
हाल में आप डर सबको लगता है का हिस्सा बनी। इससे पहले आपने टीवी के लिए युद्ध शो किया था। तो इन धारावाहिकों में ऐसी क्या खास बात नजर आयी?
दरअसल ऐसा नहीं है कि मैंने खुद को सीमित कर रखा है कि मुझे टीवी में नहीं सिर्फ फिल्मों में काम करना है।मैंने कभी माध्यम नहीं बांटा। जब जैसे अवसर मिले मैंने काम किया।और आगे भी करती रहूंगी। युद्ध का कॉन्सेप्ट मुझे बहुत अच्छा और अलग लगा था। और इसी वजह से मैंने शो को हां भी कहा था। जितनी मेहनत करते मैंने वहां लोगों को देखा। मैं इस बात से हताश हुई कि दर्शकों कप वह शो पसंद नहीं आया।लेकिन वह एक बेहतरीन शो था। इसी तरह जब मुझे दर सबको लगता है का ऑफर आया तो मैंने तुरंत हां कहा। साथ ही एक वजह यह भी थी कि मेरे लिए मेरे निर्देशक मैटर करते हैं। सौमिक जिन्होंने दर सबको लगता है का वह एपिसोड निर्देशित किया था। उन्हें में काफी सालों से जानती हूं और मैं जानती हूं कि वह अच्छा काम करते हैं तो ऐसे लोगों से सीखने का बहुत मौका मिलता है।
आपने खुद भी कई हॉरर फिल्मों में काम किया है। उस दौर में और अबके दौर में इस जॉनर में बनने वाली फिल्मों या धारावाहिकों में क्या बदलाव देखती हैं?
मुझे लगता है कि हर स्तर पर बदलाव आये हैं।उस दौर में सारी फिल्मों की कहानी एक सी होती थी। लेकिन मुझे लगता है कि उस दौर में वही सब कुछ चलता था।उस दौर में रामसे ब्रदर्स वैसी फिल्में भी बना पाएं यह बड़ी बात थी।चूंकि उस वक़्त तकनीक इतनी तरक्की नहीं कर पायी थी। उस दौर में रामसे ब्रदर्स की फिल्मों से लोग डरे यह बड़ी बात है।मुझे याद है हम काफी मस्ती भी किया करते थे। उस वक़्त अधिक मेहनत नहीं करनी होती थी। हम सिफोन साड़ियां पहनकर दौड़ते रहते थे और काम हो जाता था। मजेदार खाना मिलता था अयर बड़ा मज़ा आता था। मैंने तीन फिल्मों में काम किया जो हॉरर जोनर की थी। उस वक़्त लोग उसे बी ग्रेड की फिल्में मानते थे। लेकिन मुझे नहीं लगता कि उसे बी ग्रेड फिल्मों की तरह देखा जाना चाहिए। चूंकि उस वक़्त साधन सीमित थे।और फिर भी लोगों ने फिल्में बनायी भी और लोगों को डराया भी। आज के दौर में लोग स्मार्ट हो गए हैं। एक्सपोजर उनका बढ़ा है। जाहिर है आज हॉरर जॉनर के मेकर्स के लिए बड़ी चुनौती है कि वे किस तरह कुछ नयी चीजें दिखाई जाये।कुछ नयी कहानी कहनी जरूरी है। साथ ही यह भी आज ध्यान रखना जरूरी है कि हॉरर फिल्म कहीं कॉमेडी न बन जाये, क्योंकि आजकल दर्शक कई चीजें देखते हैं और वे सारी हकीकत और तकनीक से वाकिफ होते हैं। आप उन्हें चीट नहीं कर सकते।तो आपको हर तरह से अलर्ट रहना होगा। वैसी स्तरीय चीजें परसोनी होगी।
आपकी छोटी बेटी अक्षरा ने हाल ही में अपने करियर की शुरुआत की है। उनके काम से कितनी संतुष्ट हैं आप?
