20120329

सुवरीन के किरदार में स्पार्क है' : स्मृति कालरा

कभी दिल्ली की लोकप्रिय आरजे रह चुकी हैं. वह ऐक्टंग नहीं करना चाहती थीं लेकिन जब इस क्षेत्र में आयीं तो उन्हें ऐक्टिंग से प्यार हो गया.
स्मृति, लीड किरदार निभाने के बाद किसी भी कलाकार की यह जिम्मेदारी बन जाती है कि वह दूसरे शो में भी कुछ वैसी ही लोकप्रियता बरकरार रखने में कामयाब हो. आपकी इस बारे में क्या राय है ?
दरअसल, मैं वास्तविक जिंदगी में बहुत मस्ती करने वाली और टेंशन फ्री रहने वाली लड़की हूं. इसलिए लोकप्रियता बरकरार रखने की जिम्मेदारी जैसे शब्द का इस्तेमाल मेरे लिए थोड़ा भारी भरकम होगा. लेकिन यह कोशिश जरूरी होगी कि जिस तरह मैं दर्शकों के सामने नये अवतार में हूं, वे मुझे सिम्मी से बिल्कुल विपरीत इस किरदार में भी पसंद करें.
करोलबाग के बाद आप बिल्कुल गायब हो गयीं. लंबा ब्रेक लिया आपने ? कोई खास वजह ?
नहीं, कोई खास वजह नहीं थी. इस दौरान भी मेरे पास कई ऑफ़र आये. लेकिन मैंने तय कर रखा था कि मैं सिम्मी की तरह ही फ़िर से कोई किरदार नहीं निभाऊंगी. मैंने ब्रेक लिया, क्योंकि मुझे आराम चाहिए था. साथ ही मैंने शो के दौरान, जो वजन बढ़ा लिया था, उसे कम करना था. इस ब्रेक के दौरान पहले तो मैंने खूब सैर की दोस्तों और परिवार के साथ. फ़िर मैंने अपना वजन घटाना शुरू किया.
सुवरीन के लिए हां कहने की कोई खास वजह ?
इस शो की स्क्रिप्ट बेहद इंस्पायरिंग, यूथ ओरियेंटेड थी. ऊर्जा से भरपूर. मुझे अपने किरदार में एक स्पार्क नजर आया. मुझे लगा कि दर्शकों को यह पसंद आयेगा. इसलिए, मैंने हां कह दिया.
किस तरह तैयारी की ?
कोई खास तैयारी नहीं की, हां अपने कॉलेज के दोस्तों की बातें याद की. किस तरह वे बातें करते थे. उनके अंदाज क्या होते थे.
स्मृति आपका नया अवतार टॉक ऑफ़ द टाउन है. आपने बिल्कुल चौंका दिया है. कैसे किया ये आपने ?
जी हां, बिल्कुल मैंने लगभग 12-15 किलो बढ़ा लिया था. वजन बढ़ाना तो आसान होता है, जो कि मैंने शो के लिए बढ़ाया था. लेकिन कम करते वक्त बहुत परेशानी हुई. मैंने सही तरीके से वर्कआउट किया. बैलेंस्ड डायट लिया.
आप खुद दिल्ली से संबंध रखती हैं. करोलबाग का भी सेटअप वहीं था. लेकिन अब आप मुंबई आ चुकी हैं इस शो के लिए. कैसा अनुभव है ये ?
अच्छा लग रहा है, नये लोग मिल रहे हैं. यहां की सबसे अच्छी बात है कि आसानी से ऑटो मिल जाते हैं. कहीं भी आने जाने में परेशानी नहीं होती. लेकिन खाने के मामले में साडी दिल्ली की बात अलग है. वहां का खाना मिस करती हूं.
मां से किस तरह की हिदायतें मिली हैं नये शहर के लिए ?
मां जानती हैं कि मैं अपना ख्याल अच्छे से रखती हूं. बस उन्होंने इतना ही कहा है कि कोई बुरी आदत मत लगाना. स्मोकिंग वगैरह की.( हंसते हुए )
करोलबाग में आपके साथ काम कर रहे सभी कलाकार फ़िलवक्त किसी न किसी शो में व्यस्त हैं. उन सभी से संपर्क में हैं ? सुरविन गुग्गल के बारे में सबकी क्या प्रतिक्रिया है.
जी हां बिल्कुल सभी के टच में हूं. सुवरीन गुग्गल का पहला ऐपसोड देखने के बाद सभी ने मुझे मेसेज किया था. बधाइयां दी थी. मैंने सरगुन का शो फ़ुलवा देखा. मुझे अच्छा लगा. शरगुन अच्छी अदाकारा हैं. नील भी अच्छे दोस्त हैं और उन्होंने अच्छा काम किया है गुलाल में.
इनके अलावा भल्ला जी यानी करोलबाग के भल्ला जी से भी बातें होती रहती हैं. अल्का अमीन जी ने भी मुझे मेसेज किया कि तुम अच्छी अदाकारा हो. अल्का जी काफ़ी सीनियर एक्ट्रेस हैं तो उनकी सराहना अच्छी लगती है.
सुवरीन और सिम्मी के किरदार में कुछ समानताएं ?
हां, बस इतनी कि दोनों ही किरदारों में सहनशीलता बहुत है और वास्तविक जिंदगी में मुझमें भी सहनशीलता बहुत अधिक है.
छोटा परदा धीरे धीरे बोल्ड होता जा रहा है. आपकी इस बारे में क्या राय है, क्या इसे अपनी सीमाएं तोड़नी चाहिए. क्या आपने अपनी कुछ सीमाएं तय की हैं.
आपकी प्रोफ़ेशनल जिंदगी में आपका परिवार कितना सम्मिलित रहता है ?
यह सच है कि छोटे परदे के पहले दर्शक परिवार के ही लोग हैं. इसलिए, हमें इन बातों का ख्याल रखना होगा कि हम किस वर्ग के लिए वह शो बना रहे हैं. दूसरी बात है प्रस्तुतिकरण की. आप कुछ भी दिखाएं वह ऐसे प्रेजेंटेशन के साथ दिखाएं कि बुरा नजर न आये. तो, इसमें बुराई नहीं है.
फ़िलहाल कोई मापदंड तय नहीं किया है मैंने. जहां तक बात है मेरे परिवार की, मेरी प्रोफ़ेशनल जिंदगी से जुड़ने की, तो उनका बस यही कहना होता है कि तुम्हें जिस काम से संतुष्टि मिले, वही काम करो.

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