अदिति शर्मा ने ज़ी सिने स्टार की खोज से अभिनय की दुनिया में दस्तक दी थी और एक बार फिर से वह ज़ी के ही चैनल एंड टीवी के शो गंगा में बड़ी गंगा का किरदार निभाने जा रही हैं। हाल ही में शो की शूटिंग वाराणसी के घाट पर हुई।
अदिति आपने शुरुआत ज़ी से ही की थी। अब एक बार फिर से ज़ी से जुड़ने का मौका मिला है।इस संयोग को किस तरह देखती हैं आप?
मैं बेहद खुश हूं कि मुझे इस इस शो से ज़ी के माध्यम से ही जुड़ने का मौका मिला है।क्योंकि मैंने अपने करियर की शुरुआत इसी चैनल के साथ शुरू किया था। तब से लेकर अबतक में लगातार काम कर रही हूं और मुझे हर तरह के जॉनर में काम करने का मौका मिला है। सिने स्टार ही पहला जरिया बना. आज फिर से शो के। साथ जुड़ी हूं और वह भी इतने बेहतरीन शो से जुड़ने का मौका मिला है। तो मैं बहुत खुश हूं।
इस शो में गंगा के किरदार पहले से ही एक स्थापित किरदार है। छोटी गंगा ने दर्शकों का पूरी तरह दिल जीता है। तो ऐसे में एक चुनौती नजर आ रही?
जी हां चुनौती तो है ही। बच्चे ऐसे भी जो किरदार निभाते हैं। उनके किरदारों में इतनी सच्चाई और मासूमियत होती है कि वे दर्शकों के दिलों को छूते भी हैं।सो चुनौती है मेरे लिए। लेकिन मुझे यह भी लगता है कि जिस तरह शो के निर्देशक ने इसे बनाया है और कहानी में नए नए एंगल दिखाए जाएंगे। उनके लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं।जिंदगी में एक पड़ाव आता ही है जब आगे की कहानी भी दिखाई जानी जरूरी है।सो बिल्कुल सही वक़्त पर एक नयी शुरुआत हो रही है।
इस किरदार में ढलने के लिए किस तरह की तैयारी की है आपने?
मेरी कोशिश होगी कि गंगा की जो अपनी मासूमियत है वह बरकरार रहे। ऐसा न हो कि दर्शक बोर हो जाएं तो मैं अपने एक्सप्रेशन को लेकर इन बातों का ख्याल रखूंगी। इसके अलावा कोशिश होगी कि स्वाभाविक नजर आऊं।
बनारस से गंगा का नत खास रहा है। आप अभी वाराणसी के घाट पर ही शूटिंग कर रही हैं।यह अनुभव कैसा है?
बनारस मैं पहले भी आती रही हूं। मेरे दादा दादी यही रहते थे और बचपन की कई यादें जुड़ी हैं।लेकिन घाट पर जाकर शूटिंग करने का एक्सपीरियंस बिल्कुल अलग है। यहां एक ही घाट पर कई चीजें होती रहती हैं। तो जिंदगी के कई पहलुओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। आप एक झटके में जिंदगी की कई चेहरे से आमना सामना करते हैं। एक तरफ आरती है तो दूसरी तरफ मसान है। आप जिंदगी की कई हकीकत से आमना सामना करते हैं।बनारस उस लिहाज से भी काफी खास है।
आपने जिस तरह शुरुआत की और आपको जिस तरह की लॉन्चिंग मिली थी आपको लगता है उस तरह से काम करने का मौका आपको नहीं मिला ?
नहीं मुझे किसी बात का दुख नहीं है। ऐसा नहीं है कि मुझे अच्छे मौके नहीं मिले हैं। मैंने भी लगातार काम किया है। अच्छे निर्देशकों के साथ काम किया है।और फिर मैंने हमेशा किरदारों को एहमियत दी है।और उन किरदारों में भी दर्शकों ने मुझे याद रखा है। यही मेरे लिए खास बात है।
किसी टीवी शो में यह आपकी पहली शुरुआत है। कैसा लग रहा अनुभव?
