कृति सनोन की दूसरी फिल्म है दिलवाले. और उन्हें ही दूसरी पारी में एक बड़ी पारी खेलने का मौका मिला है. इस बात को वह खुद भी स्वीकारती हैं. उनका मानना है कि वे अभी किसी भी हड़बड़ी में नहीं हैं. वे सोच समझ कर फिल्में कर रही हैं.
दिलवाले का संयोग कैसे बना?
मुझे रोहित शेट्ठी सर के आॅफिस में बुलाया गया था. हमारी छोटी बातचीत हुई और फिर उन्होंने दूसरे दिन ही यह बात कह दी कि मैं यह फिल्म कर रही हूं. मेरे लिए यह सोच पाना काफी इमेजनरी ही था कि मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है और मैं शाहरुख सर के साथ काम कर रही हूं. लेकिन सबकुछ बहुत जल्दी जल्दी हुआ.
शाहरुख खान के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इससे पहले मैं शाहरुख सर से कभी मिली नहीं थी तो मुझे यह भी पता नहीं था कि वे कैसे होंगे. मैं लेकिन जब उनसे पहली बार मिली मुझे लगा कि नहीं कि मैं उनसे पहली बार मिली हूं. मैं उनकी फिल्में देखते हुए बड़ी हुई हूं और वे मेरे फेवरिट एक्टर में से एक रहे हैं. मैंने जैसे जैसे उन्हें करीब से जाना महसूस किया कि वे जो रियलिटी में हैं. वह बहुत आम इंसान हैं. उन पर स्टारडम हावी नहीं है, उन्होंने कभी यह जताने की कोशिश नहीं की है कि वह सुपरस्टार हैं और हमें उनसे कम होकर रहना है. बात करते हैं तो लगता है कि उनके मन का दिल्ली वाला लड़का बाहर आ गया है. मैं खुद भी दिल्ली से हूं इसलिए काफी कनेक्ट कर पाती हूं. कंफर्टेबल महसूस कराते हैं. पहले पांच सेकेंड में ही आपको महसूस करा देंगे कि आप उनके साथ फ्रेंडली हो सकते हैं. वह काफी चार्मिंग हैं. लोगों को इज्जत देते हैं. लड़कियों की इज्जत करते हैं. अपने स्टाफ की इज्जत करते हैं. फिर चाहे वह उनके स्पॉट ब्वॉय ही क्यों न हो. वह जितना प्यार देते हैं. इसलिए उन्हें प्यार मिलता है.
काजोल के साथ कैसा रहा अनुभव?
मैं शाहरुख सर से तो काफी फ्रेंडली हो गयी थीं. लेकिन उस वक्त तक काजोल मैम के सीन शुरू नहीं हुए थे. तो मैं उनके साथ काम करने को लेकर ज्यादा नर्वस थी. वह जब पहली बार मिली थीं. तो एकदम से हमारी बातें शुरू नहीं हुई थीं. क्योंकि काजोल मैम खुलने में वक्त लेती हैं. लेकिन धीरे धीरे जब साथ काम करने लगे तो हम में अच्छी जमने लगी. काजोल मैम काफी समझाती थी कि इस डॉयलॉग को ऐसे बोलो तो अच्छा रहेगा. तो काफी सीखती थी मैं. काजोल मैम की खास बात यह है कि वह जितनी भी मस्ती करें. कैमरा आॅन हो जाने पर वह कुछ और ही हो जाती हैं. उनके साथ मेरा पहला दृश्य काफी इमोशनल सीन था. तो काफी टफ था पहला दिन. लेकिन काफी अच्छे से वह सीन आया. तो हमारी केमेस्ट्री की शुरुआत वही से हुई.
कृति आप इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं. फिर यह क्षेत्र चुना, तो कहीं से महसूस करती हैं कि इस प्रोफेशन में वह पढ़ाई काम आयी है?
इंजीनियरिंग की पढ़ाई में काफी याद करना पड़ता था क्योंकि एग्जाम बहुत ज्यादा होते थे. तो एक चीज अच्छी हुई है कि मुझे अब काफी याद रहने लगी हैं चीजें. मेमोरी शार्प हो जाती है तो आप अपने सीन भी अच्छे से और जल्दी याद कर लेते हो.
आपने मॉडलिंग भी की थी?
मैंने मॉडलिंग काफी की थी. मैंने टीवी कमर्शियल काफी किये थे और मुझे करने में मजा भी बहुत आता था. रैंप करने में मुझे इतना मजा नहीं आता था. और मेरा कभी गोल भी नहीं था कि मुझे एक्टिंग ही करना है. हां, मगर मैंने यह जरूर महसूस किया कि मेरी बॉडी है हाइट है तो मुझे एकबार ट्राइ जरूर करना चाहिए. तो मैं एक्सपीरियंस के लिए आयी थी. मुझे उस वक्त ये बात समझ आयी कि मैं कैमरे के सामने कांसस नहीं हूं और उस वक्त ही मैंने इस बारे में सोचा कि अभिनय कर सकती हूं.
