दो दिनों पहले फिल्म ये जवानी है दीवानी का पहला ट्रेलर जारी किया गया. रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण के ब्रेकअप के बाद यह उनकी पहली फिल्म है. जाहिर है मीडिया के लिए यह खास मौका था. जब वे दोनों के रिश्तों को लेकर ढेर सारी बातें बनाएं. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुछ ऐसा ही हुआ भी. एक मीडिया प्रतिनिधि से रणबीर कपूर और दीपिका से सीधे तौर पर यह प्रश्न पूछा कि क्या दीपिका दोबारा फिल्म के प्रोमोशन के लिए रणबीर के नाम का टैटू बनवायेंगी. इस पर रणबीर पूरी तरह भड़क गये. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि वह टैटू प्रोमोशनल नहीं था. और हम अपने पर्सनल लाइफ में क्या करते हैं. इस पर हमें किसी को कोई सफाई नहीं देनी. उन्होंने यह भी कहा कि वे इस तरह के वाहियात सवालों का बहिष्कार करते हैं. दरअसल, हकीकत भी यही है कि कई बार मीडिया भी स्टार्स से केवल वैसे ही सवाल पूछती हैं, जिनसे उन्हें मसाला मिले. वे विषयपरक प्रश्नों की बजाय लव, ब्रेकअप जैसी चीजों पर ही सवाल खड़ी करती है. जबकि दीपिका व रणबीर ने वाकई अपने ब्रेकअप के बाद अगर किसी फिल्म को करने का फैसला किया. तो इस बात की सराहना होनी चाहिए. वरना, इतिहास गवाह है कि हिंदी सिनेमा जगत में जब भी आॅफ स्क्रीन जोड़ियां टूटी, वे कभी आॅन स्क्रीन भी जोड़ी नहीं बन पायीं. और दर्शक हमेशा अच्छी जोड़ियों वाली फिल्में देखने से वंचित रहे. रेखा-अमिताभ, सलमान-ऐश्वर्य और अब जॉन और बिपाशा भी कभी एक साथ नहीं देखे जायेंगे. जबकि ये सभी जोड़ियां पसंद की जाती रही हैं. रणबीर दीपिका ने बजाय एक दूसरे पर कटाक्ष करने या बैर रखने की बजाय आपसी समझ से दोस्ती जारी रखी है और इस बात का सम्मान किया जाना चाहिए कि कम से कम उनकी दोस्ती तो कायम है. मीडिया को भी ऐसे रिश्तों का आदर करना चाहिए न कि माखौल उड़ाना चाहिए.
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20130322
मीडिया बनाम टूटती जोड़ियां
दो दिनों पहले फिल्म ये जवानी है दीवानी का पहला ट्रेलर जारी किया गया. रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण के ब्रेकअप के बाद यह उनकी पहली फिल्म है. जाहिर है मीडिया के लिए यह खास मौका था. जब वे दोनों के रिश्तों को लेकर ढेर सारी बातें बनाएं. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुछ ऐसा ही हुआ भी. एक मीडिया प्रतिनिधि से रणबीर कपूर और दीपिका से सीधे तौर पर यह प्रश्न पूछा कि क्या दीपिका दोबारा फिल्म के प्रोमोशन के लिए रणबीर के नाम का टैटू बनवायेंगी. इस पर रणबीर पूरी तरह भड़क गये. उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि वह टैटू प्रोमोशनल नहीं था. और हम अपने पर्सनल लाइफ में क्या करते हैं. इस पर हमें किसी को कोई सफाई नहीं देनी. उन्होंने यह भी कहा कि वे इस तरह के वाहियात सवालों का बहिष्कार करते हैं. दरअसल, हकीकत भी यही है कि कई बार मीडिया भी स्टार्स से केवल वैसे ही सवाल पूछती हैं, जिनसे उन्हें मसाला मिले. वे विषयपरक प्रश्नों की बजाय लव, ब्रेकअप जैसी चीजों पर ही सवाल खड़ी करती है. जबकि दीपिका व रणबीर ने वाकई अपने ब्रेकअप के बाद अगर किसी फिल्म को करने का फैसला किया. तो इस बात की सराहना होनी चाहिए. वरना, इतिहास गवाह है कि हिंदी सिनेमा जगत में जब भी आॅफ स्क्रीन जोड़ियां टूटी, वे कभी आॅन स्क्रीन भी जोड़ी नहीं बन पायीं. और दर्शक हमेशा अच्छी जोड़ियों वाली फिल्में देखने से वंचित रहे. रेखा-अमिताभ, सलमान-ऐश्वर्य और अब जॉन और बिपाशा भी कभी एक साथ नहीं देखे जायेंगे. जबकि ये सभी जोड़ियां पसंद की जाती रही हैं. रणबीर दीपिका ने बजाय एक दूसरे पर कटाक्ष करने या बैर रखने की बजाय आपसी समझ से दोस्ती जारी रखी है और इस बात का सम्मान किया जाना चाहिए कि कम से कम उनकी दोस्ती तो कायम है. मीडिया को भी ऐसे रिश्तों का आदर करना चाहिए न कि माखौल उड़ाना चाहिए.
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