टेलीवुड में रोमांटिक एक्टर के रूप में लोकप्रिय छवि बना चुके गौरव खन्ना अपने नये शो ब्याह हमारी बहू का के माध्यम से एक बार फिर छोटे परदे पर वापसी कर रहे हैं. इस ब्रेक के दौरान उन्होंने अपने प्रिय शौक को पूरा वक्त दिया. गौरव पेंटिंग करने के शौकीन हैं और इस दौरान उन्होंने बेहतरीन पेंटिंग्स बनायी. दोबारा छोटे परदे पर वापसी और शो में अपने किरदार के बारे में उन्होंने अनुप्रिया अनंत से बातचीत की.
गौरव को कानपुर से मुंबई आये 9 साल हो गये हैं. इन 9 सालों में उन्होंने कई बेहतरीन किरदार निभाये हैं.
गौरव, आप शो दिल से दिया वचन के बाद अचानक छोटे परदे से गायब हो गये थे. इसकी कोई खास वजह?
जी हां, मैंने खुद ब्रेक लिया था. मैं पिछले 9 सालों से लगातार काम करके बोर हो चुका था, इसलिए मैंने ब्रेक लिया और अपने होमटाउन कानपुर चला गया था. वहां मैंने अपना सबसे पसंदीदा काम किया. ढेर सारी पेंटिंग्स बनायी और परिवार के साथ बहुत एंजॉय किया.
धारावाहिक ब्याह हमारी बहू का में कैसे मिला कृष का किरदार?
मैंने इस किरदार के लिए कई बार ऑडिशन दिया. जब मुझे यह पता चला था कि इस शो के लिए ऑडिशन हो रहे हैं, उस वक्त मैं कानपुर में था. मैंने वहां से लगातार कई बार सीडीज में अपना ऑडिशन रिकॉर्ड करके भेजा. मैं खुद जब तक संतुष्ट नहीं हो गया, लगातार ऑडिशन देता रहा.
इस शो में मेरा किरदार एक सीधे-सादे लड़के का है, जो अपने पूरे परिवार का लाडला है. लोगों को जैसी उम्मीद थी कि मैं इस बार भी रोमांटिक किरदार में नजर आऊंगा. क्योंकि अभी तक मैंने जो भी काम किये, अपने दर्शकों को मैं ऐसे किरदारों में पसंद आता रहा हूं. लेकिन यह किरदार कुछ अलग है. फिर भी इस किरदार में फ्रे शनेस है.
लेकिन गौरव मैंने सुना है, आप मुंबई एक्टर बनने नहीं आये थे.
हां, यह बिल्कुल सच है. अक्सर कभी-कभी होता है कि हमें अपने शौक को ही कॅरियर बनाना पड़ता है. कुछ ऐसा मेरे साथ भी हुआ. मैं भी यहां कॉरपोरेट में भाग्य आजमाने आया था. लेकिन यहां आते ही मुझे विज्ञापनों में काम मिलता गया. विज्ञापनों के बाद फिर सीरियल में काम मिलने लगा और मैंने फिर अभिनय को ही अपना कॅरियर बना लिया. वरना पढ़ाई तो मैंने बिजनेस मैनेजमेंट में की थी.
यह आपका तीसरा मुख्य किरदार है. अब आपको नहीं लगता कि आप स्थापित कलाकारों में से एक हैं और अब बहुत मेहनत की जरूरत नहीं?
जी बिल्कुल ऐसा नहीं है. बल्कि अब तो मेहनत दोगुनी हो गयी है. क्योंकि अब निर्देशकों को हमसे ज्यादा उम्मीदें होने लगी है. उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की चुनौती हमें और भी मेहनत करने पर मजबूर कर देती है. यही वजह है कि मैं आज भी ऑडिशन देता हूं. देखिए, यह इंडस्ट्री बहुत बड़ी है और यहां कई टैलेंटेड लोग हैं.
मैं लकी हूं कि मैंने जितनी मेहनत की है, मुझे काम मिलता रहा है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैं बैठा रहता हूं और सामने से ऑफर आते रहते हैं. मैं आज भी लगातार प्रोडक्शन हाउस जाता हूं और ऑडिशन देता हूं. यही वजह है कि मैं अधिक पार्टियों में नहीं जाता. मुझे काम करना पसंद है. मैं वर्कहोलिक हूं. इसलिए लगातार काम मिल रहे हैं. वरना, इतनी आसान नहीं है यहां की जिंदगी.
ये प्यार न होगा कम में यमी आपके साथ थीं. आज वह बड़े परदे पर हैं. उनकी फिल्म विकी डोनर सफल हुई. कैसा लगता है आपको. आपने फिल्म देखी? यमी को क्या कांप्लिमेंट दिया.
मैं हमेशा से जानता था कि वह बेहतरीन एक्ट्रेस हैं. मुझे याद है, हम लखनऊ में अपने शो का प्रोमो शूट कर रहे थे. उस दौरान यमी की एक्टिंग देखकर मैंने उनसे कहा था कि देखना आप एक्ट्रेस बन जाओगी. बॉलीवुड मेटेरियल हो आप. वह आज भी बेहद खुश होती हैं.
उन्हें जब फिल्म का ऑफर मिला, उन्होंने मुझे फोन किया और मुझे शुक्रिया कहा. उन्होंने कहा कि तुम्हारी कही बात सच हुई. मैं यही कहूंगा कि वह आगे भी बेहतरीन अदाकारी करेंगी. क्योंकि वह गंभीर एक्ट्रेस हैं और अपने काम को बेहद गंभीरता से लेती हैं.
आपका बड़े परदे पर आने का कोई ईरादा?
फिलहाल तो नहीं, क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं बड़े परदे के लिए फिट हूं. और मैं भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहता. टेलीविजन के लिए ठीक हूं, इसलिए यहीं काम करना चाहूंगा.
पेंटिंग्स में आपको बेहद दिलचस्पी है?
हां, बेहद और इन छुट्टियों में मैंने खूब पेंटिंग्स बनायी है.
आपका पसंदीदा रंग?
आपको जान कर आश्चर्य होगा कि मुझे कलर ब्लाइंडनेस है. मैं रंगों की तुलना नहीं कर पाता और समझ नहीं पाता कि वह कौन सा रंग है. मुझे दिखता सब है. लेकिन मैं पहचान नहीं पाता. इसके बावजूद मैं पेंटिंग करता हूं.
वाकई, यह चौंकाने वाली बात है?
हां, मैं बिना रंगों का चुनाव किये पेंटिंग करता हूं. क्योंकि मुझे लगता है कि चित्रकारी के लिए परिकल्पना का होना जरूरी है. फिर रंग तो केवल आपकी परिकल्पना को पूरा करते हैं.
आपका अब तक का सबसे पसंदीदा किरदार?
मुझे ये प्यार न होगा कम का किरदार बेहद पसंद है.
gaurav khanna best actor haisath colourblindness ke bad bhi achchha painter jankar khushi hui.
ReplyDeleteaap lagatar behatar likha rahi hain.BADHAI.