आपकी फैन फॉलोइंग धीरे धीरे बढ़ रही है? तो किस तरह से प्लान कर रही हैं अपनी करियर की?
मैं प्लानिंग में बहुत बुरी हूं इसलिए बहुत प्लानिंग से नहीं चल रही. लेकिन हां, मैं खुद को प्रूव जरूर करना चाहती हूं कि जो भी करूंगी मैं बेस्ट करूंगी और बेस्ट कर सकती हूं. मैं खुद से कभी खुश नहीं होना चाहती हूं. क्योंकि मुझे लगता है कि आप जब अपने से बहुत खुश हो जाते हो तो आप मेहनत करना बंद कर देते हो. और मैं वह नहीं करना चाहती. मुझे लगता है कि फायर होना जरूरी है. वह हमेशा रहना चाहिए.
एक्टिंग को लेकर आपका थॉट प्रोसेस क्या है?
मुझे लगता है कि मैं मेथेड एक्ट्रेस नहीं हूं. मैं ज्यादा स्पॉनटेनियस हूं और स्पोनटेनियस में ज्यादा अच्छा कर पाती हूं. मैं ज्यादा इंटेंस हूं. मैं दूसरे एक्टर की एनर्जी से भी काफी अफेक्ट होती हूं. तो मेरी कोशिश होती है कि एक सीन में जो कैरेक्टर है वह कैसे करेगा. हर कैरेक्टर का रियेक् शन अलग होता है. तो वह सबकुछ सोचती हूं. मैं कैरेक्टर का रिलेशन क्या है. उस पर सोचती हूं.
वरुण के साथ कैसा एक्सपीरियंस रहा?
मुझे टॉकेटिव लोग पसंद हैं. वरुण काफी टॉकेटिव हैं. वरुण की एनर्जी बहुत पोजिटिव है.और जिस एनर्जी के साथ सेट पर आता है वह आपको भी एनर्जी से भरपूर कर देगा. लेकिन उसके दिमाग में यह बात है कि वह अपने सीन को बेस्ट कैसे देगा. वह काफी मेहनती है. वह अपनी कमियों को भी पोजिटिव वे में लेता है. उसकी फिल्में लगातार हिट हो रही हैं. लेकिन उसने दिमाग में स्टारडम को हावी नहीं किया है. यह बहुत अच्छी बात है.
आपकी अगली फिल्म कौन सी है.
दिनेश विजयन की फिल्म है सुशांत सिंह राजपूत के साथ कर रही हूं. मुझे जिस तरह की कहानी पसंद है. यह फिल्म भी उनमें से एक होगी.
मुझे रोहित शेट्ठी सर के आॅफिस में बुलाया गया था. हमारी छोटी बातचीत हुई और फिर उन्होंने दूसरे दिन ही यह बात कह दी कि मैं यह फिल्म कर रही हूं. मेरे लिए यह सोच पाना काफी इमेजनरी ही था कि मुझे इस फिल्म में काम करने का मौका मिल रहा है और मैं शाहरुख सर के साथ काम कर रही हूं. लेकिन सबकुछ बहुत जल्दी जल्दी हुआ.
शाहरुख खान के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
इससे पहले मैं शाहरुख सर से कभी मिली नहीं थी तो मुझे यह भी पता नहीं था कि वे कैसे होंगे. मैं लेकिन जब उनसे पहली बार मिली मुझे लगा कि नहीं कि मैं उनसे पहली बार मिली हूं. मैं उनकी फिल्में देखते हुए बड़ी हुई हूं और वे मेरे फेवरिट एक्टर में से एक रहे हैं. मैंने जैसे जैसे उन्हें करीब से जाना महसूस किया कि वे जो रियलिटी में हैं. वह बहुत आम इंसान हैं. उन पर स्टारडम हावी नहीं है, उन्होंने कभी यह जताने की कोशिश नहीं की है कि वह सुपरस्टार हैं और हमें उनसे कम होकर रहना है. बात करते हैं तो लगता है कि उनके मन का दिल्ली वाला लड़का बाहर आ गया है. मैं खुद भी दिल्ली से हूं इसलिए काफी कनेक्ट कर पाती हूं. कंफर्टेबल महसूस कराते हैं. पहले पांच सेकेंड में ही आपको महसूस करा देंगे कि आप उनके साथ फ्रेंडली हो सकते हैं. वह काफी चार्मिंग हैं. लोगों को इज्जत देते हैं. लड़कियों की इज्जत करते हैं. अपने स्टाफ की इज्जत करते हैं. फिर चाहे वह उनके स्पॉट ब्वॉय ही क्यों न हो. वह जितना प्यार देते हैं. इसलिए उन्हें प्यार मिलता है.
काजोल के साथ कैसा रहा अनुभव?
