20120307

होली में अवधिया अमिताभ के रंग



होली नजदीक है. किसी दौर में लगभग हर फिल्म में होली के सीक्वेंसेज रखे जाते थे. लेकिन इन दिनों फिल्मों से होली के गीत गायब ही होते जा रहे थे. ऐसे में अमिताभ बच्चन के मेकअप मैन दीपक सावंत ने अपनी भोजपुरी फिल्म गंगादेवी में अमिताभ बच्चन व जया बच्चन को फागुन गीत पर पांव थिरकाने के लिए राजी कर ही लिया है. सिनेप्रेमियों के लिए दीपक सावंत की तरफ से यह एक नायाब तोहफा है. चूंकि हिंदी सिनेमा के दर्शक अपने महानायक को हमेशा ही इस रंग में देखना चाहते हैं. चूंकि अमिताभ जब भी होली के गीतों में नजर आये हैं. वे वास्तविक नजर आये हैं.दरअसल, अमिताभ बच्चन से होली के गीतों का खास जुड़ाव रहा है. आप गौर करें तो अब तक हिंदी सिनेमा में सबसे अधिक होली के गीतों में अभिनेता के रूप में अमिताभ बच्चन की उपस्थिति है. सीधे तौर पर फिल्म सिलसिला के गीत रंग बरसे...में, शोले के गीत होली के दिन दिल मिल जाते हैं...होली खेले रघुवीरा अवध में और अब भोजपुरी फिल्म के गीत मन की पतंग में वे प्रमुखता से अवध अंदाज में फागुन गीत गाते नजर आये. वही फिल्म मोहब्बते में होली सीक्वेंस गीत में वह नजर आते हैं. और फिल्म वक्त के गीत डू मी अ फेवर लेट्स प्ले होली...में भी वह गीत से पहले अक्षय को होली की शुभकामनाएं देते नजर आते हैं.उनकी बहू ऐश्वर्य भी होली के गीत पर एक्शन प्ले में थिरक चुकी हैं.इससे साफ जाहिर है कि अमिताभ को फागुन के रस बेहद पसंद हैं. और वे अपनी फिल्मों के माध्यम से ही सही अवध के फागुन रस का पूरा आनंद उठाते हैं. अमिताभ स्वयं इलाहाबाद से संबंध रखते हैं, जहां की आम बोल चाल की भाषा अवधि है. इन स्थानों पर होली धूमधाम व पूरी मस्ती के साथ मनाई जाती है. शायद यही वजह है कि मूल रूप से इलाहाबाद के होने की वजह से अमिताभ जब जब होली के गीत गाते नजर आते हैं. वे मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और लीन होकर वे होली खेलते हैं. उनका यह रूप वास्तविक नजर आता है, क्योंकि मूल रूप से वे उसी मिट्टी के हैं और आज भी वे अपनी मिट्टी से जुड़े हैं. आम दिनों में भी आप उन्हें अगर हिंदी बोलते सुनें तो आप महसूस करेंगे कि उनकी भाषा में अवधिया अंदाज है. और यही वजह है कि होली गीतों में अमिताभ का असल अवधिया अंदाज नजर आता है. निश्चित तौर पर अमिताभ किसी दौर में अपने पिता हरिवंश राय बच्चन के साथ बचपन के दिनों में फागुन के गीत सुनते थे. इस वजह से वे वहां की संस्कृति से अच्छी तरह वाकिफ हैं. फिल्मों में आने के बाद व सुपरसितारा हैसियत प्राप्त करने के बाद वे ऐसी मदमस्त होली शायद ही वास्तविक जिंदगी में खेल पायें.सो, उन्हें जब भी मौका मिलता है, वे अपने अवधिया अंदाज में होली खेलते नजर आते हैं. भले ही वह फिल्मी होली हो.और शायद इसलिए जब भी निदर्ेशकों को मौका मिलता है, वे अमिताभ की फिल्मों में होली के गीत फिल्माते हैं. एक सशक्त गंभीर सा दिखनेवाला अमिताभ होली के गीतों में फागुन रस बरसानेवाला अवध का बाके बिहारी नजर आता है. निदर्ेशकों के लिए होली के गीतों के माध्यम से ही अमिताभ के दिल में छुपे बच्चे को दर्शाने का यह बेहतरीन तरीका होता है.

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