20120402

विदु के सृजन के जश्न की पाठशाला

निर्माता व निर्देशक विदु विनोद चोपड़ा ने इस वर्ष हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपने 30 साल पूरे कर लिये हैं या यूं कहें कि उनकी सृजनशीलता ने 30 बसंत देख लिये यहां विदु को सृजनकर्ता की उपाधि इसलिए, क्योंकि विदु विनोद उन निर्देशक व निर्माताओं में से एक हैं, जिन्होंने हमेशा सृजनशीलता को अहमियत दी वे हमेशा व्यावसायिक फिल्में हीं बनाते रहे, लेकिन उन्होंने हमेशा उन कहानियों के अहमियत दी, जो उन्हें पसंद आयी यही वजह है कि 30 सालों में बतौर निर्माता-निर्देशक उन्होंने कम फिल्मों का निर्माण किया इस अवसर पर मुंबई के पीवीआर जुहू में विदु की टीम ने एक फिल्मोत्सव का भी आयोजन किया है इनमें उनके बैनर की सभी फिल्में दिखायी जा रही हैं साथ ही फिल्मों के कलाकार फिल्म से जुड़ी अपनी हसीन यादों व अनुभवों को साझा कर रहे हैं इनमें मुत्रा भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुत्राभाई, परिणिता, 3 इडियट्स, परिंदा, खामोश जैसी सभी फिल्में शामिल हैं सबसे खास बात यह है कि इन सभी फिल्मों के कलाकार खुद फिल्म से जुड़ी बातें साझा कर रहे हैं प्राय:। मीडिया से बातें करते हुए फिल्मों के कलाकार कई बातें बहुत सोच समझ कर करते हैं लेकिन इस महोत्सव में सभी खुल कर व बिंदास होकर अपनी बातें बता रहे हैं ऐसे अवसरों की खास बात यह होती है कि कलाकार भी रूटीन तरीके की बातें नहीं करते वे मेकिंग से जुड़े कई सच को बताते हैं अपने अनुभवों को शेयर करते हैं ऐसी बातें निश्चित तौर पर हमें कहीं भी गूगल या इंटरनेट पर नहीं मिलती और न ही किसी मैगजीन के इंटरव्यू में पढ़ने को मिलती है चूंकि उस वक्त कलाकार, निर्माता अलग तैयारी से जवाब देते हैं लेकिन जब ऐसे अवसर होते हैं तो यह उनकी सृजनशीलता के जश्न का वक्त होता है और वे स्वतंत्र होकर ईमानदारी से लोगों के सामने प्रस्तुत होते हैं इस महोत्सव में मुख्य रूप से मुंबई के विभित्र कॉलेज के विद्यार्थियों को भी शामिल किया गया है विद्या बालन, दीया मिर्जा, राजकुमार हिरानी, संजय दत्त, बोमन ईरानी, अरशद वारसी, शबाना आजिमी जैसे सभी कलाकार विद्यार्थियों से बातें कर रहे हैं यह माहौल किसी क्लासरूम की तरह ही लग रहा है विद्यार्थियों के सवालों का वे बिना डिप्लोमेटिक हुए जवाब दे रहे हैं इसी क्रम में विदु ने एक चकित करनेवाला वाक्या सुनाया कि कैसे फिल्म परिंदा में नाना पाटेकर के साथ वास्तविक आग के साथ एक दृश्य फिल्माना था नाना को विदु ने कहा कि आप फ्रायर प्रूफ जैकेट पहन लें नाना ने उसे पहनने से इनकार कर दिया चूंकि वे जैकेट उन्हें अभिनय करने में बाधा पहुंचा रहे थे बहुत मनाने पर वह बुलेट प्रूफ जैकेट पहनने के लिए तैयार हुए लेकिन उन्हें पैरों में नहीं पहना सीन फिल्माने के बाद नाना घायल हुए, लेकिन उन्होंने दृश्य ओके होने के बाद ही विदु को यह बात बतायी इससे स्पष्ट होता है कि नाना जैसे कलाकार उन कलाकारों में से एक हैं जो अपने अभिनय को कितनी शिद्दत से निभाते थे

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