20130322

सरवेश कुमार शाही, सीएमडी, एसकेएस लॉजिस्टिक लिमिटेड, शिपिंग व्यवसाय में जुड़े



मैं मानता हूं कि बिहार को अब पूरे हिंदुस्तान में इज्जत मिलने लगी है. वह बिहार के बदली छवि और तसवीर की वजह से ही है. अब बिहार को भी एक स्टेटस मिल चुका है. लेकिन मेरा मानना है कि अब भी बिहार में जो इंडस्ट्रीयल ग्रोथ होना चाहिए था, अब तक पूरी तरह नहीं हो पाया है. इसके लिए कुछ समाधान होने ही चाहिए. कई बार हमसे शिकायत होती है कि हम वहां काम नहीं करते. वहां के लिए कुछ नहीं करते. तो यह जरूरी है कि वहां इंडस्ट्री लग सके. इसके लिए जो वर्क प्रोविजन है वह बदलना होगा. ताकि अपने लोग बिहार में जाकर इंडस्ट्री लगा सकें. और वही रोजगार जेनेरेट कर सकें. 40 साल पहले जब मैं बिहार में थे. वहां पर कई इलाकों को इंडस्ट्रीयल बेल्ट घोषित किया गया था. लेकिन आज वह स्थिति नहीं है. अगर वैसा होगा, तो कई लोग वहां निवेश करेंगे. देश विदेश की कंपनियां आयेंगी  और वहां निवेश होने से वही की तरक्की होगी. वहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. हालांकि मुझे इस बात की खुशी है कि अब हमें वहां सड़कों के लिए बहुत रोना नहीं पड़ता. वहां कई इलाकों में अच्छी सड़कें बन गयी हैं.  और शिक्षा के क्षेत्र में ऊी काफी काम हो रहा है. वहां के टेक्नीकल इंस्टीटयूट की शुुरुआत की जा रही है. सरकार की यह उपलब्धि है कि अब पहले के मुकाबले क्राइम में बिहार का नाम नहीं लिया जाता है. हां, लेकिन कुछ क्षेत्र में जहां अब भी बिहार से पलायन हो रहा है, उसकी खास वजह यही है कि वहां रोजगार के माध्यम जेनरेट नहीं हो पा रहे. लोग वहां रह कर अपनी तरक्की के बारे में नहीं सोच पाते, इसलिए वहां से बाहर आते हैं. तो यह जरूरी है कि वहां की शिक्षा को और दुरुस्त बनाया जाये. एजुकेशन के क्षेत्र में तरक्की हो. खासतौर से प्राइमरी एजुकेशन के क्षेत्र में.  लेकिन प्रशासनीय स्तर पर बिहार ने खूब तरक्की की है. लेकिन यह बात भी हमें माननी होगी कि बिहार के विकास के भी कुछ सीमाएं हैं. जैसे जापान के हैं. हमें खुद को चीन की तरह विकास करने की सोच रखनी होगी. हालांकि  एनटीपीसी बाढ़ पीड़ित इलाकों में जो काम कर रहा है. वह काफी अच्छा है. साथ ही इससे सरप्लस पॉवर तो बढ़ेगा ही. लेकिन लांग टर्म ग्रोथ के लिए अभी और भी कई कार्य करने बाकी हैं. लेकिन मैं अपनी तरफ से बधाई देना चाहूंगा बिहार सरकार कि उसने धीरे धीरे ही सही जो विकास के जो कदम उठाये हैं. वह उल्लेखनीय हैं. बस जरूरत है कि उसे बरकरार रखा जाये. तो बेहतर बिहार की परिकल्पना की जा सकती है.
परिचय : एस के शाही बिहार के मुजफ्फरपुर के शाहीमुनापुर गंव से हैं. शुरुआत दिनों में उन्होंने बांबे सेल के साथ काम किया. लेकिन बाद में उन्हें लगा कि उन्हें खुद का कोई व्यवसाय शुरू करना चाहिए. सो, उन्होंने शीपिंग बिजनेस की शुरुआत की. वर्तमान में उनकी कंपनी में बिहार के ही लगभग 5000 हजार लोग काम करते हैं. एस के शाही की यह कंपनी लगभग 20 सालों से सक्रिय है व इंटरनेशनल व कोस्टल शिपिंग में जाना माना बन चुकी हैं. एसके शाही को अपने योगदान के लिए कई पुरस्कारों से भी नवाजा जा चुका है.

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