमिकाएं निभाई हों, लेकिन अब तक उन्हें ए ग्रेड स्टार्स की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है. इसके बावजूद विधु ने उन पर भरोसा कर ‘फरारी की सवारी’ जैसी फिल्म में एक बड़ा मौका दिया. जरा सोचिए, अगर विद्या बालन जैसी सशक्त और बेहतरीन अभिनेत्री को लगातार कई सालों तक अभिनय के रास्ते में धोखे खाने के बाद भी ‘परिणीता’ नहीं मिलती तो क्या आज वह इस मुकाम तक पहुंच पातीं. विधु के लिए ‘परिणीता’ अहम फिल्म थी. वे चाहते तो किसी भी स्थापित अभिनेत्री को यह अवसर देते, लेकिन उन्होंने नये चेहरे के रूप में विद्या पर भरोसा किया और कामयाब हुए. संभव हो शरमन जोशी में भी उन्हें वही बात नजर आयी हो. हालांकि विधु खुद प्यार से कहते हैं कि मेरा सुपरमैन है शरमन. फरारी दुनिया की महंगी व तेज गति से चलनेवाली कारों में से एक है. विधु ने शरमन को इस फरारी की सवारी तो करवा दी है, अब देखना है कि शरमन विद्या की तरह उस रफ्तार को पकड़ पाते हैं या नहीं.
No comments:
Post a Comment