मैं शाहरुख सर से तो काफी फ्रेंडली हो गयी थीं. लेकिन उस वक्त तक काजोल मैम के सीन शुरू नहीं हुए थे. तो मैं उनके साथ काम करने को लेकर ज्यादा नर्वस थी. वह जब पहली बार मिली थीं. तो एकदम से हमारी बातें शुरू नहीं हुई थीं. क्योंकि काजोल मैम खुलने में वक्त लेती हैं. लेकिन धीरे धीरे जब साथ काम करने लगे तो हम में अच्छी जमने लगी. काजोल मैम काफी समझाती थी कि इस डॉयलॉग को ऐसे बोलो तो अच्छा रहेगा. तो काफी सीखती थी मैं. काजोल मैम की खास बात यह है कि वह जितनी भी मस्ती करें. कैमरा आॅन हो जाने पर वह कुछ और ही हो जाती हैं. उनके साथ मेरा पहला दृश्य काफी इमोशनल सीन था. तो काफी टफ था पहला दिन. लेकिन काफी अच्छे से वह सीन आया. तो हमारी केमेस्ट्री की शुरुआत वही से हुई.
कृति आप इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर चुकी हैं. फिर यह क्षेत्र चुना, तो कहीं से महसूस करती हैं कि इस प्रोफेशन में वह पढ़ाई काम आयी है?
इंजीनियरिंग की पढ़ाई में काफी याद करना पड़ता था क्योंकि एग्जाम बहुत ज्यादा होते थे. तो एक चीज अच्छी हुई है कि मुझे अब काफी याद रहने लगी हैं चीजें. मेमोरी शार्प हो जाती है तो आप अपने सीन भी अच्छे से और जल्दी याद कर लेते हो.
आपने मॉडलिंग भी की थी?
मैंने मॉडलिंग काफी की थी. मैंने टीवी कमर्शियल काफी किये थे और मुझे करने में मजा भी बहुत आता था. रैंप करने में मुझे इतना मजा नहीं आता था. और मेरा कभी गोल भी नहीं था कि मुझे एक्टिंग ही करना है. हां, मगर मैंने यह जरूर महसूस किया कि मेरी बॉडी है हाइट है तो मुझे एकबार ट्राइ जरूर करना चाहिए. तो मैं एक्सपीरियंस के लिए आयी थी. मुझे उस वक्त ये बात समझ आयी कि मैं कैमरे के सामने कांसस नहीं हूं और उस वक्त ही मैंने इस बारे में सोचा कि अभिनय कर सकती हूं.
आपकी फैन फॉलोइंग धीरे धीरे बढ़ रही है? तो किस तरह से प्लान कर रही हैं अपनी करियर की?
मैं प्लानिंग में बहुत बुरी हूं इसलिए बहुत प्लानिंग से नहीं चल रही. लेकिन हां, मैं खुद को प्रूव जरूर करना चाहती हूं कि जो भी करूंगी मैं बेस्ट करूंगी और बेस्ट कर सकती हूं. मैं खुद से कभी खुश नहीं होना चाहती हूं. क्योंकि मुझे लगता है कि आप जब अपने से बहुत खुश हो जाते हो तो आप मेहनत करना बंद कर देते हो. और मैं वह नहीं करना चाहती. मुझे लगता है कि फायर होना जरूरी है. वह हमेशा रहना चाहिए.
एक्टिंग को लेकर आपका थॉट प्रोसेस क्या है?
मुझे लगता है कि मैं मेथेड एक्ट्रेस नहीं हूं. मैं ज्यादा स्पॉनटेनियस हूं और स्पोनटेनियस में ज्यादा अच्छा कर पाती हूं. मैं ज्यादा इंटेंस हूं. मैं दूसरे एक्टर की एनर्जी से भी काफी अफेक्ट होती हूं. तो मेरी कोशिश होती है कि एक सीन में जो कैरेक्टर है वह कैसे करेगा. हर कैरेक्टर का रियेक् शन अलग होता है. तो वह सबकुछ सोचती हूं. मैं कैरेक्टर का रिलेशन क्या है. उस पर सोचती हूं.
वरुण के साथ कैसा एक्सपीरियंस रहा?
मुझे टॉकेटिव लोग पसंद हैं. वरुण काफी टॉकेटिव हैं. वरुण की एनर्जी बहुत पोजिटिव है.और जिस एनर्जी के साथ सेट पर आता है वह आपको भी एनर्जी से भरपूर कर देगा. लेकिन उसके दिमाग में यह बात है कि वह अपने सीन को बेस्ट कैसे देगा. वह काफी मेहनती है. वह अपनी कमियों को भी पोजिटिव वे में लेता है. उसकी फिल्में लगातार हिट हो रही हैं. लेकिन उसने दिमाग में स्टारडम को हावी नहीं किया है. यह बहुत अच्छी बात है.
आपकी अगली फिल्म कौन सी है.
दिनेश विजयन की फिल्म है सुशांत सिंह राजपूत के साथ कर रही हूं. मुझे जिस तरह की कहानी पसंद है. यह फिल्म भी उनमें से एक होगी.
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