इन दिनों बॉलीवुड के कुछ निर्देशकों और निर्माताओं ने एक नयी पहल की है. वे फिल्मों को अपनी रिलीज से लगभग दो तीन दिनों पहले मीडिया से संबंध रखनेवाले लोगों के लिए स्क्रीन कर रहे हैं. हाल ही में सुभाष कपूर ने अपनी फिल्म जॉली एलएलबी की स्क्रीनिंग बुधवार को ही रखी. प्राय: फिल्मों के प्रेस शो गुरुवार यानी रिलीज से एक दिन पहले रखी जाती है. लेकिन इन दिनों यह ट्रेंड बदला है. लेकिन इस ट्रेंड को लागू करनेवाले भी वे ही निर्देशक हैं, जिन्हें अपनी फिल्मों पर भरोसा होता है, और जिनकी फिल्में वाकई स्तरीय बनती हैं. सुभाष कपूर की फिल्म जॉली एलएलबी कमाल की फिल्म है. इंडियन ज्यूडीसरी की तह तक पहुंचनेवाली यह फिल्म हाल के दिनों में बनी अलग और अनोखे विषय पर बनी फिल्म है. निश्चित तौर पर सुभाष जानते थे कि उनकी फिल्म अच्छी बनी है इसलिए उन्होंने अपनी फिल्म बेझिझक प्रेस तक पहुंचायी. वही दूसरी तरफ वासु भगनानी जैसे निर्माता प्राय: अपनी फिल्मों के प्रेस शो फिल्म की रिलीज के दिन रखते हैं. इससे स्पष्ट है कि वे अपने प्रोडक्ट को लेकर संदेहास्पद रहते हैं. खासतौर से जब उनके बेटे जैकी भगनानी की फिल्म हो तो वह यही चाहते हैं कि कम से कम फिल्म को ओपनिंग मिले. वरना, अगर वह प्रेस शो दिखा देंगे तो इन दिनों ट्विटर व फेसबुक से नेगेटिव पब्लिसिटी हो जायेगी और बॉक्स आॅफिस पर जो भी कलेक् शन होना होगा. वह भी नहीं होगा. हाल के दिनों में महेश भट्ट कैंप ने भी रिलीज के दिन फिल्मों के प्रेस शो का प्रचलन शुरू कर दिया है. वहीं तिग्मांशु धूलिया, सुधीर मिश्र व अनुराग कश्यप जैसे निर्देशक फिल्म की रिलीज से बहुत पहले से फिल्मों की स्क्रीनिंग शुरू कर देते हैं, क्योंकि उन्हें अपने प्रोडक्ट्स पर विश्वास होता है. साथ ही वे लोगों की प्रतिक्रियाओं को भी तवज्जो देते हैं.
My Blog List
20130322
फिल्में व प्रेस शो का ट्रेंड
इन दिनों बॉलीवुड के कुछ निर्देशकों और निर्माताओं ने एक नयी पहल की है. वे फिल्मों को अपनी रिलीज से लगभग दो तीन दिनों पहले मीडिया से संबंध रखनेवाले लोगों के लिए स्क्रीन कर रहे हैं. हाल ही में सुभाष कपूर ने अपनी फिल्म जॉली एलएलबी की स्क्रीनिंग बुधवार को ही रखी. प्राय: फिल्मों के प्रेस शो गुरुवार यानी रिलीज से एक दिन पहले रखी जाती है. लेकिन इन दिनों यह ट्रेंड बदला है. लेकिन इस ट्रेंड को लागू करनेवाले भी वे ही निर्देशक हैं, जिन्हें अपनी फिल्मों पर भरोसा होता है, और जिनकी फिल्में वाकई स्तरीय बनती हैं. सुभाष कपूर की फिल्म जॉली एलएलबी कमाल की फिल्म है. इंडियन ज्यूडीसरी की तह तक पहुंचनेवाली यह फिल्म हाल के दिनों में बनी अलग और अनोखे विषय पर बनी फिल्म है. निश्चित तौर पर सुभाष जानते थे कि उनकी फिल्म अच्छी बनी है इसलिए उन्होंने अपनी फिल्म बेझिझक प्रेस तक पहुंचायी. वही दूसरी तरफ वासु भगनानी जैसे निर्माता प्राय: अपनी फिल्मों के प्रेस शो फिल्म की रिलीज के दिन रखते हैं. इससे स्पष्ट है कि वे अपने प्रोडक्ट को लेकर संदेहास्पद रहते हैं. खासतौर से जब उनके बेटे जैकी भगनानी की फिल्म हो तो वह यही चाहते हैं कि कम से कम फिल्म को ओपनिंग मिले. वरना, अगर वह प्रेस शो दिखा देंगे तो इन दिनों ट्विटर व फेसबुक से नेगेटिव पब्लिसिटी हो जायेगी और बॉक्स आॅफिस पर जो भी कलेक् शन होना होगा. वह भी नहीं होगा. हाल के दिनों में महेश भट्ट कैंप ने भी रिलीज के दिन फिल्मों के प्रेस शो का प्रचलन शुरू कर दिया है. वहीं तिग्मांशु धूलिया, सुधीर मिश्र व अनुराग कश्यप जैसे निर्देशक फिल्म की रिलीज से बहुत पहले से फिल्मों की स्क्रीनिंग शुरू कर देते हैं, क्योंकि उन्हें अपने प्रोडक्ट्स पर विश्वास होता है. साथ ही वे लोगों की प्रतिक्रियाओं को भी तवज्जो देते हैं.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment