फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ की कामयाबी के बाद इरफान एक और फिल्म में बायोपिक किरदार निभाने जा रहे हैं, जिसे इटली के निर्देशक मार्को अमनीटा बना रहे हैं. फिल्म ‘बैंकर टू द पुअर’ शीर्षक पर आधारित यह फिल्म चिट्टगांव के इकोनॉमिस्ट मोहम्मद युनूस पर आधारित है. मोहम्मद युनूस को वर्ष 2006 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. निर्देशक मार्को युनूस की इस किताब से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने युनूस के जीवन पर फिल्म बनाने का निर्णय किया. इटली के निर्देशक मार्को ने इरफान को यह किरदार उनकी फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ देख कर नहीं, बल्कि मीरा नायर की फिल्म ‘नेमसेक’ में इरफान द्वारा निभाये गये भद्रलोक किरदार को देख कर ऑफर किया था. फिल्म के लिए इरफान ने होम वर्क शुरू कर दिया है. इरफान के अभिनय शैली की यही खासियत है कि वे अपने किरदारों पर ज्यादा से ज्यादा रिहर्सल करते हैं. वे घर पर भी कई र्मतबे उस शख्स के बारे में पूरा अध्ययन करते हैं. लोगों से मिलते हैं और जब तक वह अपने होमवर्क से संतुष्ट नहीं हो जाते. वे इस पर आगे की प्रक्रिया शुरू नहीं करते. इरफान की पत्नी बताती हैं कि इरफान जब किसी प्रोजेक्ट को हाथ में लेते हैं तो वह पूरी तन्मयता से उसमें खो जाते हैं. वे फिल्मों की शूटिंग से लौटने के बाद भी लगातार पढ.ाई करते हैं. यही वजह है कि किरदारों में वे भाव नजर आते हैं. इरफान की इसी विशेषता की वजह से उनके किरदारों ने उन्हें अन्य कलाकारों से अलग किया है. भारत के साथ-साथ उन्हें विदेशों से भी अच्छे प्रोजेक्ट्स मिल रहे हैं. ‘अमेजिंग स्पाइडर मैन’ के प्रेस कांफेंस में स्पाइडरमैन के मेकर्स ने कहा कि इरफान बेहतरीन अभिनेता हैं. उनकी विलक्ष्ण प्रतिभा पहचाननी चाहिए और इस कलाकार का सही इस्तेमाल करना चाहिए. भारत में इरफान को भले ही उनके मन मुताबिक किरदार न मिल रहे हों, लेकिन विदेशों में लोग उनकी प्रतिभा का सम्मान कर रहे हैं और सही इस्तेमाल भी कर रहे हैं. इटली के निर्देशक द्वारा हिंदी विषय का चुनाव व इसके साथ ही मुख्य किरदार में इरफान का चयन यह दर्शाता है कि विदेशों में उनकी प्रतिभा की कद्र है. भारत में इरफान को वाहवाही मिल रही है, जबकि इटली के निर्देशक ने उन्हें ‘नेमसेक’ फिल्म में देख कर ही साइन कर लिया था.
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