कंगना रनौत ने अपनी आगामी फिल्म शूटआउट एट वडाला के प्रोमोशन से इनकार करते हुए कहा है कि वह फिल्म को प्रोमोट नहीं करेंगी. उनकी नाराजगी का कारण यह है कि उन्हें इस फिल्म में बबली बदमाश के आयटम नंबर से परेशानी है. चूंकि इस गाने में प्रियंका चोपड़ा हैं और फिल्म के निर्माता निर्देशक आयटम गानों को ही अहमियत दे रहे हैं. दरअसल, हिंदी फिल्मों का यह नया ट्रेंड बन गया है. इन दिनों निर्देशकों को फिल्मों की अभिनेत्रियों से अधिक आयटम सांग में किस अभिनेत्री को शामिल किया जाये. इस पर अधिक ध्यान रहता है. इससे पहले चिकनी चमेली, फेविकॉल गीत में भी कुछ ऐसे ही हंगामे हुए थे. इन फिल्मों में भी अभिनेत्रियों से अधिक आयटम गानों की अभिनेत्रियों पर ध्यान दिया गया था. ऐसे में वाकई फिल्म की अभिनेत्री का नाराज होना जायज है. एक तरफ जहां आयटम गीतों पर कमान कसने के लिए सरकार की तरफ से कई नियम बनाये जा रहे हैं. वही एक फिल्म में कई आयटम गीत डालने की कोशिश की जा रही है. और मेकर्स इससे खुश भी हैं. जिस तरह कंगना ने खुले तौर पर इस बात का विरोध किया है तो ऐसा हर अभिनेत्री को करना चाहिए. ऐसे भी हिंदी फिल्मों में अभिनेत्रियों के लिए कुछ नहीं होता. और फिर ऐसे में उन्हें नहीं आयटम गीतों को तवज्जो मिलती है तो यह गलत है. सरासर. और अभिनेत्रियों को भी यह समझना होगा कि किस तरह वे खुद किसी आयटम में केवल आयटम बन कर न रह जायें. अभिनेत्रियां तो इस बात से खुश होती हैं कि उनके आयटम गीतों को तवज्जो मिल रही है. लेकिन हकीकत में वे किस तरह फिल्मों में इस्तेमाल होती हैं. इसका जीता जागता उदाहरण है. आयटम गानों को तवज्जो देनेवाली फिल्में. इसलिए बेहतर हो कि जिस तरह कंगना ने अपने हक के लिए आवाज उठाई है और भी अभिनेत्रियां उठाएं न कि जश्न मनाएं
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20130330
आयटम सांग की अभिनेत्रियां
कंगना रनौत ने अपनी आगामी फिल्म शूटआउट एट वडाला के प्रोमोशन से इनकार करते हुए कहा है कि वह फिल्म को प्रोमोट नहीं करेंगी. उनकी नाराजगी का कारण यह है कि उन्हें इस फिल्म में बबली बदमाश के आयटम नंबर से परेशानी है. चूंकि इस गाने में प्रियंका चोपड़ा हैं और फिल्म के निर्माता निर्देशक आयटम गानों को ही अहमियत दे रहे हैं. दरअसल, हिंदी फिल्मों का यह नया ट्रेंड बन गया है. इन दिनों निर्देशकों को फिल्मों की अभिनेत्रियों से अधिक आयटम सांग में किस अभिनेत्री को शामिल किया जाये. इस पर अधिक ध्यान रहता है. इससे पहले चिकनी चमेली, फेविकॉल गीत में भी कुछ ऐसे ही हंगामे हुए थे. इन फिल्मों में भी अभिनेत्रियों से अधिक आयटम गानों की अभिनेत्रियों पर ध्यान दिया गया था. ऐसे में वाकई फिल्म की अभिनेत्री का नाराज होना जायज है. एक तरफ जहां आयटम गीतों पर कमान कसने के लिए सरकार की तरफ से कई नियम बनाये जा रहे हैं. वही एक फिल्म में कई आयटम गीत डालने की कोशिश की जा रही है. और मेकर्स इससे खुश भी हैं. जिस तरह कंगना ने खुले तौर पर इस बात का विरोध किया है तो ऐसा हर अभिनेत्री को करना चाहिए. ऐसे भी हिंदी फिल्मों में अभिनेत्रियों के लिए कुछ नहीं होता. और फिर ऐसे में उन्हें नहीं आयटम गीतों को तवज्जो मिलती है तो यह गलत है. सरासर. और अभिनेत्रियों को भी यह समझना होगा कि किस तरह वे खुद किसी आयटम में केवल आयटम बन कर न रह जायें. अभिनेत्रियां तो इस बात से खुश होती हैं कि उनके आयटम गीतों को तवज्जो मिल रही है. लेकिन हकीकत में वे किस तरह फिल्मों में इस्तेमाल होती हैं. इसका जीता जागता उदाहरण है. आयटम गानों को तवज्जो देनेवाली फिल्में. इसलिए बेहतर हो कि जिस तरह कंगना ने अपने हक के लिए आवाज उठाई है और भी अभिनेत्रियां उठाएं न कि जश्न मनाएं
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