20140510

दिलचस्प मराठी फिल्में

 रितेश देशमुख की निर्मित दो फिल्में बालक पालक और यल्लो. दोनों फिल्में महत्वपूर्ण फिल्में हैं और ये मराठी भाषाओं में बनी फिल्में हैं. इन फिल्मों में जिस तरह विषय को खूबसूरती से दर्शाया गया है. उसे देख कर क्षेत्रीय फिल्मों के निर्देशकों पर गुमान होता है. निस्संदेह वर्तमान दौर में क्षेत्रीय फिल्मों में सबसे बेहतरीन फिल्मों का निर्माण हो रहा. रितेश देशमुख आमतौर पर हिंदी फिल्मों में जिस तरह की फिल्में कर रहे. उनसे उनकी छवि एक हास्य अभिनेता की बन चुकी है. लेकिन मराठी फिल्म में वे जिस तरह के विषयों का चुनाव कर रहे हैं. उनकी संवेदनशीलता इससे साफ नजर आ रही हैं. रितेश की दोनों ही फिल्मों को कई पुुरस्कार से नवाजा जा चुका है. दरअसल, हाल में मैंने जितनी मराठी फिल्में देखी हैं. वे सारी फिल्मों की खासियत यह है कि इन फिल्मों में विषयों को सरलता से दिखाया जा रहा है. फिल्म में हास्य के पुट भी होते हैं. फिल्म हरीचंद्राची फैक्ट्री में भी यही खासियत थी कि फिल्म में ह्मुमर कमाल का था. यही वजह है कि मराठी फिल्में लगातार विकसित हो रही हैं. अच्छे निर्देशक, अच्छे विषयों के साथ पूरे शान से इस क्षेत्र में आ रहे हैं. मराठी फिल्मों को सरकार के द्वारा भी अच्छी मदद मिल रही है. अच्छे कलाकार अच्छी सोच के साथ इस क्षेत्र में आ रहे हैं. मराठी फिल्मों का भविष्य बहुत उज्जवल है. अगर अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को भी कुछ इस तरह का सहयोग मिले तो निश्चित तौर पर अन्य भाषाओं में भी बेहतरीन फिल्में बनेंगी. क्षेत्रीय भाषाओं में अच्छे निर्देशक आयेंगे. रितेश मराठी होने के नाते एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे. वे सिनेमा के दोनों पहलुओं एंटरटेनमेंट और आर्ट को साथ लेकर चल रहे हैं और यह सकारात्मक संकेत हैं.रितेश की तरह अन्य हिंदी भाषी कलाकार, जहां से संबंध रखते हैं. वहां की क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों के लिए उन्हें कदम उठाने चाहिए

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