मैं अपने बच्चों के काम में बिल्कुल दखल नहीं देती और न ही मैं कभी उन्हें कोई सलाह देती हूं। मुझे खुशी है कि वह अपनी राह खुद तैयार कर रहे हैं। उन्हें किसी तरह की सलाह की जरूरत नहीं होती।साथ ही वे बहुत स्मार्ट होते और खुद दुनिया को मुठ्ठी में लेकर चलते हैं। मुझे खुशी है कि छोटी उम्र से ही अक्षरा ने खुद को पैरों पर खड़ा करना सीख लिया है। उसे पहली ही फिल्म में बेहतरीन कलाकारों अमिताभ बच्चन और धनुष के साथ काम किया। उसकी शुरुआत बहुत अच्छी हुई है और पूरी उम्मीद है कि आगे भी वह अच्छा काम करेगी। मैं उन्हें किसी बजि तरह से गाइड नहीं करती। और मैं उन्हें बस एक ही सलाह देती हूं कि उन्हें बस काम करने की जरूरत है। लेकिन उनके मन लायक काम।
आपने हाल ही में हॉरर शो में काम किया वास्तविक जिंदगी में कभी किसी हॉन्टेड जगह में वह डर महसूस किया?
सच कहूं तो मैंने कई हॉरर फिल्मों में काम भी किया है लेकिन मुझे कभी उन चीजों से डर नहीं लगा। लेकिन मैं मानती हूं कि कोई शक्ति होती है।अगर ईश्वर है वो भी है।लेकिन ये इन सारी बातों पर निर्भर करता है कि आप उस नेगेटिव एनर्जी को कितना अपने पास बुलाते हैं। आप जितना डरेंगे वह एनर्जी आपको उतनी ही परेशान करेगी। इन सारी बातों को कहने का यह मतलब नहीं कि मैं अंधविश्वासी हूं। हॉन्टेड जगहों पर मुझे ये बात जरूर महसूस होती है कि वहां नेगेटिव एनर्जी होती है और आप कभी कभी वहां असहज भी महसूस करने लगते हैं। कोई कारण हो या न हो।
क्योंकि यह हकीकत है कि दर सबको लगता है।
आपकी पसंदीदा हॉरर फिल्में कौन कौन सी रही हैं
मुझे हेलेन और मेहमूद साहब की गुमनाम पसंद है। इसके अलावा वो कौन थी की कहानी बेहद पसंद है।इन सारी फिल्मों में बहुत अच्छी कहानियां रही हैं। अधिकतर हिंदी फिल्मों में जहां तक में समझती हूं कहानियों में हॉरर के साथ साथ थ्रिलर का भी अंगले अवश्य रहा है इसलिए हम हर फिल्म को हॉरर नहीं बोल पाते। लेकिन फिल्म अंतिम तक हॉरर फिल्मों के रूप में रहती है तो दर्शक काफी डरते भी हैं लेकिन बाद में फिल्म थ्रिलर बन जाती है। इसलिए लोग अब तक हॉरर और थ्रिलर को कैतेग्राईज़ नहीं कर पाये हैं।
टीवी पर किसी हिंदी शो को फॉलो करती थीं आप?
नहीं मैं ईमानदारी से कहूंगी कि हिंदी टीवी मैं नहीं देखती। हां मगर में अंगरेजी शो बहुत फॉलो करती हूं।टू डिटेक्टिव मेरा पसंदीदा शो है।में चाहती हूं कि कुछ वैसा काम हमारे टीवी में भी हो तो मैं जरूर करना चाहूंगी।
एक्टिंग के अलावा kin चीजों में दिलचस्पी रही है।
मुझे पेरफोरमंस वाली सारी विधाएं पसंद हैं और मुझे मौका मिले। अच्छे काम मिलें तो मैं इस दुनिया से कभी दूर नहीं हो सकती हूं। मेरे लिए परफॉर्मेंस का माध्यम महत्वपूर्ण है।
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