निर्देशक अनुभव सिन्हा ने हाल ही में बप्पी लाहिरी व जैजी बी की जुगलबंदी के साथ होलिया गीत प्रस्तुत किया है. इस गाने में हिंदुस्तानी व वेस्टर्न दोनों अंदाज में प्रस्तुत किया गया है. यूटयूब पर यह गीत बेहद लोकप्रिय हो रहा है. इसे काफी दर्शक भी मिल रहे हैं. धर्मा प्रोडक् शन की आगामी फिल्म ये जवानी है दीवानी में भी होली पर आधारित एक गीत शामिल किया गया है. होली का यह गीत भी आज के अंदाज में यानी कि रीमिक्स अंदाज की होली में बना गीत है. दरअसल, वर्तमान में जिस तरह होली मनाने के तरीके बदले हैं. उसी तरह उनके गानों का अंदाज भी बदला है. किसी दौर में होली में ढोल, नगारा व मंजिरा बजती थी. लोगों की टोली सजती थी. फगवा गीत गाये जाते थे. लोग गली गली में घूम कर नाचा करते थे. लेकिन अब होली के फगवा गीतों ने होली रेन डांस का रूप ले लिया है. अब रीमिक्स गानों पर रेन डांस होता है. पूरी पकौड़ों की जगह शराब ने ले ली है. शाम को दोस्तों व सगे संबंधियों के पैर पर अबीर डालने की परंपरा अब खत्म हो चुकी है. खासतौर से मुंबई जैसे इलाकों में तो होली का मतलब रेन डांस व सुबह की होली ही होती है. अब दही बड़े या पुए नहीं बनते. बल्कि कबाब और वोडका वाली पानीपुरी ही लोगों का पसंदीदा आहार होता है. रीमिक्स गानों पर, टमाटर की होली खेली जा रही है तो कहीं पानी के टब में होली हो रही है. जैसे जैसे फिल्मों ने अपना रूप बदला है. होली ने भी अपना रूप बदल लिया और इसी को ध्यान में रखते हुए फिल्मों में होली के गीतों का फिल्मांकन भी हो रहा है. याद कीजिए, अमिताभ बच्चन का गीत रंग बरसे, भिगे चुनर वाली...यह गीत आज भी लोकप्रिय है. लेकिन आज के गीत केवल रेन डांस के फव्वारों में ही उड़ जा रहे हैं. तसल्ली बस इतनी है कि कम से कम फिर से फिल्मों में होली के गीतों की वापसी तो हुई है.
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20130408
होली गीतों के बदलते रंग
निर्देशक अनुभव सिन्हा ने हाल ही में बप्पी लाहिरी व जैजी बी की जुगलबंदी के साथ होलिया गीत प्रस्तुत किया है. इस गाने में हिंदुस्तानी व वेस्टर्न दोनों अंदाज में प्रस्तुत किया गया है. यूटयूब पर यह गीत बेहद लोकप्रिय हो रहा है. इसे काफी दर्शक भी मिल रहे हैं. धर्मा प्रोडक् शन की आगामी फिल्म ये जवानी है दीवानी में भी होली पर आधारित एक गीत शामिल किया गया है. होली का यह गीत भी आज के अंदाज में यानी कि रीमिक्स अंदाज की होली में बना गीत है. दरअसल, वर्तमान में जिस तरह होली मनाने के तरीके बदले हैं. उसी तरह उनके गानों का अंदाज भी बदला है. किसी दौर में होली में ढोल, नगारा व मंजिरा बजती थी. लोगों की टोली सजती थी. फगवा गीत गाये जाते थे. लोग गली गली में घूम कर नाचा करते थे. लेकिन अब होली के फगवा गीतों ने होली रेन डांस का रूप ले लिया है. अब रीमिक्स गानों पर रेन डांस होता है. पूरी पकौड़ों की जगह शराब ने ले ली है. शाम को दोस्तों व सगे संबंधियों के पैर पर अबीर डालने की परंपरा अब खत्म हो चुकी है. खासतौर से मुंबई जैसे इलाकों में तो होली का मतलब रेन डांस व सुबह की होली ही होती है. अब दही बड़े या पुए नहीं बनते. बल्कि कबाब और वोडका वाली पानीपुरी ही लोगों का पसंदीदा आहार होता है. रीमिक्स गानों पर, टमाटर की होली खेली जा रही है तो कहीं पानी के टब में होली हो रही है. जैसे जैसे फिल्मों ने अपना रूप बदला है. होली ने भी अपना रूप बदल लिया और इसी को ध्यान में रखते हुए फिल्मों में होली के गीतों का फिल्मांकन भी हो रहा है. याद कीजिए, अमिताभ बच्चन का गीत रंग बरसे, भिगे चुनर वाली...यह गीत आज भी लोकप्रिय है. लेकिन आज के गीत केवल रेन डांस के फव्वारों में ही उड़ जा रहे हैं. तसल्ली बस इतनी है कि कम से कम फिर से फिल्मों में होली के गीतों की वापसी तो हुई है.
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