20140623

आॅटोबायोग्राफी का सच


हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार अध्याय हैं. और इस अध्याय की गाथा कहनी इतना आसान नहीं था. शायद यही वजह है कि पिछले कई सालों से दिलीप साहब की पत् नी सायरा बानो इस अध्याय को सहेजने की कोशिश कर रही थी. सोमवार को सायरा बानो ने दिलीप साहब की आॅटो बायोग्राफी की लांचिंग की. हिंदी सिनेमा में यह लांचिंग याद रखी जायेगी. चूंकि सायरा ने इसे भव्य तरीके से लांच किया. सायरा का मानना है कि दिलीप साहब की जिंदगी में ऐसे कई हिस्से थे, जो अब तक उन पर जितनी भी बायोग्राफी लिखी गयी है. उसमें तथ्य के रूप में शामिल नहीं किये गये हैं. इसलिए उन्हें महसूस हुआ कि उन पर तथ्यपूर्ण बायोग्राफी लिखी जाये. हाल ही में प्रेम चोपड़ा की बेटी ने प्रेम चोपड़ा की आॅटो बायोग्राफी की लांचिंग की. प्रेम चोपड़ा का दावा है कि उन्होंने इस बायोग्राफी में जितनी भी बातें की हैं. वह सच है. कई सालों पहले देव आनंद ने अपनी आॅटो बायोग्राफी की लांचिंग पर मीडिया को आमंत्रित किया था. उन्होंने इसकी लांचिंग केतनव में की थी. उन्होंने मीडिया से लंबी बातचीत की थी. लगभग 4-5 घंटे तक वह सेसन चला. देव आनंद का मानना था कि अगर आप आॅटोबायोग्राफी लिख रहे हैं. इसका मतलब है आप अपनी जिंदगी की किताब खोल रहे हैं तो फिर जिसे जो भी पूछना है. पूछें. और वह जवाब देने से भी नहीं कतराये. उस लांचिंग में जो भी पत्रकार शामिल हुए थे.वे स्वीकारते हैं कि देव आनंद जो थे, किताब में वही स्वभाविकता नजर आती है. उन्होंने कभी खुद को विशेष बनने के लिए छुप छुपाई का खेल नहीं खेला.सो, पूरी निष्ठता से सच लोगों के सामने आना चाहिए. लेकिन हकीकत यही है कि अब भी कई सितारें हैं, जो खुद की बनी बनाई इमेज से इतर होकर ईमानदार कोशिश के साथ आॅटो बायोग्राफी नहीं लिखना चाहते.

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