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20120304
जिज्ञासा से उत्पन्न रचना है उपनिषद
चाणक्य जैसे महत्वपूर्ण धारावाहिक का सफलतम निर्माण करने के बाद जल्द ही दूरदर्शन पर उपनिषद गंगा नामक धारावाहिक के साथ फिर से डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेद्वी दर्शकों से रूबरू होंगे.
कई वर्ष पूर्व रविवार का दिन दूरदर्शन के नाम होता था. वजह थी दूरदर्शन पर इस दिन कई नैतिक मूल्यों पर आधारित धारावाहिकों का प्रसारण होता था. वह दौर था रामानंद सागर का दौर, जिन्होंने कई बेहतरीन धारावाहिकों का निर्माण किया. इसके साथ ही कभी बीआर चोपड़ा के महाभारत ने इतिहास रचा था. महाभारत, श्री कृष्ण, विष्णुपुराण व कई ऐसे महत्वपूर्ण धारावाहिकों का प्रसारण होता रहा और दर्शकों को महत्वपूर्ण ग्रंथ, कथाओं को जानने का मौका मिला. इसी क्रम में चाणक्य भी महत्वपूर्ण धारावाहिक के रूप में दर्शकों के सामने आया था. इस धारावाहिक ने चाणक्य की नीति का विस्तार से वर्णन किया था. नतीजन सफलतम धारावाहिकों में आज भी चाणक्य गुंजमान है. इसका निर्माण करनेवाले थे डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेद्वी. एक बार फिर वे दूरदर्शन के साथ ही दूसरी पारी की शुरुआत कर रहे हैं. धारावाहिक उपनिषद गंगा के साथ. इस बीच उन्होंने पिंजर जैसी फिल्मों का निदर्ेशन किया, और अब उपनिषद के माध्यम से कुछ महत्वपूर्ण अध्याय को पलटने की कोशिश में जुट गये हैं. आज के दौर में क्या प्रासंगिक है उपनिषद गंगा. क्यों है ऐसे धारावाहिकों की जरूरत. बता रहे हैं निदर्ेशक डॉ चंद्रप्रकाश द्विवेद्वी
उपनिषद का अर्थ
उपनिषद का अर्थ है कि आओ मेरे पास बैठो. चूंकि उपनिषद के अनुसार जब भी कोई दो व्यक्ति जिज्ञासा से बात करते हैं तो वहां से ही किसी न किसी प्रकार की रचना शुरू हो जाती है. तो आप मान लें कि उसी वक्त रचना का प्रारंभ होता है और उपनिषद सार्थक होता है.
भारतीय चिंतन के प्रवाह की झलक
उपनिषद गंगा को मैं धारावाहिक नहीं मानता. यह एक तरह है भारत की सभ्यता और इसके दर्शनों को दर्शाता एक आईना होगा. इसमें भारतीय चिंतन प्रवाह की झलक होगी. चूंकि मैं मानता हूं कि भारत सिर्फ विचार नहीं है. यह विज्ञान भी है और जीवन कला का ही दूसरा नाम भी. मैं मानता हूं कि उपनिषद गंगा भारत की ऐसी धरोहर है, जिसमें जीवन दर्शन का रहस्य है और इससे जानना बेहद जरूरी है.
ॠषि नहीं वह भी वैज्ञानिक हैं
मैं मानता हूं कि ॠषि भी एक वैज्ञानिक की तरह हैं. वे भी पूरे विश्व पर विमर्श करते हैं. वे भी ऐसी ही कल्पना की खोज में हैं, जिसमें वे अपनी एकात्मता को सिध्द कर सकें. ऐसी कई चीजे हैं जो प्राचीन भारतीय साहित्य है. वह धीरे धीरे विलुप्त होने के कगार पर हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि हमारी आनेवाली पीढ़ी इन महत्वपूर्ण चीजों को देखें और उन्हें समझने की कोशिश करे. एक प्रकार से यह चेतना है.
चिन्मय मिशन ने किया सहयोग
उपनिषद के गूढ़ तत्वों को कहानियों में ढालना था. और यह भी जरूरी बात थी कि इसे इस तरह कहानियों का रूप दिया जाये, ताकि इन्हें समझने में भी आसानी हो और यह मनोरंजक भी बन सके. इसी दौरान चिन्मय मिशन ने हाथ आगे बढ़ाया. तय हुआ कि उपनिषद की बातों को कहानियों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाये. तो यह रोचक होंगी. जल्द ही हमें कहानियां भी ढूंढ़ ली. और हमने इस बात का भी ख्याल रखा कि जो भी कहानियां प्रस्तुत की जायें उनमें अवधारणाओं के साथ साथ चिंतन भी हो. उपनिषद गंगा इसी खोज का परिणाम है. हमारी कोशिश है कि हम इसमें वैदिकता के साथ साथ ऐतिहासिक व पौराणिक चीजों को भी शामिल करें.
उपनिषद के साथ गंगा
मैं मानता हूं कि गंगा हमेशा इस बात की साक्षी रही हैं कि किस तरह ज्ञान का निरंतर विकास होता रहा है. सो, मैं मानता हूं कि उपनिषद गंगा के साथ मिल कर सार्थक है.
इस धारावाहिक में मुख्य किरदार निभा रहे हैं अभिनेता अभिमन्यु सिंह. शो का प्रसारण 11 मार्च से दूरदर्शन पर होगा.
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