पिछले दिनों अक्षय से मुलाकात हुई. अक्षय मार्शल आर्ट को बेहद पसंद करते हैं. वे खुद इसमें पारंगत भी हैं. वे मानते हैं कि मार्शल आर्ट जिंदगी में सेल्फ डिफेंस और सेल्फ डिसिप्लिन. यानी आत्मसुरक्षा और आत्म अनुशासित रहना सिखाती है. और उनका यह भी मानना है कि अगर भारत में मार्शल आर्ट को कभी पाठयक्रम में अनिवार्य विषय बनाया जाना चाहिए. चूंकि हर व्यक्ति के लिए मार्शल आर्ट आवश्यक है. वह इससे खुद को सुरक्षित रख पाने में कामयाब होता है. वे अपने बच्चे को यह विधा सीखा रहे हैं और वह चाहते हैं हर बच्चा बचपन से ही इसे सीखे. उनसे जब यह सवाल पूछा कि क्या वह कब्बडी, या फुटबॉल लीग जैसी किसी लीग का हिस्सा बनेंगे तो उन्होंने साफ कहा कि वह सिर्फ और सिर्फ मार्शल आटर््स को ही प्रोमोट करना चाहेंगे. अक्षय कुमार ने एक और बेहतरीन जानकारी दी कि वे प्रत्येक वर्ष मार्शल आटर्् का एक टूर्नामेंट रखते हैं और इस टूर्नामेंट वे पूरे विश्व से मार्शल आर्ट के खिलाड़ियों को न्योता देते हैं और फिर भारत में यह आयोजन किया जाता है. अक्षय बताते हैं कि उन्हें इसमें इस बात से ज्यादा खुशी मिलती है. न कि किसी फिल्मी पार्टी का हिस्सा बन कर. दरअसल, अक्षय की यह सोच बेहतरीन है और वह अपने काम में पूरी तरह एकाग्रता रखते हैं. अक्षय के ही माध्यम से सही, लेकिन यह हकीकत है कि मार्शल आर्ट व इस तरह के अन्य विधाओं को सेलिब्रिटिज के प्रोत्साहन की जरूरत है. कल्पना करें कि कोई फिल्म इस विधा पर बने और अभिनेता के रूप में अक्षय कुमार हों और अभिनेत्री नीतू चंद्रा हों. तो वह एक दिलचस्प फिल्म बन सकती ह'ं. चूंकि नीतू भी हिंदी सिनेमा की चुनिंदा अभिनेत्रियों में से एक ह'ं. जो ताइकांडो व कई इस तरह की कई विधाओं में पारंगत ह'ं.सो, ऐसी फिल्मों को भी बढ़ावा मिले, तो बेहतरीन बात होगी.
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20140531
मार्शल आर्ट के हितेशी अक्षय
पिछले दिनों अक्षय से मुलाकात हुई. अक्षय मार्शल आर्ट को बेहद पसंद करते हैं. वे खुद इसमें पारंगत भी हैं. वे मानते हैं कि मार्शल आर्ट जिंदगी में सेल्फ डिफेंस और सेल्फ डिसिप्लिन. यानी आत्मसुरक्षा और आत्म अनुशासित रहना सिखाती है. और उनका यह भी मानना है कि अगर भारत में मार्शल आर्ट को कभी पाठयक्रम में अनिवार्य विषय बनाया जाना चाहिए. चूंकि हर व्यक्ति के लिए मार्शल आर्ट आवश्यक है. वह इससे खुद को सुरक्षित रख पाने में कामयाब होता है. वे अपने बच्चे को यह विधा सीखा रहे हैं और वह चाहते हैं हर बच्चा बचपन से ही इसे सीखे. उनसे जब यह सवाल पूछा कि क्या वह कब्बडी, या फुटबॉल लीग जैसी किसी लीग का हिस्सा बनेंगे तो उन्होंने साफ कहा कि वह सिर्फ और सिर्फ मार्शल आटर््स को ही प्रोमोट करना चाहेंगे. अक्षय कुमार ने एक और बेहतरीन जानकारी दी कि वे प्रत्येक वर्ष मार्शल आटर्् का एक टूर्नामेंट रखते हैं और इस टूर्नामेंट वे पूरे विश्व से मार्शल आर्ट के खिलाड़ियों को न्योता देते हैं और फिर भारत में यह आयोजन किया जाता है. अक्षय बताते हैं कि उन्हें इसमें इस बात से ज्यादा खुशी मिलती है. न कि किसी फिल्मी पार्टी का हिस्सा बन कर. दरअसल, अक्षय की यह सोच बेहतरीन है और वह अपने काम में पूरी तरह एकाग्रता रखते हैं. अक्षय के ही माध्यम से सही, लेकिन यह हकीकत है कि मार्शल आर्ट व इस तरह के अन्य विधाओं को सेलिब्रिटिज के प्रोत्साहन की जरूरत है. कल्पना करें कि कोई फिल्म इस विधा पर बने और अभिनेता के रूप में अक्षय कुमार हों और अभिनेत्री नीतू चंद्रा हों. तो वह एक दिलचस्प फिल्म बन सकती ह'ं. चूंकि नीतू भी हिंदी सिनेमा की चुनिंदा अभिनेत्रियों में से एक ह'ं. जो ताइकांडो व कई इस तरह की कई विधाओं में पारंगत ह'ं.सो, ऐसी फिल्मों को भी बढ़ावा मिले, तो बेहतरीन बात होगी.
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