काफी अलग अनुभव है। अब जब पहली बार डेली सोप में काम कर रही तो समझ आ रहा की किस तरह यहां फिल्मों से अधिक मेहनत है। हर दिन एपिसोड्स को पूरा करने और बैंक बनाने की कितनी जरूरत होती है। मेरे को स्टार विशाल जोकि शो में सागर की भूमिका में हैं। उनसे मैंने सीखा कि किस तरह भीड़ की बीच भी आपको काम करना होता है।किस तरह भीड़ को नियंत्रित करना होता है और किस तरह अगर फैन आपसे बातचीत करना चाहते हैं तो उन्हें भी अटेंशन देना होता है। फिल्मों का सेट अप अलग तरीके का होता है। वहां सारा काम प्रोडक्शन कन्ट्रोलर करते। आपको सिर्फ एक्ट करना होता है।लेकिन यहां चूंकि आप हर दिन लोगों से मिलते हो तो आपको आम आदमी से कनेक्ट होना पड़ता है। इसलिए आम लोगों को आप इग्नोर नहीं कर सकते। यह सारी बातें मैं विशाल से सीख रही हूं। अब धीरे धीरे इस दुनिया को भी समझने की कोशिश कर रही हूं
मैं बेहद खुश हूं कि मुझे इस इस शो से ज़ी के माध्यम से ही जुड़ने का मौका मिला है।क्योंकि मैंने अपने करियर की शुरुआत इसी चैनल के साथ शुरू किया था। तब से लेकर अबतक में लगातार काम कर रही हूं और मुझे हर तरह के जॉनर में काम करने का मौका मिला है। सिने स्टार ही पहला जरिया बना. आज फिर से शो के। साथ जुड़ी हूं और वह भी इतने बेहतरीन शो से जुड़ने का मौका मिला है। तो मैं बहुत खुश हूं।
इस शो में गंगा के किरदार पहले से ही एक स्थापित किरदार है। छोटी गंगा ने दर्शकों का पूरी तरह दिल जीता है। तो ऐसे में एक चुनौती नजर आ रही?
जी हां चुनौती तो है ही। बच्चे ऐसे भी जो किरदार निभाते हैं। उनके किरदारों में इतनी सच्चाई और मासूमियत होती है कि वे दर्शकों के दिलों को छूते भी हैं।सो चुनौती है मेरे लिए। लेकिन मुझे यह भी लगता है कि जिस तरह शो के निर्देशक ने इसे बनाया है और कहानी में नए नए एंगल दिखाए जाएंगे। उनके लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं।जिंदगी में एक पड़ाव आता ही है जब आगे की कहानी भी दिखाई जानी जरूरी है।सो बिल्कुल सही वक़्त पर एक नयी शुरुआत हो रही है।
इस किरदार में ढलने के लिए किस तरह की तैयारी की है आपने?
मेरी कोशिश होगी कि गंगा की जो अपनी मासूमियत है वह बरकरार रहे। ऐसा न हो कि दर्शक बोर हो जाएं तो मैं अपने एक्सप्रेशन को लेकर इन बातों का ख्याल रखूंगी। इसके अलावा कोशिश होगी कि स्वाभाविक नजर आऊं।
बनारस से गंगा का नत खास रहा है। आप अभी वाराणसी के घाट पर ही शूटिंग कर रही हैं।यह अनुभव कैसा है?
बनारस मैं पहले भी आती रही हूं। मेरे दादा दादी यही रहते थे और बचपन की कई यादें जुड़ी हैं।लेकिन घाट पर जाकर शूटिंग करने का एक्सपीरियंस बिल्कुल अलग है। यहां एक ही घाट पर कई चीजें होती रहती हैं। तो जिंदगी के कई पहलुओं से रूबरू होने का मौका मिलता है। आप एक झटके में जिंदगी की कई चेहरे से आमना सामना करते हैं। एक तरफ आरती है तो दूसरी तरफ मसान है। आप जिंदगी की कई हकीकत से आमना सामना करते हैं।बनारस उस लिहाज से भी काफी खास है।
आपने जिस तरह शुरुआत की और आपको जिस तरह की लॉन्चिंग मिली थी आपको लगता है उस तरह से काम करने का मौका आपको नहीं मिला ?
