20120621

गैंग्स ऑफ कलाकार



गैंग्स ऑफ वासेपुर निर्देशक अनुराग कश्यप की अब तक की सबसे महंगी फिल्म है. फिल्म की खासियत यह भी है कि इसमें कुल 340 किरदार हैं और लगभग 270 किरदारों के संवाद हैं. इस लिहाज से इस फिल्म में कलाकारों का गैंग भी एकत्रित हुआ है.
अनुराग कश्यप कहते हैं कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी और मनोज बाजपेयी उनकी फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर की रीढ़ हैं. इन दोनों अभिनेताओं की खासियत यह है कि उन्होंने इस फिल्म में अभिनय नहीं किया, बल्कि किरदारों को जिया है. फिल्म में सरदार खान का किरदार निभाने वाले मनोज बाजपेयी और फैजल के रूप में दिखने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी से अनुप्रिया अनंत की विशेष बातचीत.
वाजुद्दीन सिद्दीकी गैंग्स ऑफ वासेपुर में सरदार खान के छोटे बेटे फैजल का किरदार निभा रहे हैं. पीपली लाइव, कहानी, पान सिंह तोमर जैसी फिल्मों में छोटी लेकिन अहम भूमिकाओं में नजर आ चुके नवाजुद्दीन के अभिनय की इन दिनों काफी तारीफ हो रही है.
वर्ष 2012 में कई फिल्मों में नजर आ चुके नवाजुद्दीन आने वाले 6 महीनों में तलाश, मिस लवली, पतंग और देख इंडिया सर्कस जैसी कई फिल्मों में अहम भूमिकाओं में नजर आयेंगे. 14 साल के लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने बालीवुड में अपनी मौजूदगी को किरदारों के माध्यम से स्थापित करना शुरू कर दिया है. अब उनकी उम्मीदें जुड़ी हैं अगली फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से.
गैंग्स ऑफ वासेपुर से जुड़ना
अनुराग कश्यप मुझे बहुत पहले से जानते थे. मैंने फिल्म ब्लैक फ्राइडे में भी उनके साथ काम किया है और कुछ छोटे-छोटे प्रोजेक्टों में भी हम साथ काम करते रहे हैं. फिल्म आमिर के दौरान उन्होंने ही राजीव खंडेलवाल को ट्रेन्ड करने के लिए निर्देशक राजकुमार गुप्ता को मेरा नाम सुझाया था. मेरा अभिनय देखने के बाद अनुराग हमेशा मुझसे कहते रहते थे कि जब मैं कुछ बड़ा करूंगा, तो तुङो जरूर अच्छा रोल दूंगा. वही हुआ. मेरी हमेशा से इच्छा थी कि मैं कोई दबंग किरदार निभाऊं.
जब मैंने गैंग्स.. की स्क्रिप्ट पढ़ी तो मैं दंग रह गया. मैं सोचने लगा कि मैंने तो कभी अनुराग को यह नहीं बताया कि मैं ऐसा रोल करना चाहता हूं, फिर उन्होंने मेरे मनमुताबिक किरदार कैसे गढ़ दिया. अनुराग में यह खूबी है कि कलाकार से किस तरह का अभिनय करवाया जा सकता है, ये वह अच्छी तरह से जानते हैं. उन्होंने फिल्म गैंग्स.. के पहले पार्ट में मुझे अंडरडॉग जैसा किरदार दिया है, जो एक लड़की से प्यार करता है, लेकिन कह नहीं पाता. वह काफी संकोची है.
फिल्म के दूसरे हिस्से में आप देखेंगे कि मैं बिल्कुल दबंग जैसा हूं. दूसरे भाग में मैं लीड किरदार निभा रहा हूं. अपने किरदार को रियल टच देने के लिए मैं 15 दिन वासेपुर में रहा. वहां रह कर मैंने महसूस किया कि छोटे शहर के लोग कैल्कुलेट करके बात नहीं करते. वे बिंदास बातें करते हैं. दोस्ती के नाम पर जान ले भी सकते हैं और दे भी सकते हैं. अपने किरदार को समझने के लिए मुझे यहां के लोगों और माहौल से काफी मदद मिली.
सेट की मस्ती
अनुराग कश्यप की यह खासियत है कि शूटिंग के दौरान वह अपने सभी कलाकारों के साथ दोस्त जैसा बर्ताव करते हैं. मुझे वे हमेशा कहते हैं कि नवाज तू लड़की होता तो मैं तुझसे शादी कर लेता. पता नहीं वह ऐसा क्यों कहते हैं, लेकिन मुझे इतना पता है कि वह मेरे अभिनय की कद्र के लिहाज से ऐसा कहते हैं.
फिल्म के एक सीन की बात बताता हूं. मुझे मेरी को-स्टार हुमा कुरेशी के साथ रोमांटिक सीन देना था, लेकिन ऑफ स्क्रीन वह मुझे बात-बात में नवाजुद्दीन भाई कहतीं. इस पर मैंने मजाकिया अंदाज में अनुराग से कहा कि माना मैं छह फुट का हैंडसम बंदा भी नहीं हूं. देखने में भी गरीब-सा दिखता हूं, लेकिन मेरी हीरोइन जिसके साथ रोमांटिक सीन करना है, वह मुझे भाई बोलेगी तो मैं खाक रोमांटिक सीन कर पाऊंगा! अनुराग हंसे, फिर उन्होंने हुमा की क्लास लगायी. फिर क्या था हुमा ने मुझे भाई कहना छोड़ दिया. इस फिल्म के सेट पर हम कलाकारों ने बहुत मस्ती की है.
कान का अनुभव
यह साल मेरे लिए बेहद खास रहा. मेरी फिल्म मिस लवली और गैंग्स.. को कान में शामिल किया गया. मुझे खुशी है कि दोनों ही फिल्मों में मेरे किरदार की सराहना हुई. गैंग्स.. देखते वक्त लोग सबटाइटिल पढ़ कर हंसी से लोटपोट हो रहे थे. सबने पूरी फिल्म देखी. मिस लवली देखकर वहां के क्रिटिक्स दंग थे कि बॉलीवुड में ऐसी फिल्में भी बनती हैं. दरअसल, मिस लवली के निर्देशक ने फिल्म को एक अलग तरह का ट्रीटमेंट दिया है. क्योंकि वहां के क्रिटिक्स बॉलीवुड की फिल्में काफी कम देखते हैं, तो उन्हें इस फिल्म में मेरा किरदार काफी अलग लगा.
मनोज बाजपेयी
मनोज से मेरा जुड़ाव दिल्ली के साक्षी गुप्र से ही हो गया था. हमने फिल्म चिटगांव में भी साथ काम किया है और अब वासेपुर में हम साथ हैं. उनसे मेरी ट्यूनिंग काफी अच्छी रही है. वे बेहद अच्छे कलाकार हैं.
आनेवाली फिल्में
पीपली लाइव में मेरे किरदार को देखकर आमिर खान ने उसी वक्त मेरा नाम तलाश के लिए रिकमेंड कर दिया था. तलाश के अलावा मैं पतंग, चटगांव, देख इंडिया सर्कस, मॉनसून शूटआउट में नजर आऊंगा. मेरी पूरी कोशिश है कि मैं अपने अभिनय के अलग-अलग रंग दर्शकों के सामने प्रस्तुत कर सकूं.

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