20130416

डायन में विश्वास नहीं करता



इमरान हाशमी ने  अपनी सुझबूझ से अपनी किसिंग ब्वॉय की छवि को तोड़ कर एक वर्सेटाइल एक्टर के रूप खुद को निखारा.  सिनेमा के विशेषज्ञ उन्हें आनेवाले समय के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक मान रहे हैं. 
इमरान  हाशमी इन दिनों सोच समझ कर अलग विषयों की फिल्मों का चयन कर रहे हैं. उन्होंने एक थी डायन का चुनाव भी कई बातों को ध्यान में रख कर किया है. बातचीत इमरान से

इमरान, क्या आप डायन जैसी चीजों में पर विश्वास करते हैं?
विश्वास नहीं करता, लेकिन मैंने ऐसी कई कहानियां जरूर सुनी है. जहां इस तरह की कई बातें होती रही हैं. लेकिन इस तरह की कहानियां बहुत इंटरेस्टिंग लगती हैं मुझे. मुंबई में रह कर भी मेरे दोस्तों यारों ने कई बार ऐसी कहानियां सुनाई है तो मुझे मजा आता है.इन सबको सुन कर. हालांकि मैं खुद इस तरह की किसी भी अंधविश्वास बातों पर मेरा भरोसा नहीं.और मेरे जान पहचान के ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने  इस तरह की कहानियों को अपनी वास्तविक जिंदगी में महसूस किया है.सो, मुझे लगता है कि ऐसे विषय फिल्मों की कहानियों का हिस्सा हो सकते हैं.

एक थी डायन के किरदार के बारे में बताएं और कैसी तैयारी की है आपने.
मेरे किरदार का नाम बिजॉय है. मैं इस फिल्म में एक मैजिशियन बना हूं. इल्यूजनिष्ट है. फिल्म में दो फेजेज में बिजॉय की कहानी है. एक तो बचपन का फेज है.जहां वह एक औरत से मिलता है और मानता है कि ये औरत एक डायन है. हालांकि उसकी फैमिली उसे कहते रहते हैं कि तुम पागल हो. लेकिन इवेन्शुअली वह सारी चीजें जब वह बड़ा होता है तो उसके साथ होती है. वही औरत उसकी जिंदगी में दोबारा वापस आती है. यही फिल्म का अहम हिस्सा है. फिल्म का अहम और दिलचस्प सस्पेंस यह भी है कि  फिल्म में तीन औरते हैं. तो तीनों में से आखिर कौन डायन है. यह फिल्म का खास सस्पेंस है.

किस तरह की तैयारी की है आपने?
मैं इस फिल्म में चूंकि इल्यूजनिष्ट का किरदार निभा रहा हूं तो मैंने एक मैजिशियन बनने की थोड़ी सी कला सीखी है. अतूल एक इल्यूजनिष्ट हैं, जिन्होंने इस फिल्म के लिए मेरी तैयारी करवाई है.उन्होंने कई सारे मैजिक इक्पमेंट दिखाये हैं, कई तरह के मैजिक सिखाये हैं. साथ ही हमने फिल्म के एक ड्रीम सीक्वेंस के लिए तीन चार दिनों का एक वर्कशॉप किया था. जिसमें हमने लाइव आॅडियंस के साथ यह परफॉर्म किया था तो वह काफी दिलचस्प पहलू रहा.

अब आप अलग तरह की फिल्मों का चुनाव कर रहे हैं  तो कोई खास स्ट्रेजी तय किया है ?
स्ट्रेजी तो नहीं बनाई है. लेकिन हां, मुझे अब स्क्रीप्ट अच्छी मिलने लगी है और लोगों ने भी मेरी काबिलियत को पहचाना है कि अब लोग मुझे सीरियसली लेने लगे हैं. मुझे ध्यान में रख कर स्क्रिप्ट लिखी जा रही है. मैं भी अब इन बातों का ध्यान रखने लगा हूं कि अगर मुझे कोई किरदार मिल रहा है तो एक तरह के किरदार बिल्कुल न निभाऊं. खुद को रिपीट न करूं और अगर रिपीट भी करूं तो उसमें कोई नयी बात हो. वह पुरानी नहीं लगनी चाहिए.  मैं ट्रेडिशनल मेनस्ट्रीम फिल्में न करता हूं और न ही करना चाहता हूं. किरदारों की प्राथमिकता वाले किरदार. खासतौर से फिल्म शांघाई ने इसमें मेरी बहुत मदद की. उस फिल्म में जो मेरा किरदार था. उस तरह का किरदार मैंने पहली बार निभाया था. मेरे लुक, मेरे किरदार की जितनी तारीफ हुई. मुझे भी लगा कि मुझे ऐसी फिल्में करनी चाहिए, जहां आपके किरदार के कई शेड्स हों. परफॉरमेंस को और उम्दा बनाने की कोशिश करते हैं तो लोगों का परशेप्शन खुद ब खुद बदलता ही जाता है.

क्या आप डायेरक्टर स के एक्टर हैं?
मैं बिलिव करता हूं कि जब भी मैं कोई फिल्म करूं.जो भी निर्देशक चाहते हैं. मैं वैसा करता हूं. लेकिन कई बार जब मैं काम करता हूं तो मुझे लगता है कि उस किरदार को लेकर मेरा अपना प्वाइंट आॅफ व्यू है. तो निर्देशक मेरी बात सुनते हैं और उसे अपनी स्क्रिप्ट में शामिल करते हैं. तो इस रूप में आप कह सकते हैं कि मैं डायरेक्टर्स एक्टर हूं

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