नहीं मुझे किसी बात का दुख नहीं है। ऐसा नहीं है कि मुझे अच्छे मौके नहीं मिले हैं। मैंने भी लगातार काम किया है। अच्छे निर्देशकों के साथ काम किया है।और फिर मैंने हमेशा किरदारों को एहमियत दी है।और उन किरदारों में भी दर्शकों ने मुझे याद रखा है। यही मेरे लिए खास बात है।
किसी टीवी शो में यह आपकी पहली शुरुआत है। कैसा लग रहा अनुभव?
काफी अलग अनुभव है। अब जब पहली बार डेली सोप में काम कर रही तो समझ आ रहा की किस तरह यहां फिल्मों से अधिक मेहनत है। हर दिन एपिसोड्स को पूरा करने और बैंक बनाने की कितनी जरूरत होती है। मेरे को स्टार विशाल जोकि शो में सागर की भूमिका में हैं। उनसे मैंने सीखा कि किस तरह भीड़ की बीच भी आपको काम करना होता है।किस तरह भीड़ को नियंत्रित करना होता है और किस तरह अगर फैन आपसे बातचीत करना चाहते हैं तो उन्हें भी अटेंशन देना होता है। फिल्मों का सेट अप अलग तरीके का होता है। वहां सारा काम प्रोडक्शन कन्ट्रोलर करते। आपको सिर्फ एक्ट करना होता है।लेकिन यहां चूंकि आप हर दिन लोगों से मिलते हो तो आपको आम आदमी से कनेक्ट होना पड़ता है। इसलिए आम लोगों को आप इग्नोर नहीं कर सकते। यह सारी बातें मैं विशाल से सीख रही हूं। अब धीरे धीरे इस दुनिया को भी समझने की कोशिश कर रही हूं
एक नयी चुनौती है सागर:विशाल
सागर का किरदार काफी चुनौती भरा हुआ है। चूंकि स्थापित किरदार हैं।मुझे खुशी है कि वीरा के बाद मैंने छोटा सा ब्रेक लिया और फिर से मुझे एक अच्छा सा किरदार निभाने का मौका मिल गया। सागर का बच्च्पन काफी शरारती रहा है। मेरी भी शरारतें जारी रहेंगी। हर बार नए लोगों के साथ काम करने का Pअनुभव नया होता है। अदिति का भी साथ मिला है। हमारी कोशिश होगी कि विधवाओं को लेकर जिस तरह की सोच है। उस सोच को नई दिशा देने में यह शो किस हद तक सहायक हो सकती यही मोटिव होगा ।साथ ही एक प्रेम कहानी भी दिखाने की कोशिश होगी। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह बलदेव को दर्शकों का प्यार मिला है। आगे वह प्यार सागर को भी मिलेगा। सागर और गंगा के बीच भी किस तरह का प्यार संभव है। यह शो दर्शायेगा।
सागर का किरदार काफी चुनौती भरा हुआ है। चूंकि स्थापित किरदार हैं।मुझे खुशी है कि वीरा के बाद मैंने छोटा सा ब्रेक लिया और फिर से मुझे एक अच्छा सा किरदार निभाने का मौका मिल गया। सागर का बच्च्पन काफी शरारती रहा है। मेरी भी शरारतें जारी रहेंगी। हर बार नए लोगों के साथ काम करने का Pअनुभव नया होता है। अदिति का भी साथ मिला है। हमारी कोशिश होगी कि विधवाओं को लेकर जिस तरह की सोच है। उस सोच को नई दिशा देने में यह शो किस हद तक सहायक हो सकती यही मोटिव होगा ।साथ ही एक प्रेम कहानी भी दिखाने की कोशिश होगी। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह बलदेव को दर्शकों का प्यार मिला है। आगे वह प्यार सागर को भी मिलेगा। सागर और गंगा के बीच भी किस तरह का प्यार संभव है। यह शो दर्शायेगा।
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