किरण खेर को चुनाव में जीत मिलने के बाद अभिनेत्री सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने किरण खेर की तारीफ में कुछ ऐसी बातें टिष्ट्वट कर दी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि औरतों की मानसिकता में भी कुछ अभद्र बातें होती हैं और एक महिला भी दूसरी महिला की सबसे बड़ी दुश्मन होती हैं. सुचित्रा ने लिखा है कि किरन खेर ने गुल पनाग को हराया है. क्योंकि भारत को महिलाओं और मां की जरूरत है, न कि क्लीवेज फ्लेशर्स की. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोनम ने बिल्कुल सही बातें टिष्ट्वट की हैं कि कोई महिला कैसे किसी महिला के खिलाफ ऐसी बातें लिख सकती हैं. सुचित्रा खुद महिला हैं और उन्हें ऐसी अभद्र बातें कहना शोभा नहीं देता. यह कोई फिल्मी अखारा नहीं. हाल ही में हिमेश रेशमिया की फिल्म द एक्पोज में दो अभिनेत्रियों को लड़ते हुए दिखाया गया है. दोनों हाथापाई करती हैं. ठेठ शब्दों में कहें तो झोठा झठुव्वल करती हैं. लेकिन फिल्म में भी इतनी अभद्रता नहीं दिखाई गयी है. सुचित्रा आमतौर पर भी प्रीटि जिंटा को कई बार खरी खोटी सुनाती नजर आती हैं. दरअसल, हकीकत यही है कि आमतौर पर हम पुरुषों को ही कोसते आते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि एक महिला भी दूसरी महिला को गलत नजरिये से देखती है. गुल चुनाव हारी हैं. लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि उन्हें इस तरह से बेइज्जत किया जाये. एक पॉलिटिकल नेता के रूप में नहीं, कम से कम अपनी फिल्म फर्टनिटी के रूप में तो सुचित्रा में इतनी संवेदनशीलता होनी चाहिए कि वे इस तरह की अभद्र बातें न करें. खासतौर से जबकि वह खुद पब्लिक फिगर हैं. फिर सुचित्रा और मुलायम सिंह की बातों में क्या फर्क रह जायेगा. यह बेहद जरूरी है कि हम बड़े बड़े भाषणों से पहले खुद को सुधारें. एक महिला पहले दूसरी महिला का सम्मान करना तो सीखें.
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20140531
अभद्र सुचित्रा
किरण खेर को चुनाव में जीत मिलने के बाद अभिनेत्री सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने किरण खेर की तारीफ में कुछ ऐसी बातें टिष्ट्वट कर दी हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि औरतों की मानसिकता में भी कुछ अभद्र बातें होती हैं और एक महिला भी दूसरी महिला की सबसे बड़ी दुश्मन होती हैं. सुचित्रा ने लिखा है कि किरन खेर ने गुल पनाग को हराया है. क्योंकि भारत को महिलाओं और मां की जरूरत है, न कि क्लीवेज फ्लेशर्स की. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सोनम ने बिल्कुल सही बातें टिष्ट्वट की हैं कि कोई महिला कैसे किसी महिला के खिलाफ ऐसी बातें लिख सकती हैं. सुचित्रा खुद महिला हैं और उन्हें ऐसी अभद्र बातें कहना शोभा नहीं देता. यह कोई फिल्मी अखारा नहीं. हाल ही में हिमेश रेशमिया की फिल्म द एक्पोज में दो अभिनेत्रियों को लड़ते हुए दिखाया गया है. दोनों हाथापाई करती हैं. ठेठ शब्दों में कहें तो झोठा झठुव्वल करती हैं. लेकिन फिल्म में भी इतनी अभद्रता नहीं दिखाई गयी है. सुचित्रा आमतौर पर भी प्रीटि जिंटा को कई बार खरी खोटी सुनाती नजर आती हैं. दरअसल, हकीकत यही है कि आमतौर पर हम पुरुषों को ही कोसते आते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि एक महिला भी दूसरी महिला को गलत नजरिये से देखती है. गुल चुनाव हारी हैं. लेकिन इसका यह कतई मतलब नहीं कि उन्हें इस तरह से बेइज्जत किया जाये. एक पॉलिटिकल नेता के रूप में नहीं, कम से कम अपनी फिल्म फर्टनिटी के रूप में तो सुचित्रा में इतनी संवेदनशीलता होनी चाहिए कि वे इस तरह की अभद्र बातें न करें. खासतौर से जबकि वह खुद पब्लिक फिगर हैं. फिर सुचित्रा और मुलायम सिंह की बातों में क्या फर्क रह जायेगा. यह बेहद जरूरी है कि हम बड़े बड़े भाषणों से पहले खुद को सुधारें. एक महिला पहले दूसरी महिला का सम्मान करना तो सीखें.
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