20140531

टेलीविजन का बदला स्वरूप


अभी कुछ दिनों पहले ही मैंने इसी स्तंभ में लिखा था कि पिछले कई महीनों से टेलीविजन के धारावाहिक में रुचि खत्म होती जा रही है. चूंकि लगभग सारे धारावाहिक एक ही कहानी और ट्रैक पर चल रहे हैं. लेकिन अब अच्छी खबर यह आ रही है कि टेलीविजन के अच्छे दिन फिर से आ चुके हैं. जीटीवी जल्द ही जिंदगी  नामक एक चैनल की शुरुआत कर रहा है, और यह चैनल मुख्यत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को दिखायेगा. सिर्फ भारत ही नहीं भारत से बाहर की सांस्कृतिक कहानियां भी इसमें शामिल की जायेगी. जीटीवी के आॅफिशियल से बातचीत होने पर उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि हां, दर्शक वर्तमान में चल रहे धारावाहिकों के प्लॉट से बोर हो चुके थे. इसलिए उन्हें फ्रेश कहानियां देनी बेहद जरूरी है. जीटीवी के साथ साथ लाइफ ओके पर बांवरे नामक शो की शुरुआत हो रही है और यह शो भी लव स्टोरी पर ही आधारित है. लेकिन यह टीवी पर दिखाई जाने वाली आम प्रेम कहानियों से जुदा होंगी. दरअसल, वर्तमान में टेलीविजन के मेकर्स को इस बात की सख्त जरूरत भी थी कि वे किसी भी तरह दर्शकों को कुछ अलग चीजें देने की कोशिश करें. चूंकि दर्शक भी एक ही तरह के धारावाहिकों को देखते हुए बोर हो चुके हैं. दरअसल, हकीकत यही है कि टेलीविजन रिश्तों और जज्बातों को दर्शाने का एक सशक्त माध्यम है. इसमें कोई शक नहीं कि क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया जैसे शो की जरूरत नहीं, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना भी जरूरी है. शबाना आजिमी भी इन दिनों दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहे एक म्यूजिकल शो की एंकरिंग कर रही हैं. ये सारी कोशिशे हिंदुस्तान समेत सरहद पार की सभ्यताओं से भी हमें रूबरू करायेंगे और यह वर्तमान समय की जरूरत भी हो. सो, ऐसे चैनल की शुरुआत का स्वागत किया जाना चाहिए

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